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कोरोना से मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप, 28 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को अवकाश होने के बाद भी इस मामले में दाखिल की गई याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई की.

mp high court ask to center
मध्य प्रदेश सरकार पर कोरोना से मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप
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Published : Apr 26, 2021, 10:00 PM IST

जबलपुर। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को अवकाश होने के बाद भी इस मामले में दाखिल की गई याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दो जजों की पीठ के समक्ष पेश किए गए आवेदन में सरकार द्वारा कोरोना से मौत के वास्तविक आंकड़े छुपाए जाने का मामला उठाया गया. इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी, जांच रिपोर्ट आने में देरी और दूसरे मुद्दे भी उठाए गए. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश अतुल श्रीधरन ने सभी मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 28 अप्रैल को तय की है.

बिल ने चुकाने पर मरीज को बनाया था बंधक कोर्ट ने लिया संज्ञान

एक अस्पताल में बिल की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर एक वृद्ध मरीज को बंधक बनाये जाने के मामले में भी कोर्ट ने संज्ञान लिया.इसके साथ ही कोरोना से संबंधित मामलों की संयुक्त सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये थे. इंदौर के वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर की तरफ से प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति सुनिश्चित कराने और इसकी मॉनीटरिंग माननीय न्यायालय द्वारा किए जाने को लेकर एक आवेदन दाखिल किया गया था. आवेदन में यह भी कहा गया था कि सरकार कोरोना वायरस से हुई मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छुपा रही है.

सरकार पेट्रोल पर वसूल रही 51 प्रतिशत टैक्स, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

ऑक्सीजन प्लांटों में हो रहा है कम उत्पादन

हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन की तरफ से पेश आवेदन में कहा गया था कि कहा गया कि बोकारों से एक ऑक्सीजन टैंकर सागर भेजा गया था, लेकिन यूपी में उसे रास्ते में रोक लिया गया, जिसे भारी मशक्कत के बाद छोड़ा गया. इस मामले में कोर्ट में नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पीठ को बताया कि सरकार द्वारा 8 जिलों के सरकारी अस्पताल में एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे जिसमें से सिर्फ पांच जिलों में एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इन जिलों में भी क्षमता से कम ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है, इसके 15 मई तक पीक में होने की संभावना है, इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है. इस संबंध में सरकार अपना एक्शन प्लान पेश करें. वहीं न्यायालय के आदेश के बावजूद भी 36 घंटे से अधिक समय में कोरोना की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो रही है.

हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
पीठ ने ऑक्सीजन ट्रक के रोके जाने जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने के निर्देश जारी करते हुए इस संबंध में केंद्र सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं. सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव मोह.सुलेमान भी कोर्ट में उपस्थित हुए वहीं महाधिवक्ता पुष्पेंद्र गौरव और एमिकस क्यूरे के रुप में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ भी मौजूद थे.

जबलपुर। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को अवकाश होने के बाद भी इस मामले में दाखिल की गई याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान दो जजों की पीठ के समक्ष पेश किए गए आवेदन में सरकार द्वारा कोरोना से मौत के वास्तविक आंकड़े छुपाए जाने का मामला उठाया गया. इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी, जांच रिपोर्ट आने में देरी और दूसरे मुद्दे भी उठाए गए. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश अतुल श्रीधरन ने सभी मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 28 अप्रैल को तय की है.

बिल ने चुकाने पर मरीज को बनाया था बंधक कोर्ट ने लिया संज्ञान

एक अस्पताल में बिल की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर एक वृद्ध मरीज को बंधक बनाये जाने के मामले में भी कोर्ट ने संज्ञान लिया.इसके साथ ही कोरोना से संबंधित मामलों की संयुक्त सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये थे. इंदौर के वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर की तरफ से प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति सुनिश्चित कराने और इसकी मॉनीटरिंग माननीय न्यायालय द्वारा किए जाने को लेकर एक आवेदन दाखिल किया गया था. आवेदन में यह भी कहा गया था कि सरकार कोरोना वायरस से हुई मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छुपा रही है.

सरकार पेट्रोल पर वसूल रही 51 प्रतिशत टैक्स, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

ऑक्सीजन प्लांटों में हो रहा है कम उत्पादन

हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन की तरफ से पेश आवेदन में कहा गया था कि कहा गया कि बोकारों से एक ऑक्सीजन टैंकर सागर भेजा गया था, लेकिन यूपी में उसे रास्ते में रोक लिया गया, जिसे भारी मशक्कत के बाद छोड़ा गया. इस मामले में कोर्ट में नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पीठ को बताया कि सरकार द्वारा 8 जिलों के सरकारी अस्पताल में एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे जिसमें से सिर्फ पांच जिलों में एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इन जिलों में भी क्षमता से कम ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है, इसके 15 मई तक पीक में होने की संभावना है, इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है. इस संबंध में सरकार अपना एक्शन प्लान पेश करें. वहीं न्यायालय के आदेश के बावजूद भी 36 घंटे से अधिक समय में कोरोना की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो रही है.

हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
पीठ ने ऑक्सीजन ट्रक के रोके जाने जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने के निर्देश जारी करते हुए इस संबंध में केंद्र सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं. सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव मोह.सुलेमान भी कोर्ट में उपस्थित हुए वहीं महाधिवक्ता पुष्पेंद्र गौरव और एमिकस क्यूरे के रुप में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ भी मौजूद थे.

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