भोपाल। कोरोना RT-PCR रिपोर्ट में सीटी वैल्यू भारत सरकार की नजर में एक गंभीर मामला है. लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इसे फालूत मानती है. कोरोना जांच में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद अब ICMR ने एक पत्र लिखकर साफ किया है, कि कोविड-19 के तहत RT-PCR टेस्ट में सीटी वैल्यू कट आफ 35 रखी जाए .
सीटी वैल्यू की cut off 35-40 हो
पांच अप्रैल 2021 को ICMR के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने महाराष्ट्र सरकार के प्रमुख सचिव डॉक्टर प्रदीप व्यास को लिखे पत्र में साफ किया है, कि दुनिया भर में सीटी वैल्यू की कट आफ रेंज 35-40 मानी गई है. ICMR ने देश भर की लेबोरेटरी से जानकारी इकट्ठा करने के बाद तय किया है, कि सीटी वैल्यू की uniform cut off होना चाहिए. इसलिए सीटी वैल्यू की कट आफ 35 होगी. इसके अनुसार अब 35 से कम होने पर पॉजिटिव और 35 से ज्यादा होने पर मरीज को निगेटिव माना जाएगा. इन परिस्थितियों में सभी सैम्पल जो 35 से कम या बराबर हैं तो उनकी आवश्यक रूप से दोबारा जांच होनी चाहिए.
रिपोर्ट में आई थी गड़बड़ी
भोपाल में कोरोना जांच रिपोर्ट को लेकर गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया था. इसमें कहा गया था कि यहां कोरोना जांच को लेकर ICMR की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. ICMR की गाइडलाइन के अनुसार सायकल थ्रेशहोल्ड(CT) वैल्यू 40 या उसके नीचे हैं तो मरीज को कोरोना पाजिटिव माना जाए.सरकारी लैब में तैयार हो रही जांच रिपोर्ट में 30 से ज्यादा और 40 से कम सीटी वैल्यू वाले मरीजों को कोविड निगेटिव बताया जा रहा है.
मध्यप्रदेश सरकार ने CT वैल्यू की रिपोर्टिंग को माना औचित्यहीन
जांच के बाद यह बात सामने आई थी कि ये गडबड़ी जान बूझकर इसलिए की गई, जिससे कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या कम दिखाई जा सके. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक भोपाल की प्रयोगशालाओं में कोरोना की qualitative RT-PCR जांचें की जा रही हैं. इन जांचों में CT वैल्यू की रिपोर्टिंग औचित्यहीन है.
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क्या है CT वैल्यू ?
CT वैल्यू शरीर में वायरस लोड बताने का पैमाना होता है. इसकी फुल फार्म cycle thrash hold होता है. सीटी वैल्यू का अर्थ है विषाणु की मात्रा. किसी कोरोना के मरीज के शरीर में विषाणु की मात्रा न के बराबर है, तो उससे संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम है.