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नारी शक्ति को सम्मान: MP में महिलाओं को सौंपी जाएगी एक जिले की कमान, जल्द होगा प्रयोग

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Published : Jul 8, 2021, 9:52 PM IST

प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए गठित मंत्रीसमूह के इस सुझाव पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सहमति दे दी है. अब प्रयोग के तौर पर मध्य प्रदेश के किसी एक जिले में सभी महिला अधिकारियों को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा.

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नारी शक्ति को सम्मान: MP में महिलाओं को सौंपी जाएगी एक जिले की कमान

भोपाल। नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक प्रयोग करने जा रही है. इस प्रयोग में प्रदेश के किसी एक जिले की पूरी कमान महिला अधिकारियों के हाथ में सौंपी जाएगी. जिले की सभी प्रशासनिक अधिकारी महिलाएं होंगी. इसके लिए जल्द ही जिले का चयन किया जाएगा. जिसके बाद इस जिले को पूरी तरह प्रशासनिक रुप से महिला अधिकारियों की हवाले कर दिया जाएगा. जिले में कलेक्टर, कमिश्नर से लेकर थाना प्रभारी तक महिलाएं ही होंगी.

नारी शक्ति को सम्मान: MP में महिलाओं को सौंपी जाएगी एक जिले की कमान

मंत्री समूह ने दिया था सुझाव

मध्यप्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों में कमी लाने उन्हें आर्थिक और सामाजिक रुप से मजबूत बनाए जाने के लिए उपाय सुझाने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया था. जिसमें प्रदेश के किसी भी एक जिले की कमान महिला अधिकारियों को सौंपने का सुझाव सामने आया था. अब इस सुझाव को प्रयोग के तौर पर अमल में लाया जा रहा है. प्रदेश के किसी भी एक जिले में सभी पदों पर महिला अधिकारियों को पदस्थ करने की तैयारी की जा रही है. अब तक किसी भी एक जिले में महिला कलेक्टर, एसपी और नगर निगम कमिश्नर तो पदस्थ रही है, लेकिन जिले के सभी पदों पर महिला अधिकारी पदस्थ नहीं की गई हैं.

सुझाव पर शिवराज भी सहमत

प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए गठित मंत्री समूह के सुझाव के बारे में सीएम से भी चर्चा की जा चुकी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसपर सहमति जताई है. हालांकि यह प्रयोग किस जिले में किया जाएगा, इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा. मंत्री के मुताबिक इससे समाज में महिलाओं को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा और अगर सरकार का यह प्रयोग सफल रहा तो इसे दूसरे जिलों में भी अपनाया जाएगा.
बाइट - ऊषा ठाकुर, मंत्री, संस्कृति

महिला सशक्तिकरण के लिए हुए अहम फैसले
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का ऑडिट करने,उनसे सभी ऐसे अंशों को हटाने के निर्देश जिनमें महिलाओं को पुरूषों की तुलना में कमजोर दिखाते हैं. पाठ्यक्रमो को जेंडर न्यूट्रल किया जाए. इसके अलावा महिला अधिकारियों, कर्मचारियों के पद नाम वाली शब्दावली का भी परीक्षण किया जा रहा है जिसके जरिए महिला पुरूषों के बीच समानता का भाव लाया जा सके. प्रदेश में अभी 17 सौ से ज्यादा महिला स्व सहायता समूह हैं, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ी हैं.स्व सहायता समूह के जरिए महिलाओं को गेहूं उपार्जन, टोल नाके के संचालन जैसे काम भी सौंपे जा रहे हैं.

सवालों में शक्तिकरण

प्रदेश में भले ही महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन बीजेपी की सरकार और संगठन में ही महिलाओं की 33 फीसदी भागीदारी दिखाई नहीं देती है. महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली सरकार की बात करें तो शिवराज मंत्रिमंडल में सिर्फ 3 महिला मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उषा ठाकुर और मीना सिंह ही शामिल हैं, जबकि बीजेपी में महिला विधायकों की संख्या सिर्फ 9 हैं. संगठन में भी नियम के मुताबिक 33 फीसदी महिलाओं की भागीदारी अभी तक संभव नहीं हो पाई है.

भोपाल। नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक प्रयोग करने जा रही है. इस प्रयोग में प्रदेश के किसी एक जिले की पूरी कमान महिला अधिकारियों के हाथ में सौंपी जाएगी. जिले की सभी प्रशासनिक अधिकारी महिलाएं होंगी. इसके लिए जल्द ही जिले का चयन किया जाएगा. जिसके बाद इस जिले को पूरी तरह प्रशासनिक रुप से महिला अधिकारियों की हवाले कर दिया जाएगा. जिले में कलेक्टर, कमिश्नर से लेकर थाना प्रभारी तक महिलाएं ही होंगी.

नारी शक्ति को सम्मान: MP में महिलाओं को सौंपी जाएगी एक जिले की कमान

मंत्री समूह ने दिया था सुझाव

मध्यप्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों में कमी लाने उन्हें आर्थिक और सामाजिक रुप से मजबूत बनाए जाने के लिए उपाय सुझाने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया था. जिसमें प्रदेश के किसी भी एक जिले की कमान महिला अधिकारियों को सौंपने का सुझाव सामने आया था. अब इस सुझाव को प्रयोग के तौर पर अमल में लाया जा रहा है. प्रदेश के किसी भी एक जिले में सभी पदों पर महिला अधिकारियों को पदस्थ करने की तैयारी की जा रही है. अब तक किसी भी एक जिले में महिला कलेक्टर, एसपी और नगर निगम कमिश्नर तो पदस्थ रही है, लेकिन जिले के सभी पदों पर महिला अधिकारी पदस्थ नहीं की गई हैं.

सुझाव पर शिवराज भी सहमत

प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए गठित मंत्री समूह के सुझाव के बारे में सीएम से भी चर्चा की जा चुकी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसपर सहमति जताई है. हालांकि यह प्रयोग किस जिले में किया जाएगा, इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा. मंत्री के मुताबिक इससे समाज में महिलाओं को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा और अगर सरकार का यह प्रयोग सफल रहा तो इसे दूसरे जिलों में भी अपनाया जाएगा.
बाइट - ऊषा ठाकुर, मंत्री, संस्कृति

महिला सशक्तिकरण के लिए हुए अहम फैसले
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का ऑडिट करने,उनसे सभी ऐसे अंशों को हटाने के निर्देश जिनमें महिलाओं को पुरूषों की तुलना में कमजोर दिखाते हैं. पाठ्यक्रमो को जेंडर न्यूट्रल किया जाए. इसके अलावा महिला अधिकारियों, कर्मचारियों के पद नाम वाली शब्दावली का भी परीक्षण किया जा रहा है जिसके जरिए महिला पुरूषों के बीच समानता का भाव लाया जा सके. प्रदेश में अभी 17 सौ से ज्यादा महिला स्व सहायता समूह हैं, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ी हैं.स्व सहायता समूह के जरिए महिलाओं को गेहूं उपार्जन, टोल नाके के संचालन जैसे काम भी सौंपे जा रहे हैं.

सवालों में शक्तिकरण

प्रदेश में भले ही महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन बीजेपी की सरकार और संगठन में ही महिलाओं की 33 फीसदी भागीदारी दिखाई नहीं देती है. महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली सरकार की बात करें तो शिवराज मंत्रिमंडल में सिर्फ 3 महिला मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उषा ठाकुर और मीना सिंह ही शामिल हैं, जबकि बीजेपी में महिला विधायकों की संख्या सिर्फ 9 हैं. संगठन में भी नियम के मुताबिक 33 फीसदी महिलाओं की भागीदारी अभी तक संभव नहीं हो पाई है.

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