भोपाल। मध्यप्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नदी में टावर स्थापित करने का नवाचार किया है. प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार में पाइल फाउंडेशन पर अति उच्च दाब टावरों का निर्माण किया है. बताया गया है कि लगभग 31 करोड़ की लागत से कंपनी ने यह टावर मोहासा ग्राम के पास से गुजरने वाली तवा नदी में निर्मित किया है. ये लाइन गत दिवस ऊजीर्कृत की गई. कंपनी ने 132 केवी बुधनी मोहासा (बावई) डीसीडीएस (डबल सर्किट डबल स्ट्रिंगिंग) लाइन के 2.5 किलोमीटर लंबाई के बीच में चार टावरों के निर्माण में पाइल फाउंडेशन तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया है.
नदी के अंदर पाइल फाउंडेशन बनाकर टावर्स का हुआ निर्माण: कंपनी के सामने पूर्व में भी नदी, तालाब, नाले आदि क्रास कर अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है. प्राय: नदी के दोनों छोर पर लंबे स्पैन के साथ इनका निर्माण किया जाता था. इससे निर्माण के साथ रख-रखाव में भी दिक्कत आती थी। इस नई तकनीक को अपनाने से अब नदी के अंदर ही पाइल फाउंडेशन बनाकर इन टावर्स का निर्माण किया गया है.
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ये तकनीक ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए मील का पत्थर: कंपनी के योजना एवं रूपांकन संकाय के मुख्य अभियंता इंजीनियर संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि- " कंपनी द्वारा पहली बार उपयोग लाई जा रही यह तकनीक ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इसके लिए कंपनी ने विशेष डिजाइन के फाउंडेशन तैयार करवाये हैं. यह तकनीक जलमग्न और असमान भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्र में निर्माण कार्य को काफी लचीलापन प्रदान करती है, जिससे लाइनों के निर्माण में आवश्यकतानुसार परिवर्तन और बाद में रख-रखाव में आसानी रहती है.(MP Electricity towers built in River) (MP Electricity towers in River )
(आईएएनएस)