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पहली-दूसरी से ज्यादा घातक कोरोना की तीसरी लहर! ओमीक्रॉन BA.2 ने भी बढाई चिंता, चपेट में भारत सहित 40 देश - covid 2nd wave Vs 3rd wave

MP में कोरोना बेलगाम हो चुका है. जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, (mp corona update) उससे लग रहा है कि आने वाले दो दिनों में यह दूसरी लहर के रिकॉर्ड तोड़ देगा. कोरोना की सेकेंड वेव में 13 हजार के लगभग अधिकतम मरीज मिले थे, जबकि राज्य में शनिवार को ही 11,274 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. मगर इन सबके बीच एक बुरी खबर ओमीक्रॉन बीए.2 को लेकर है. (India omicron ba2 variant concern) अब इस वैरिएंट ने भी चिंता बढा दी है. यह भारत समेत 40 देशों तक फैल चुका है.

corona case in madhya pradesh
एमपी में कोरोना केस
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Published : Jan 23, 2022, 9:55 AM IST

Updated : Jan 23, 2022, 10:18 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर घातक (corona case in madhya pradesh) हो गई है. पहली दो लहरों के मुकाबले तीसरी लहर खतरनाक शक्ल अख्तियार कर रही है. पहली लहर में जहां पीक टाइम पर एक्टिव मरीज 6000 से अधिक थे. दूसरी लहर में एक्टिव मरीजों का यह आंकड़ा 89 हजार से अधिक था. तीसरी लहर में सिर्फ 15 दिनों में ही यह आंकड़ा 61 हजार पार पहुंच गया है. ऐसे में आशंका है कि तीसरी लहर अगले 2 से 3 दिनों में ही विकराल रूप दिखाएगी.
पहली-दूसरी-तीसरी लहर की रफ्तार
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट्स के अनुसार जनवरी के आखिरी सप्ताह और फरवरी के शुरुआती दौर में कोरोना पीक पर होगा.

  • पहली लहर का पीक टाइम सितंबर 2020 का महीना था. उस समय कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 63000 से अधिक थी, जबकि एक्टिव मरीज 6000 से अधिक थे.
  • दूसरी लहर में अप्रैल 2021 में करोना पीक टाइम पर था. तब प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 2,75,000 से अधिक थी, जबकि एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 89 हजार के आसपास थी.
  • इधर तीसरी लहर की अगर बात की जाए तो अभी तक एक्टिव मरीजों की संख्या 61 हजार से अधिक हो गई है. (third wave break second wave record)

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ मजबूत
फर्स्ट और सेकेंड वेव के मुकाबले थर्ड वेव में सिर्फ ट्रीटमेंट पॉजिटिव इंडिकेटर्स शो कर रही है. सेकेंड वेव के दौरान हेल्थ को लेकर जितनी भी खामियां थीं, वे सुधारी गईं. हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए. ताकि थर्ड वेव में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी की जान न जाए. इसके लिए वेंटिलेटर, कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए. कई संसाधन हॉस्पिटलों में दिए गए. (corona third wave)
एमपी में भी तीसरी लहर से खौफ
प्रदेश में पहला कोरोना मरीज 20 मार्च 2020 को जबलपुर में मिला था. भोपाल में 22 मार्च 2020 को पहला मरीज मिला था. 2020 के 4 सितंबर तक एक्टिव मरीजों की संख्या 63000 से अधिक थी. दूसरी लहर में पीक समय 25 अप्रैल 2021 को माना गया था. जब सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज 1 दिन में मिले थे, जिनकी संख्या 13,601 थी. तीसरी लहर में मात्र 15 दिन में ही पॉजिटिव मरीजों की 1 दिन की संख्या 11,274 से अधिक हो गई है और कुल एक्टिव मरीज 61 हजार से अधिक हैं.
पिछले 7 दिनों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या

दिनांकमरीजों की संख्या
2211274
219603
209385
197597
187154
176907
166380

MP में जीनोम सीक्वेंसिंग की हवा-हवाई तैयारी! ओमीक्रॉन की जांच के लिए दिल्ली पर रहेगा निर्भर
मध्यप्रदेश कोरोना सलाहकार समिति के सदस्य एसपी दुबे कहते हैं कि तीसरी लहर में पीक टाइम अब जल्दी आने को है. या यूं कहें आ चुका है क्योंकि जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही कोरोना अपने पीक समय पर होगा. इसलिए लोगों को पूरी सावधानी के साथ रहना होगा.

ओमीक्रॉन बीए.2 की आमद (India omicron ba2 variant concern)

भारत समेत दुनिया के कई देशों में ओमीक्रॉन बीए.2 दस्तक दे चुका है. ब्रिटेन में इसके 426 मामले पकड़ में आ चुके हैं. इसकी पहचान जीनोम सिक्वेंसिंग से हो रही है. यह वैरिएंट बीए.1 की तरह म्यूटेट नहीं करता. लिहाजा इसे डेल्टा से अलग नहीं माना जा रहा. मीडिया रिपोर्ट्स में भारत, फ्रांस, ब्रिटेन और डेनमार्क समेत 40 देशों में इसके पहुंचने की आशंका जताई जा चुकी है. इसकी संक्रमण क्षमता सबसे तेज है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर घातक (corona case in madhya pradesh) हो गई है. पहली दो लहरों के मुकाबले तीसरी लहर खतरनाक शक्ल अख्तियार कर रही है. पहली लहर में जहां पीक टाइम पर एक्टिव मरीज 6000 से अधिक थे. दूसरी लहर में एक्टिव मरीजों का यह आंकड़ा 89 हजार से अधिक था. तीसरी लहर में सिर्फ 15 दिनों में ही यह आंकड़ा 61 हजार पार पहुंच गया है. ऐसे में आशंका है कि तीसरी लहर अगले 2 से 3 दिनों में ही विकराल रूप दिखाएगी.
पहली-दूसरी-तीसरी लहर की रफ्तार
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट्स के अनुसार जनवरी के आखिरी सप्ताह और फरवरी के शुरुआती दौर में कोरोना पीक पर होगा.

  • पहली लहर का पीक टाइम सितंबर 2020 का महीना था. उस समय कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 63000 से अधिक थी, जबकि एक्टिव मरीज 6000 से अधिक थे.
  • दूसरी लहर में अप्रैल 2021 में करोना पीक टाइम पर था. तब प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 2,75,000 से अधिक थी, जबकि एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 89 हजार के आसपास थी.
  • इधर तीसरी लहर की अगर बात की जाए तो अभी तक एक्टिव मरीजों की संख्या 61 हजार से अधिक हो गई है. (third wave break second wave record)

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ मजबूत
फर्स्ट और सेकेंड वेव के मुकाबले थर्ड वेव में सिर्फ ट्रीटमेंट पॉजिटिव इंडिकेटर्स शो कर रही है. सेकेंड वेव के दौरान हेल्थ को लेकर जितनी भी खामियां थीं, वे सुधारी गईं. हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए. ताकि थर्ड वेव में जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी की जान न जाए. इसके लिए वेंटिलेटर, कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए. कई संसाधन हॉस्पिटलों में दिए गए. (corona third wave)
एमपी में भी तीसरी लहर से खौफ
प्रदेश में पहला कोरोना मरीज 20 मार्च 2020 को जबलपुर में मिला था. भोपाल में 22 मार्च 2020 को पहला मरीज मिला था. 2020 के 4 सितंबर तक एक्टिव मरीजों की संख्या 63000 से अधिक थी. दूसरी लहर में पीक समय 25 अप्रैल 2021 को माना गया था. जब सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज 1 दिन में मिले थे, जिनकी संख्या 13,601 थी. तीसरी लहर में मात्र 15 दिन में ही पॉजिटिव मरीजों की 1 दिन की संख्या 11,274 से अधिक हो गई है और कुल एक्टिव मरीज 61 हजार से अधिक हैं.
पिछले 7 दिनों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या

दिनांकमरीजों की संख्या
2211274
219603
209385
197597
187154
176907
166380

MP में जीनोम सीक्वेंसिंग की हवा-हवाई तैयारी! ओमीक्रॉन की जांच के लिए दिल्ली पर रहेगा निर्भर
मध्यप्रदेश कोरोना सलाहकार समिति के सदस्य एसपी दुबे कहते हैं कि तीसरी लहर में पीक टाइम अब जल्दी आने को है. या यूं कहें आ चुका है क्योंकि जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही कोरोना अपने पीक समय पर होगा. इसलिए लोगों को पूरी सावधानी के साथ रहना होगा.

ओमीक्रॉन बीए.2 की आमद (India omicron ba2 variant concern)

भारत समेत दुनिया के कई देशों में ओमीक्रॉन बीए.2 दस्तक दे चुका है. ब्रिटेन में इसके 426 मामले पकड़ में आ चुके हैं. इसकी पहचान जीनोम सिक्वेंसिंग से हो रही है. यह वैरिएंट बीए.1 की तरह म्यूटेट नहीं करता. लिहाजा इसे डेल्टा से अलग नहीं माना जा रहा. मीडिया रिपोर्ट्स में भारत, फ्रांस, ब्रिटेन और डेनमार्क समेत 40 देशों में इसके पहुंचने की आशंका जताई जा चुकी है. इसकी संक्रमण क्षमता सबसे तेज है.

Last Updated : Jan 23, 2022, 10:18 AM IST
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