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War On Hedgewar संघ पर एमपी में छिड़ी नई सियासी बहस, क्या हेडगेवार आजादी के आंदोलन का हिस्सा बने थे, कांग्रेस ने मांगा प्रमाण

सीएम शिवराज सिंह पहले हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह का जिक्र करते हुए संग्रहालय बनाने का एलान कर चुके हैं. अब कैबिनेट की बैठक के पहले संघ के संस्थापक हेडगेवार को लेकर सीएम शिवराज का बयान आया है कि वे बचपन से ही क्रांतिकारी रहे थे, लेकिन उनके जीवन का ये पक्ष कभी सामने नहीं आया. जिसपर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि संघ के किसी भी व्यक्ति का स्वाधीनता आंदोलन में कोई योगदान नहीं है. cm shivraj singh, rss founder hedgewar , hedgewar freedom fighter

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Etv Bharatएमपी में हेडगेवार पर नई बहस
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Published : Sep 6, 2022, 8:02 PM IST

भोपाल. आरएसएस के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान मध्यप्रदेश में सियासत का नया मुद्दा बन गया है. हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह पर संग्रहालय बनाने का एलान कर चुके सीएम शिवराज ने बताया कि वे क्रांतिकारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो बाल्यकाल से ही रहे लेकिन उनका ये पक्ष कभी सामने नहीं आ पाया. शिवराज ने उन किस्सों का भी जिक्र करके बताया कि कैसे स्कूल में पढते हुए ही उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफत शुरु कर दी थी. संघ के आजादी में योगदान को लेकर प्रमाण मांग रही कांग्रेस शिवराज के बयान आपत्ति जता रही है. कांग्रेस की दलील है कि हेडगेवार कांग्रेस में रहते ही स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बने थे. कांग्रेस का कहना है कि संघ के किसी व्यक्ति का स्वाधीनता आंदोलन में शामिल होने का कोई प्रमाण नहीं है.

  • रामपायली की पवित्र धरती पर कल पहुंचकर महान क्रांतिकारी,परमपूज्य स्व. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी को नमन् किया। इसी पावन धरा से उन्होंने अनेक क्रांतिकारी गतिविधियां संचालित की थीं। पूज्य डॉ. हेडगेवार जी की स्मृति में यहां ऐसा स्मारक बनायेंगे,जो सबको देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। https://t.co/a0QdPde6qq pic.twitter.com/7w1Nt8FuPW

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बचपन से स्वतंत्रता सेनानी थे हेडगेवार: अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार हेडगेवार का संग्रहालय बनाकर देश को ये बताएगी कि आरएसएस का आजादी के आंदोलन में क्या योगदान रहा है. इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह पहले हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह का जिक्र करते हुए संग्रहालय बनाने का एलान कर चुके हैं. अब कैबिनेट की बैठक के पहले संघ के संस्थापक हेडगेवार को लेकर सीएम शिवराज का बयान आया है कि वे बचपन से ही क्रांतिकारी रहे थे, लेकिन उनके जीवन का ये पक्ष कभी सामने नहीं आया.

MP चुनाव से पहले संघम शरणम गच्छामि, शिवराज को क्यों याद आए हेडगेवार, बालाघाट में बनवाएंगे स्मारक

शिवराज ने सुनाए हेडगेवार से जुड़े प्रसंग: सीएम शिवराज ने हेडगेवार के स्वाधीनता संग्राम से जुड़े कई प्रसंग बताए. उन्होने बताया कि आठ नौ बरस की उम्र में हेडगेवार रानी विक्टोरिया की 60 वीं सालगिरह के कार्यक्रम से मिली मिठाई फेंक कर आ गए थे. पूछा गया कि मिठाई क्यों नहीं खाई तो जवाब दिया कि अंग्रेजों ने हमारे हिंदुस्तान, हमारे भोसले खानदान के खिलाफ काम किया है, हम इनके समारोह में कैसे हिस्सा ले सकते हैं और इनकी दी हुई मिठाई कैसे खा सकते हैं. हेडगेवार ने अंग्रेजों के एक सर्कुलर का उल्लंघन भी किया था, इस सर्कुलर में कहा गया था कि कोई भी वंदे मातरम का गायन नहीं कर सकता था. इसका विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया. आगे पढ़ने जब कलकत्ता गए तो बंगाल के क्रांतिकारियों से मिलकर अनुशीलन समिति में जुड़े. 1916 में लोकमान्य तिलक से प्रभावित होकर हेडगेवार स्वाधीनता आंदोलन के लिए काम करने लगे. 1914 से 1925 के बीच एमपी में बालाघाट के रामयपायली में रहकर भारतीय स्वंधीनता आंदोलन का हिस्सा बने.

कांग्रेस का आरोप शिवराज का ज्ञान अधूरा : कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा आरोप लगाते हैं कि सीएम शिवराज अधूरा ज्ञान परोस रहे हैं. वे कहते हैं ये बात सच है कि हेडगेवार जी जेल गए थे लेकिन वे कांग्रेस पार्टी के स्वयंसेवक की तरह जेल गए. मिश्रा के मुताबिक जब काग्रेस के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ उनकी भी पिटाई हुई तो जेल से छूटने के बाद उन्होंने कभी कांग्रेस का मूंह नहीं देखा. मिश्रा कहते हैं कि हेडगेवार तभी आजादी के आंदोलन में दिखे जब वे डेप्यूटेशन पर कांग्रेस में थे. मिश्रा चुनौती देने वाले लहज़े में कहते हैं, संघ का कौन सा व्यक्ति आजादी के आंदोलन में रहा मुख्यमंत्री प्रमाण के साथ बताएं. संघ से जुड़े किसी एक व्यक्ति का नाम बता दें जिसने संघ में रहते हुए आजादी के आंदोलन में योगदान दिया हो.

भोपाल. आरएसएस के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान मध्यप्रदेश में सियासत का नया मुद्दा बन गया है. हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह पर संग्रहालय बनाने का एलान कर चुके सीएम शिवराज ने बताया कि वे क्रांतिकारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो बाल्यकाल से ही रहे लेकिन उनका ये पक्ष कभी सामने नहीं आ पाया. शिवराज ने उन किस्सों का भी जिक्र करके बताया कि कैसे स्कूल में पढते हुए ही उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफत शुरु कर दी थी. संघ के आजादी में योगदान को लेकर प्रमाण मांग रही कांग्रेस शिवराज के बयान आपत्ति जता रही है. कांग्रेस की दलील है कि हेडगेवार कांग्रेस में रहते ही स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बने थे. कांग्रेस का कहना है कि संघ के किसी व्यक्ति का स्वाधीनता आंदोलन में शामिल होने का कोई प्रमाण नहीं है.

  • रामपायली की पवित्र धरती पर कल पहुंचकर महान क्रांतिकारी,परमपूज्य स्व. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी को नमन् किया। इसी पावन धरा से उन्होंने अनेक क्रांतिकारी गतिविधियां संचालित की थीं। पूज्य डॉ. हेडगेवार जी की स्मृति में यहां ऐसा स्मारक बनायेंगे,जो सबको देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। https://t.co/a0QdPde6qq pic.twitter.com/7w1Nt8FuPW

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बचपन से स्वतंत्रता सेनानी थे हेडगेवार: अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार हेडगेवार का संग्रहालय बनाकर देश को ये बताएगी कि आरएसएस का आजादी के आंदोलन में क्या योगदान रहा है. इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह पहले हेडगेवार के जंगल सत्याग्रह का जिक्र करते हुए संग्रहालय बनाने का एलान कर चुके हैं. अब कैबिनेट की बैठक के पहले संघ के संस्थापक हेडगेवार को लेकर सीएम शिवराज का बयान आया है कि वे बचपन से ही क्रांतिकारी रहे थे, लेकिन उनके जीवन का ये पक्ष कभी सामने नहीं आया.

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शिवराज ने सुनाए हेडगेवार से जुड़े प्रसंग: सीएम शिवराज ने हेडगेवार के स्वाधीनता संग्राम से जुड़े कई प्रसंग बताए. उन्होने बताया कि आठ नौ बरस की उम्र में हेडगेवार रानी विक्टोरिया की 60 वीं सालगिरह के कार्यक्रम से मिली मिठाई फेंक कर आ गए थे. पूछा गया कि मिठाई क्यों नहीं खाई तो जवाब दिया कि अंग्रेजों ने हमारे हिंदुस्तान, हमारे भोसले खानदान के खिलाफ काम किया है, हम इनके समारोह में कैसे हिस्सा ले सकते हैं और इनकी दी हुई मिठाई कैसे खा सकते हैं. हेडगेवार ने अंग्रेजों के एक सर्कुलर का उल्लंघन भी किया था, इस सर्कुलर में कहा गया था कि कोई भी वंदे मातरम का गायन नहीं कर सकता था. इसका विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया. आगे पढ़ने जब कलकत्ता गए तो बंगाल के क्रांतिकारियों से मिलकर अनुशीलन समिति में जुड़े. 1916 में लोकमान्य तिलक से प्रभावित होकर हेडगेवार स्वाधीनता आंदोलन के लिए काम करने लगे. 1914 से 1925 के बीच एमपी में बालाघाट के रामयपायली में रहकर भारतीय स्वंधीनता आंदोलन का हिस्सा बने.

कांग्रेस का आरोप शिवराज का ज्ञान अधूरा : कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा आरोप लगाते हैं कि सीएम शिवराज अधूरा ज्ञान परोस रहे हैं. वे कहते हैं ये बात सच है कि हेडगेवार जी जेल गए थे लेकिन वे कांग्रेस पार्टी के स्वयंसेवक की तरह जेल गए. मिश्रा के मुताबिक जब काग्रेस के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ उनकी भी पिटाई हुई तो जेल से छूटने के बाद उन्होंने कभी कांग्रेस का मूंह नहीं देखा. मिश्रा कहते हैं कि हेडगेवार तभी आजादी के आंदोलन में दिखे जब वे डेप्यूटेशन पर कांग्रेस में थे. मिश्रा चुनौती देने वाले लहज़े में कहते हैं, संघ का कौन सा व्यक्ति आजादी के आंदोलन में रहा मुख्यमंत्री प्रमाण के साथ बताएं. संघ से जुड़े किसी एक व्यक्ति का नाम बता दें जिसने संघ में रहते हुए आजादी के आंदोलन में योगदान दिया हो.

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