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दमोह उपचुनाव: 17 अप्रैल को वोटिंग, 2 मई को मतगणना - damoh by election

चुनाव आयोग ने आंध्र और कर्नाटक में दो संसदीय क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों के 14 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है. दमोह में भी 17 अप्रैल को उपचुनाव होंगे. दो मई को उपचुनाव का नतीजा आएगा.

mp bye election
दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव
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Published : Mar 16, 2021, 6:18 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 10:23 AM IST

भोपाल । दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव होगा. दो मई को उपचुनाव का नतीजा आएगा. केन्द्रीय चुनाव आयोग ने आज इसकी घोषणा की. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दो संसदीय क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों में 14 निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए भी 17 अप्रैल को मतदान होगा.

लग गई चुनाव आचार संहिता

अधिसूचना जारी होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर तरुण राठी ने तत्काल प्रभाव से क्षेत्र में आचार संहिता लागू कर दी है.आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब दमोह विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह की घोषणाएं, भूमि पूजन, लोकार्पण समारोह, धरना, प्रदर्शन, चक्का जाम पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा किसी भी निर्माण कार्य के नवीन टेंडर और नवीन निर्माण कार्य नहीं होंगे.

bye election in damoh
दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव

कब क्या होगा?

निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार 23 मार्च से नामांकन जमा करने की प्रक्रिया शुरू होगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 मार्च होगी. तीन अप्रैल को नाम वापसी, 17 अप्रैल को वोटिंग और दो मई मतगणना के साथ ही परिणाम घोषित किए जाएंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी तरुण राठी ने आमजन से आदर्श आचार संहिता का पालन करने की अपील की है.

राहुल लोधी ने दिया था इस्तीफा

कांग्रेस से टिकट लेकर दमोह विधानसभा सीट से जीतने वाले राहुल लोधी ने 25 अक्टूबर को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. जुलाई में राहुल लोधी के चचेरे भाई प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बड़ा मलहरा के विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था. साल 2003 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दमोह आए थे. उसी समय राहुल लोधी ने कांग्रेस का दामन थामा था और वह तब से लेकर अब तक कांग्रेस के ही साथ रहे.

बीजेपी से सीट छीनी थी राहुल लोधी ने

कांग्रेस ने ही उन्हें दमोह विधानसभा में अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए यह सीट भाजपा से छीन कर कांग्रेस के पाले में डाली थी. राहुल सिंह लोधी ने प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया को हराया था.

फिर से राहुल लोधी को बीजेपी का मिल सकता टिकट

25 अक्टूबर को दमोह विधायक राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. उनके इस्तीफे के बाद दमोह विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी. जिससे उपचुनाव होना तय हो गया था. पिछले महीने 27 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का दमोह आगमन हुआ था. उन्होंने मंच से ही राहुल लोधी को भाजपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. जिससे इतना तो तय हो गया कि भाजपा के टिकट पर राहुल सिंह का चुनाव लड़ना लगभग फाइनल है.

भोपाल, इंदौर में नाइट कर्फ्यू: 8 शहरों में रात 10 बजे बाजार बंद

जयंत मलैया की नाराजगी कैसे होगी दूर ?

अब बीजेपी के सामने मुश्किल ये होगी कि जयंत मलैया की नाराजगी को दूर कैसे करें. सूत्रों के मुताबिक उपचुनाव में राहुल लोधी के खिलाफ जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ ताल ठोक सकते हैं.

भोपाल । दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव होगा. दो मई को उपचुनाव का नतीजा आएगा. केन्द्रीय चुनाव आयोग ने आज इसकी घोषणा की. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दो संसदीय क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों में 14 निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए भी 17 अप्रैल को मतदान होगा.

लग गई चुनाव आचार संहिता

अधिसूचना जारी होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर तरुण राठी ने तत्काल प्रभाव से क्षेत्र में आचार संहिता लागू कर दी है.आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब दमोह विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह की घोषणाएं, भूमि पूजन, लोकार्पण समारोह, धरना, प्रदर्शन, चक्का जाम पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा किसी भी निर्माण कार्य के नवीन टेंडर और नवीन निर्माण कार्य नहीं होंगे.

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दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव

कब क्या होगा?

निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार 23 मार्च से नामांकन जमा करने की प्रक्रिया शुरू होगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 मार्च होगी. तीन अप्रैल को नाम वापसी, 17 अप्रैल को वोटिंग और दो मई मतगणना के साथ ही परिणाम घोषित किए जाएंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी तरुण राठी ने आमजन से आदर्श आचार संहिता का पालन करने की अपील की है.

राहुल लोधी ने दिया था इस्तीफा

कांग्रेस से टिकट लेकर दमोह विधानसभा सीट से जीतने वाले राहुल लोधी ने 25 अक्टूबर को कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. जुलाई में राहुल लोधी के चचेरे भाई प्रद्युम्न सिंह लोधी ने बड़ा मलहरा के विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था. साल 2003 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दमोह आए थे. उसी समय राहुल लोधी ने कांग्रेस का दामन थामा था और वह तब से लेकर अब तक कांग्रेस के ही साथ रहे.

बीजेपी से सीट छीनी थी राहुल लोधी ने

कांग्रेस ने ही उन्हें दमोह विधानसभा में अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए यह सीट भाजपा से छीन कर कांग्रेस के पाले में डाली थी. राहुल सिंह लोधी ने प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया को हराया था.

फिर से राहुल लोधी को बीजेपी का मिल सकता टिकट

25 अक्टूबर को दमोह विधायक राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. उनके इस्तीफे के बाद दमोह विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी. जिससे उपचुनाव होना तय हो गया था. पिछले महीने 27 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का दमोह आगमन हुआ था. उन्होंने मंच से ही राहुल लोधी को भाजपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. जिससे इतना तो तय हो गया कि भाजपा के टिकट पर राहुल सिंह का चुनाव लड़ना लगभग फाइनल है.

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जयंत मलैया की नाराजगी कैसे होगी दूर ?

अब बीजेपी के सामने मुश्किल ये होगी कि जयंत मलैया की नाराजगी को दूर कैसे करें. सूत्रों के मुताबिक उपचुनाव में राहुल लोधी के खिलाफ जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ ताल ठोक सकते हैं.

Last Updated : Mar 17, 2021, 10:23 AM IST
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