भोपाल। बुधवार को कांग्रेस के हंगामे के बीच विधानसभा में बजट पेश किया गया. बीेजेपी इस बजट को रामराज्य के युग की शुरुआत बता रही है, तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि ये बजट सिर्फ कागजी है. आइए जानतें हैं मध्यप्रदेश सरकार के बजट पर भाजपा के और कांग्रेस की मंत्रियों की राय.
कांग्रेस ने किया जनता का अपमान
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का बजट को लेकर कहना है कि, स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में बजट बढ़ाया गया है. मेडीकल कालेजों की संख्या बढाई जा रही है, इससे लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा और उनके लिए बेहतर इलाज मिलेगा. वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि, कांग्रेस ने सदन में हंगामा मचाया जो कि संसदीय मर्यादा के खिलाफ है. कांग्रेस ने जनता का अपमान किया है. उनका कहना है कि, सकल घरेलु उत्पाद के मामले में मप्र की दर 19 प्रतिशत से ज्यादा रही हैं, और यह अपने आप में एक रिकार्ड है. उन्होंने इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दिया. सारंग ने कहा कि, सीएम का विजन साफ है कि मप्र विकास के नए आयाम छुए.
कांग्रेस बजट सुनती तो बेहतर होता
प्रदेश के बजट के दौरान मचे हंगामे को लेकर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस ने लोकतंत्र के मंदिर में अलोकतांत्रितक काम किया है. हंगामा करने के पहले कांग्रेस विधायकों को बजट सुनना चाहिए था, यदि उसमें कुछ गलत लगता तो हंगामा करते. उन्होंने कही कि, कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब हम भी उन्हें शांति से सुनते थे, लेकिन अब तो कांग्रेस सुन ही नहीं रही.
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ये बजट नहीं चुनावी बजट
वहीं बजट के लेकर कांग्रेस के पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि, मुख्यमंत्री हो या फिर पीएम, किसानों के खाते में राशि डालने के लिए क्लिक तो होता है, लेकिन ये पैसा कहां पहुंचता है? ये बात बीजेपी सरकार को बतानी चाहिए. उन्होंने कहा कि, ये बजट सिर्फ ढिढोंरा पीटने का है, असल में इस बजट में जनता के लिए कुछ भी नहीं है. कमलेश्वर पटेल का कहना है कि, कांग्रेस सरकार के बजट में धरातल पर काम दिखा था, लेकिन ये तो चुनावी बजट है और कुछ नहीं.