भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव में भले ही एक साल से ज्यादा का समय हो, मगर दोनों प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने चिंता बढ़ाने का काम कर दिया है, क्योंकि जयस राज्य की 47 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं और उनमें से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, वहीं कुल 84 सीटें ऐसी हैं जिनमें आदिवासी निर्णायक भूमिका में हैं.
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पिछले चुनावों में स्थिति: बीते चुनावों पर गौर करें तो वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी की 47 सीटों में से भाजपा 31 सीटों पर जीती थी, वहीं कांग्रेस के हिस्से में 15 सीटें आई थीं. इसके बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में तस्वीर एकदम बदल गई क्योंकि भाजपा को 47 सीटों में से सिर्फ 16 सीट मिली, वहीं कांग्रेस 15 से बढ़कर 30 पर पहुंच गई. अगर देखें तो जो 84 सीटें आदिवासी बाहुल्य हैं उनमें से भाजपा को 2013 में 59 सीटें मिली थी और 2018 में घटकर 34 रह गई. इस तरह 25 सीटों का भाजपा को घाटा हुआ था.
2023 के विधानसभा चुनाव में जयस 47 आरक्षित सीटों पर लड़ेगी: जयस के प्रमुख और वर्तमान में कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरालाल अलावा साफ तौर पर कह चुके हैं कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में जयस 47 आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ेगी. डॉ. अलावा के इस ऐलान ने कांग्रेस व भाजपा दोनों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, यही कारण है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में मालवा अंचल से तिरंगा यात्रा की शुरूआत कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी आदिवासियों के बीच पैठ को और बढ़ाने में लगी हुई है. (MP Assembly Elections 2023 )(Jayas to contest on 47 reserved seats in MP)(Jayas raises concerns for BJP and Congress in MP)