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MP Adulterated Mawa: त्यौहारों में बढ़ जाती है नकली मावा की खपत, व्यापारियों ने बदला नकली मावा की सप्लाई का तरीका

फैस्टिव सीजन में नकली मावा की सप्लाई बढ़ जाती है. खाद्य सुरक्षा विभाग कार्रवाई तो जरूर करता है लेकिन अब व्यापारियों ने भी मावा की सप्लाई का तरीका बदल दिया है. पहले मावा जहां बसों में लोड होकर आता था, वहीं अब ट्रेनों से भी पिछले कई सालों से नकली मावा अवैध रूप से आ रहा है. (MP Adulterated Mawa) (adulterated mawa supply increases in festivals )

MP Adulterated Mawa
नकली मावा
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Published : Oct 17, 2022, 4:47 PM IST

भोपाल। त्योहार आते ही एक ओर मावे की खपत बढ़ जाती है. वहीं दूसरी और नकली मावा भी धड़ल्ले से बाजार में बिकता है. नकली मावे पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार होटलों और अन्य दुकानों पर कार्रवाई भी करता है, लेकिन फिर भी नकली मावा धड़ल्ले से बिक जाता है. इसका कारण नकली मावा बेचने वाले दुकानदारों और ठेकेदारों ने मावा सप्लाई का तरीका बदला है. जिला खाद एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी देवेंद्र दुबे के अनुसार- " पहले जहां बसों में नकली मावे की डलिया से सप्लाई होती थी, वहीं अब ट्रेनों के माध्यम से नकली मावा आता है, जिसको लेकर लगातार निगरानी की जा रही है और कार्रवाई की जाती है.

MP Adulterated Mawa
नकली मावा

ग्वालियर बस स्टैंड से पकड़ा गया नकली मावा, इंदौर भेजने की थी तैयारी! सैंपलिंग के लिए लैब भेजा गया

मावा सप्लाई का तरीका बदला: दुबे के अनुसार- "नकली मावे की सबसे ज्यादा आमद नॉर्थ एरिया से मध्य प्रदेश में होती है. जिसमें ग्वालियर, भिंड आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नकली मावा मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में पहुंचता है. इसके लिए नकली मावे के ठेकेदार और दुकानदार बसों और प्राइवेट वाहनों का सहारा लेते हैं, लेकिन खाद्य विभाग की लगातार चेकिंग के चलते इन्होंने अब ट्रेनों से मावा सप्लाई का तरीका अपना लिया है." ट्रेनों से नकली मावे की सप्लाई को लेकर कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की थी. क्राइम ब्रांच ने भोपाल के एक नंबर प्लेटफार्म पर 170 डलिया, तकरीबन 70 क्विंटल मावा नकली होने के चलते जप्त किया था. दुबे के अनुसार उसको लेकर विभाग ने कार्रवाई की, लेकिन मावा किसका है यह अभी तक पता नहीं चल पाया है.(adulterated mawa supply increases in festivals )(MP Adulterated Mawa)

भोपाल। त्योहार आते ही एक ओर मावे की खपत बढ़ जाती है. वहीं दूसरी और नकली मावा भी धड़ल्ले से बाजार में बिकता है. नकली मावे पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार होटलों और अन्य दुकानों पर कार्रवाई भी करता है, लेकिन फिर भी नकली मावा धड़ल्ले से बिक जाता है. इसका कारण नकली मावा बेचने वाले दुकानदारों और ठेकेदारों ने मावा सप्लाई का तरीका बदला है. जिला खाद एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी देवेंद्र दुबे के अनुसार- " पहले जहां बसों में नकली मावे की डलिया से सप्लाई होती थी, वहीं अब ट्रेनों के माध्यम से नकली मावा आता है, जिसको लेकर लगातार निगरानी की जा रही है और कार्रवाई की जाती है.

MP Adulterated Mawa
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मावा सप्लाई का तरीका बदला: दुबे के अनुसार- "नकली मावे की सबसे ज्यादा आमद नॉर्थ एरिया से मध्य प्रदेश में होती है. जिसमें ग्वालियर, भिंड आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नकली मावा मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में पहुंचता है. इसके लिए नकली मावे के ठेकेदार और दुकानदार बसों और प्राइवेट वाहनों का सहारा लेते हैं, लेकिन खाद्य विभाग की लगातार चेकिंग के चलते इन्होंने अब ट्रेनों से मावा सप्लाई का तरीका अपना लिया है." ट्रेनों से नकली मावे की सप्लाई को लेकर कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की थी. क्राइम ब्रांच ने भोपाल के एक नंबर प्लेटफार्म पर 170 डलिया, तकरीबन 70 क्विंटल मावा नकली होने के चलते जप्त किया था. दुबे के अनुसार उसको लेकर विभाग ने कार्रवाई की, लेकिन मावा किसका है यह अभी तक पता नहीं चल पाया है.(adulterated mawa supply increases in festivals )(MP Adulterated Mawa)

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