भोपाल। मध्य प्रदेश की पर्वतारोही भावना डेहरिया ने 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दिन यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (रूस) पर तिरंगा फहराया. माउंट एल्ब्रुस की चोटी रूस-जॉर्जिया के बॉर्डर पर स्थित है. भावना ने समुद्र तल से 5,642 मीटर (18,510 फीट) की ऊंचाई वाली यूरोप की इस चोटी पर सफलतापूर्वक पहुंच कर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस सफलता पर मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने पर्वतारोही भावना डेहरिया को बधाई दी है.
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Congratulations to Ms. Bhawna Dehariya from MP for unfurling the 🇮🇳 on Europe’s highest peak Mount Elbrus braving the harsh conditions to celebrate #IndependenceDay.
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
I wish her the best on her quest to unfurl the tiranga on the highest peaks of all seven continents. pic.twitter.com/KhpAlLkygp
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 15, 2022
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 15, 2022
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गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर भावना डेहरिया छिंदवाड़ा की रहने वाली हैं: 30 साल की भावना डेहरिया छिंदवाड़ा के गांव तामिया की रहने वाली हैं. वो 15 महीने की बेटी की मां भी हैं. बेटी के जन्म के बाद यह भावना का पहला पर्वतारोहण अभियान था. पर्वतारोही भावना 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट के शिखर पर फतेह हासिल करने वाली मध्यप्रदेश की प्रथम महिलाओं में से एक हैं. उन्होंने वर्ष 2019 में दीपावली के दिन अफ्रीकी महाद्वीप का माउंट किलिमंजारो और होली के दिन ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का माउंट कोज़िअस्को के सबसे ऊंचे शिखर पर फतह हासिल कर भारत का परचम दुनिया में लहराया था. पर्वतारोहण के क्षेत्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भावना सेवन समिट मिशन के तहत सातों महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराएंगी.
भावना की टीम 10 अगस्त को मॉस्को से मिनरलनी वोडी शहर पहुंची: भावना ने बताया यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने के लिए उनकी टीम 10 अगस्त को रूस की राजधानी मॉस्को से मिनरलनी वोडी शहर पहुंची. 11 अगस्त को जलवायु-अनुकूलन रोटेशन के दौरान 2,346 मीटर ऊंचाई तक गयी जिसमें नाक से खून का रिसाव हुआ. 12 अगस्त को अपने दल के साथ 3,888 मीटर की ऊंचाई पर अपना बेस कैंप बनाया और अगले दो दिन 4,500 मीटर तक रोटेशन किया. यह रोटेशन शरीर को पर्वत के ऊपर होने वाले वायु दबाव के परिवर्तन और एक्यूट माउंटेन सिकनेस से बचाव के लिए जरूरी होता है.
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15 अगस्त को सुबह करीब 5:30 बजे फहराया तिरंगा: भावना 14 अगस्त की रात 12 बजे अपने दल के साथ माउंट एल्ब्रुस चोटी के लिए निकल पड़ीं. 15 अगस्त को सुबह करीब 5:30 बजे पश्चिमी माउंट एल्ब्रुस जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,642 मीटर (18,510 फीट) है की चोटी पर समिट कर भावना ने तिरंगा लहराया. भावना बताती हैं कि - "ये सब बेहद मुश्किल और शरीर को थका देने वाला था. शिखर के नजदीक वेदर बहुत खराब हो गया था. बर्फ़बारी और 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्त्तार से चलने वाली तेज बर्फीली हवा के कारण विजिबिलिटी बहुत कम हो गयी थी. तापमान तेजी से गिर कर -25 डिग्री तक पहुंच गया था ". भावना ने बताया कि- " मां बनने के बाद माउंट एल्ब्रुस जाने से पहले तामिया के पर्वतीय क्षेत्र में भरपूर ट्रेनिंग की थी, जिससे मैं रिकॉर्ड समय पर सम्मिट कर पायी. इस अभियान में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सहयोग किया था. " (Bhawna Dehariya hoisted Tiranga on Mount Elbrus)(Indian Independence Day)(Mountaineer Bhawna Dehariya)
पर्वतारोही भावना डेहरिया ने गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराया नाम