बालाघाट। प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम कसने में कमलनाथ सरकार नाकाम साबित हो रही है, जिसे लेकर सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. जिसके बाद खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल बयान देने से बचते नजर आए. हालांकि, सीधे टिप्पणी न करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
खनिज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में खनिज विभाग की कोई नीति नहीं थी, जिसके चलते खनिज का जमकर दोहन किया गया और उस पर भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हमने नई खनिज नीति बनाई है, जिसमें अक्टूबर तक टेंडर किये जाएंगे. जिसमें 400 नई खदानों सहित 1438 खदानों का टेंडर हो रहा है, टेंडर होते अवैध खनन अपने आप रूक जाएगा. भाजपा शासन में रेत से सिर्फ 69 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था, जबकि नई खनिज नीति में एक हजार करोड़ से अधिक राजस्व मिलने का अनुमान है.
खनिज मंत्री ने कहा कि नई नीति को लेकर मंत्रिमंडल से चर्चा हुई है, सबकी सलाह और सहमति से नई खनिज नीति बनाई गई है. बजट भाषण में भी खनिज नीति को लेकर चर्चा की गई थी और इस नीति के आते ही अवैध उत्खनन समाप्त हो जायेगा, सहकारिता मंत्री द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने के सवाल पर खनिज मंत्री ने कहा कि होशंगाबाद सहित प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हर विभाग में कोई न कोई कमी है, सहकारिता विभाग में भी कमियां हैं.
बालाघाट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज दवाइयों के नाम पर अवैध बिक्री और समितियों से अवैध वसूली की गई है. जिसके चलते जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट के महाप्रबंधक पीएस धनवाल निलंबित किए गए हैं. अभी हमारी सरकार का छ: माह का कार्यकाल हुआ है, जिसमें काफी सुधार हुआ है और आगे भी सुधार किया जा रहा है.