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सहकारिता मंत्री के बयान पर खनिज मंत्री ने दिखाया आईना, कहा- अनियमितता से जूझ रहीं सहकारी समितियां

सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के अवैध खनन रोकने में सरकार की नाकामी के बयान पर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने उन्हें भी आईना दिखाया है.

खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के बयान पर बचते नजर आए
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Published : Aug 25, 2019, 7:51 PM IST

बालाघाट। प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम कसने में कमलनाथ सरकार नाकाम साबित हो रही है, जिसे लेकर सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. जिसके बाद खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल बयान देने से बचते नजर आए. हालांकि, सीधे टिप्पणी न करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के बयान पर बचते नजर आए

खनिज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में खनिज विभाग की कोई नीति नहीं थी, जिसके चलते खनिज का जमकर दोहन किया गया और उस पर भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हमने नई खनिज नीति बनाई है, जिसमें अक्टूबर तक टेंडर किये जाएंगे. जिसमें 400 नई खदानों सहित 1438 खदानों का टेंडर हो रहा है, टेंडर होते अवैध खनन अपने आप रूक जाएगा. भाजपा शासन में रेत से सिर्फ 69 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था, जबकि नई खनिज नीति में एक हजार करोड़ से अधिक राजस्व मिलने का अनुमान है.

खनिज मंत्री ने कहा कि नई नीति को लेकर मंत्रिमंडल से चर्चा हुई है, सबकी सलाह और सहमति से नई खनिज नीति बनाई गई है. बजट भाषण में भी खनिज नीति को लेकर चर्चा की गई थी और इस नीति के आते ही अवैध उत्खनन समाप्त हो जायेगा, सहकारिता मंत्री द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने के सवाल पर खनिज मंत्री ने कहा कि होशंगाबाद सहित प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हर विभाग में कोई न कोई कमी है, सहकारिता विभाग में भी कमियां हैं.

बालाघाट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज दवाइयों के नाम पर अवैध बिक्री और समितियों से अवैध वसूली की गई है. जिसके चलते जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट के महाप्रबंधक पीएस धनवाल निलंबित किए गए हैं. अभी हमारी सरकार का छ: माह का कार्यकाल हुआ है, जिसमें काफी सुधार हुआ है और आगे भी सुधार किया जा रहा है.

बालाघाट। प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम कसने में कमलनाथ सरकार नाकाम साबित हो रही है, जिसे लेकर सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. जिसके बाद खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल बयान देने से बचते नजर आए. हालांकि, सीधे टिप्पणी न करते हुए उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के बयान पर बचते नजर आए

खनिज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में खनिज विभाग की कोई नीति नहीं थी, जिसके चलते खनिज का जमकर दोहन किया गया और उस पर भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हमने नई खनिज नीति बनाई है, जिसमें अक्टूबर तक टेंडर किये जाएंगे. जिसमें 400 नई खदानों सहित 1438 खदानों का टेंडर हो रहा है, टेंडर होते अवैध खनन अपने आप रूक जाएगा. भाजपा शासन में रेत से सिर्फ 69 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था, जबकि नई खनिज नीति में एक हजार करोड़ से अधिक राजस्व मिलने का अनुमान है.

खनिज मंत्री ने कहा कि नई नीति को लेकर मंत्रिमंडल से चर्चा हुई है, सबकी सलाह और सहमति से नई खनिज नीति बनाई गई है. बजट भाषण में भी खनिज नीति को लेकर चर्चा की गई थी और इस नीति के आते ही अवैध उत्खनन समाप्त हो जायेगा, सहकारिता मंत्री द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने के सवाल पर खनिज मंत्री ने कहा कि होशंगाबाद सहित प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां भाजपा नेताओं का कब्जा रहा. हर विभाग में कोई न कोई कमी है, सहकारिता विभाग में भी कमियां हैं.

बालाघाट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज दवाइयों के नाम पर अवैध बिक्री और समितियों से अवैध वसूली की गई है. जिसके चलते जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट के महाप्रबंधक पीएस धनवाल निलंबित किए गए हैं. अभी हमारी सरकार का छ: माह का कार्यकाल हुआ है, जिसमें काफी सुधार हुआ है और आगे भी सुधार किया जा रहा है.

Intro:बालाघाट। अवैध खनन पर कमलनाथ सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह का यह बयान अपनी ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार को कटघङे में खङा कर दिया है.. अपनी ही सरकार के मंत्री द्वारा दिये गये बयान के बाद प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल बयान देने से बचते हुये नजर आ रहै है...हालाकि अपने गृह नगर बालाघाट पहुंचे खनिज मंत्री को आकिरकार अपने ही सरकार के मंत्री के द्वारा दिये गये बयान पर पलटवार करना पङा..... मध्यप्रदेश शासन के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने अपने सहयोगी मंत्री गोविंद सिंह द्वारा प्रदेश में नहीं थम रहा अवैध उत्खनन के बयान पर सीधे टिप्पणी ना करते हुए कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए कलेक्टर, एस पी को कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। हमने नई खनिज नीति बनाई है, जिसमें अक्टूबर तक टेंडरहो जायेगे। जिसमें 400 नई खदानों सहित 1438 खदानों का टेंडर हो रहा है। इस टेंडर होते ही चोरी और अवैध खनन जैसे शब्द अपने आप समाप्त हो जायेगे।

Body:खनिज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 15 वर्षो के कार्यकाल में खनिज की कोई नीति नहीं थी। जिसके कारण खनिज का जमकर दोहन किया गया और उस पर भाजपा नेताओं का कब्जा रहा। भाजपा शासन में रेत में सिर्फ 69 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था। जबकि नई खनिज नीति में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने का अनुमान है। खनिजमंत्री ने कहा कि खनिज नीति को लेकर मंत्रीमंडल में चर्चा हुई है, सबकीसलाह व सहमति से नई खनिज नीति बनाई गई है। बजट भाषण में भी मैंने इस खनिज नीति को लेकर चर्चा की थी और इस नीति के आते ही अवैध उत्खनन अपने आप समाप्त हो जायेगा। कुछ दिनों के लिए और इंतजार करने की आवश्यकता है।

Conclusion:सहकारिता मंत्री द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने के सवाल पर खनिज मंत्री ने कहा कि होशंगाबाद सहित प्रदेश के कई जिले थे, जहॉ पर भाजपा नेताओं का आधिपत्य था। लेकिन अब हमारी नई नीति में यह सब आधिपत्य समाप्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हर विभाग में कोई ना कोई कमी है। सहकारिता विभाग में भी इस प्रकार कमी है। उन्होंने बालाघाट का उदाहरण देते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में सहकारी समितियों के माध्यम से खाद, बीज दवाईयों के नाम पर अवैध बिक्री और समितियों से अवैध वसूली की गई है। जिसके कारण जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट के महाप्रबंधक पी एस धनवाल निलंबित किए गए है। अत: अभी हमारी सरकार को 6 माह का ही कार्यकाल हुआ है। जिसमें काफी सुधार हुआ है और आगे भी सुधार किया जा रहा है।
बाईट- प्रदीप जायसवाल खनिज मंत्री म.प्र.शासन
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट

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