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मध्यप्रदेश में नई तबादला नीति लागू, आज से 5 जुलाई तक विभाग कर सकेंगे ट्रांसफर

देर रात सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी कर प्रदेश में नई तबादला नीति लागू हो गई है. 5 जुलाई से यानी आज से विभाग 5 जुलाई तक अधिकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर कर सकते हैं. यह स्थानांतरण नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं की जाएगी.

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Published : Jun 5, 2019, 7:16 AM IST

भोपाल। लंबे समय से चले आ रहे तबादला विवाद को सुलझाने के लिए आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों से प्रतिबंध हटा लिया है. 5 जून यानी आज से नई तबादला नीति के हिसाब से अब विभाग 5 जुलाई तक तबादला कर सकेंगे इसके लिए उन्हें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी. देर रात सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह स्थानांतरण नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं की जाएगी.


इस आदेश में बताया गया है कि जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना तबादला नहीं होगा एक जिले से दूसरे जिले और राज्य स्तर पर तबादला करने के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति आवश्यक लेनी पड़ेगी. परिवहन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में यही तबादला नीति लागू रहेगी. जिले के अंदर पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री से सलाह करके पदस्थापना कर सकेंगे. डीएसपी या उससे वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद ही हो सकेंगे स्वयं के व्यय को छोड़कर बाकी आवेदन ऑफलाइन लिए जा सकेंगे.
कुछ इस तरह की है नई तबादला नीति
तबादले मैं सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना की जाएगी 100 फीसदी पद भरने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भी भरा जाएगा अनुसूचित क्षेत्रों में 3 साल की सेवा पूरी करने पर ही तबादला किया जाएगा. अनुसूचित क्षेत्रों से कब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उन स्थानों पर दूसरा अधिकारी या कर्मचारी ना आ जाए यशवंत अनुसूचित क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में होने वाले तबादले पर लागू नहीं होगी. राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग करेगा. जिले के भीतर कलेक्टर प्रभारी मंत्री से सलाह करके इन्हें पदस्थ कर सकेंगे यही व्यवस्था तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर भी लागू रहेगी .

इन्हे मिली गृह जिले में तबादले की छूट
कार्यपालिक अधिकारियों व कर्मचारियों अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को छोड़कर को गृह जिले में तबादले के माध्यम से पदस्थ नहीं किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से देर रात हरी झंडी मिलने के बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने 2019 -20 के लिए तबादला नीति जारी की है.

मप्र में नई तबादला नीति लागू
टारगेट पूरा करने वालों को प्राथमिकताजिले में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक स्थान पर 3 साल पूरा करने पर प्राथमिकता के आधार पर तबादला किया जा सकेगा. चिकित्सक एक स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रह सकते हैं स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण के आवेदन ऑनलाइन किए जा सकेंगे, स्वेच्छा से तबादलों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अपना दिया गया लक्ष्य पूरा किया है.सेवानिवृत्ति पर 1 साल से कम होने पर स्थानांतरण नहींसेवानिवृत्ति पर 1 साल या उससे कम समय होने पर स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा, यदि जरूरी है तो फिर विकल्प लिए जा सकते हैं. पति-पत्नी को खुद के व्यय पर एक ही जगह पदस्थ किए जाने के आवेदन पर प्रशासकीय व्यवस्था के हिसाब से ही फैसला लिया जा सकेगा. कैंसर, किडनी खराब होने ओपन हार्ट सर्जरी सहित गंभीर बीमारियों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर तबादला चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकता है.इन्हे मिलेगी छूट40 प्रतिशत या उससे अधिक निशक्तता होने पर सामान्य स्थितियों में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा लेकिन स्वेच्छा से आवेदन पर विचार किया जा सकता है. मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को दो पदावधि तक तबादले से छूट मिलेगी जिस जिले में अधिकारी पहले पदस्थ रह चुका हो तो उसी पद पर पदस्थापना नहीं की जा सकेगी.आदेश की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाईकार्यमुक्ति 2 सप्ताह में करनी होगी, तबादला आदेश का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया है किसी भी व्यक्ति को दोहरा प्रभार नहीं दिया जाएगा विशेष परिस्थितियों में यह व्यवस्था किए जाने पर औचित्य दर्शाया जाना आवश्यक होगा अटैचमेंट को समाप्त करना होगा कृषि विभाग के तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को गृह तहसील और विकासखंड छोड़कर जिले में पदस्थ किया जा सकता है कॉलेजों में तय संख्या से ज्यादा शिक्षक होने पर अतिशेष का दूसरी जगह पदस्थ करने का प्रावधान भी किया गया है कम लिंगानुपात वाले जिलों में महिला अधिकारी की पदस्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी.आपराधिक प्रकरण लंबित होने पर कार्यपालक पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा. स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना वाले कार्यालय से ज्वाइन करने के पश्चात ही स्वीकार किया जाएगा.

भोपाल। लंबे समय से चले आ रहे तबादला विवाद को सुलझाने के लिए आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों से प्रतिबंध हटा लिया है. 5 जून यानी आज से नई तबादला नीति के हिसाब से अब विभाग 5 जुलाई तक तबादला कर सकेंगे इसके लिए उन्हें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी. देर रात सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह स्थानांतरण नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं की जाएगी.


इस आदेश में बताया गया है कि जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना तबादला नहीं होगा एक जिले से दूसरे जिले और राज्य स्तर पर तबादला करने के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति आवश्यक लेनी पड़ेगी. परिवहन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में यही तबादला नीति लागू रहेगी. जिले के अंदर पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री से सलाह करके पदस्थापना कर सकेंगे. डीएसपी या उससे वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद ही हो सकेंगे स्वयं के व्यय को छोड़कर बाकी आवेदन ऑफलाइन लिए जा सकेंगे.
कुछ इस तरह की है नई तबादला नीति
तबादले मैं सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना की जाएगी 100 फीसदी पद भरने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भी भरा जाएगा अनुसूचित क्षेत्रों में 3 साल की सेवा पूरी करने पर ही तबादला किया जाएगा. अनुसूचित क्षेत्रों से कब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उन स्थानों पर दूसरा अधिकारी या कर्मचारी ना आ जाए यशवंत अनुसूचित क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में होने वाले तबादले पर लागू नहीं होगी. राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग करेगा. जिले के भीतर कलेक्टर प्रभारी मंत्री से सलाह करके इन्हें पदस्थ कर सकेंगे यही व्यवस्था तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर भी लागू रहेगी .

इन्हे मिली गृह जिले में तबादले की छूट
कार्यपालिक अधिकारियों व कर्मचारियों अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को छोड़कर को गृह जिले में तबादले के माध्यम से पदस्थ नहीं किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से देर रात हरी झंडी मिलने के बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने 2019 -20 के लिए तबादला नीति जारी की है.

मप्र में नई तबादला नीति लागू
टारगेट पूरा करने वालों को प्राथमिकताजिले में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक स्थान पर 3 साल पूरा करने पर प्राथमिकता के आधार पर तबादला किया जा सकेगा. चिकित्सक एक स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रह सकते हैं स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण के आवेदन ऑनलाइन किए जा सकेंगे, स्वेच्छा से तबादलों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अपना दिया गया लक्ष्य पूरा किया है.सेवानिवृत्ति पर 1 साल से कम होने पर स्थानांतरण नहींसेवानिवृत्ति पर 1 साल या उससे कम समय होने पर स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा, यदि जरूरी है तो फिर विकल्प लिए जा सकते हैं. पति-पत्नी को खुद के व्यय पर एक ही जगह पदस्थ किए जाने के आवेदन पर प्रशासकीय व्यवस्था के हिसाब से ही फैसला लिया जा सकेगा. कैंसर, किडनी खराब होने ओपन हार्ट सर्जरी सहित गंभीर बीमारियों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर तबादला चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकता है.इन्हे मिलेगी छूट40 प्रतिशत या उससे अधिक निशक्तता होने पर सामान्य स्थितियों में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा लेकिन स्वेच्छा से आवेदन पर विचार किया जा सकता है. मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को दो पदावधि तक तबादले से छूट मिलेगी जिस जिले में अधिकारी पहले पदस्थ रह चुका हो तो उसी पद पर पदस्थापना नहीं की जा सकेगी.आदेश की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाईकार्यमुक्ति 2 सप्ताह में करनी होगी, तबादला आदेश का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया है किसी भी व्यक्ति को दोहरा प्रभार नहीं दिया जाएगा विशेष परिस्थितियों में यह व्यवस्था किए जाने पर औचित्य दर्शाया जाना आवश्यक होगा अटैचमेंट को समाप्त करना होगा कृषि विभाग के तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को गृह तहसील और विकासखंड छोड़कर जिले में पदस्थ किया जा सकता है कॉलेजों में तय संख्या से ज्यादा शिक्षक होने पर अतिशेष का दूसरी जगह पदस्थ करने का प्रावधान भी किया गया है कम लिंगानुपात वाले जिलों में महिला अधिकारी की पदस्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी.आपराधिक प्रकरण लंबित होने पर कार्यपालक पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा. स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना वाले कार्यालय से ज्वाइन करने के पश्चात ही स्वीकार किया जाएगा.
Intro:मध्यप्रदेश में नई तबादला नीति लागू आज से विभाग 5 जुलाई तक कर सकेंगे तबादले


भोपाल | लंबे समय से चले आ रहे तबादला विवाद को सुलझाने के लिए आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर अधिकारियों कर्मचारियों के तबादलों से प्रतिबंध हटा लिया है 5 जून बुधवार से नई तबादला नीति के हिसाब से अब विभाग 5 जुलाई तक तबादला कर सकेंगे इसके लिए उन्हें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी . देर रात सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं . यह स्थानांतरण नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं की जाएगी .


Body:इस आदेश में बताया गया है कि जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना तबादला नहीं होगा एक जिले से दूसरे जिले और राज्य स्तर पर तबादला करने के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति आवश्यक लेनी पड़ेगी इस आदेश में बताया गया है कि परिवहन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में यही तबादला नीति लागू रहेगी .


इस आदेश में बताया गया है कि जिले के अंदर पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री से सलाह करके पदस्थापना कर सकेंगे डीएसपी या उससे वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद ही हो सकेंगे स्वयं के व्यय को छोड़कर बाकी आवेदन ऑफलाइन लिए जा सकेंगे .


कार्यपालिक अधिकारियों व कर्मचारियों अविवाहित विधवा तलाकशुदा परित्यात्त महिलाओं को छोड़कर को गृह जिले में तबादले के माध्यम से पदस्थ नहीं किया जाएगा बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से देर रात हरी झंडी मिलने के बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने 2019 -20 के लिए तबादला नीति जारी की है .

तबादले मैं सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना की जाएगी 100 फ़ीसदी पद भरने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भी भरा जाएगा अनुसूचित क्षेत्रों में 3 साल की सेवा पूरी करने पर ही तबादला किया जाएगा अनुसूचित क्षेत्रों से कब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उन स्थानों पर दूसरा अधिकारी या कर्मचारी ना आ जाए यशवंत अनुसूचित क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में होने वाले तबादले पर लागू नहीं होगी .


राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग करेगा जिले के भीतर कलेक्टर प्रभारी मंत्री से सलाह करके इन्हें पदस्थ कर सकेंगे यही व्यवस्था तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर भी लागू रहेगी .


बता दें कि जिले में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक स्थान पर 3 साल पूरा करने पर प्राथमिकता के आधार पर तबादला किया जा सकेगा चिकित्सक एक स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रह सकते हैं स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण के आवेदन ऑनलाइन किए जा सकेंगे स्वेच्छा से तबादलों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अपना दिया गया लक्ष्य पूरा किया है .





Conclusion:सेवानिवृत्ति पर 1 साल या उससे कम समय होने पर स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा यदि जरूरी है तो फिर विकल्प लिए जा सकते हैं पति पत्नी को स्वयं के व्यय पर एक ही जगह पदस्थ किए जाने के आवेदन पर प्रशासकीय व्यवस्था के हिसाब से ही फैसला लिया जा सकेगा कैंसर किडनी खराब होने ओपन हार्ट सर्जरी सहित गंभीर बीमारियों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर तबादला चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकता है .


40 प्रतिशत या उससे अधिक निशक्तता होने पर सामान्य स्थितियों में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा लेकिन स्वेच्छा से आवेदन पर विचार किया जा सकता है मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को दो पदावधि तक तबादले से छूट मिलेगी जिस जिले में अधिकारी पहले पदस्थ रह चुका हो वह उसी पद पर पदस्थापना नहीं की जा सकेगी .



कार्यमुक्ति 2 सप्ताह में करनी होगी तबादला आदेश का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया है किसी भी व्यक्ति को दोहरा प्रभार नहीं दिया जाएगा विशेष परिस्थितियों में यह व्यवस्था किए जाने पर औचित्य दर्शाया जाना आवश्यक होगा अटैचमेंट को समाप्त करना होगा कृषि विभाग के तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को गृह तहसील और विकासखंड छोड़कर जिले में पदस्थ किया जा सकता है कॉलेजों में तय संख्या से ज्यादा शिक्षक होने पर अतिशेष का दूसरी जगह पदस्थ करने का प्रावधान भी किया गया है कम लिंगानुपात वाले जिलों में महिला अधिकारी की पदस्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी



आपराधिक प्रकरण लंबित होने पर कार्यपालक पदों पर तैनात नहीं किया जाएगा . स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना वाले कार्यालय से ज्वाइन करने के पश्चात ही स्वीकार किया जाएगा .
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