भोपाल। भगवान भुवन भास्कर की उपासना का महापर्व छठ बहुत ही श्रद्धा और हर्सोल्लाष के साथ मनाया जा रहा है. छठ महापर्व का तीसरा दिन सबसे अहम होता है. इस दिन छठ व्रत करने वाली महिलाएं अर्थात परवैतिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इससे पहले दिन भर परवैतिन निर्जला उपवास करती हैं. एक दिन पहले यानि कि खरना वाले दिन परवैतिन सबसे खास प्रसाद ठेकुआ और कसार भी बनाती हैं. यह पर्व सूर्य की आराधना का है और गेहूं सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए गेंहू के आटे से बने ठेकुआ का विशेष महत्व है. Chhath Puja 2021
धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठी मईया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन हैं. कहा जाता है कि नवरात्री के छठे दिन इन्हीं माता की पूजा की जाती है. छठी मईया को ही प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है. छठी मइया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि छठ व्रत संतान की प्राप्ति और उसकी मंगलकामना के लिए रखा जाता है.
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तीसरे दिन सूर्य देव और छठी माई को उनके प्रिय ठेकुआ को अर्पित करके भोग लगाया जाता है. इसे गेहूं के आटे, गुड़, मेवा और घी डालकर बनाया जाता है.
इस प्रकार बनाएं ठेकुआ
इसके लिए गेहूं को पानी से अच्छी तरह धोकर सूखाते हैं. इसके बाद इस गेहूं को हाथ चक्की में पीसते हैं. पीसे हुए आटे में गुड़, सौंफ, घी और सूखा मेवा मिलाया जाता है. आटे को थोड़ा कड़ा गूंथते हैं. आटे के छोटे-छोटे टुकड़े लेकर उसे लकड़ी के सांचे में रखकर दबाते हैं और फिर मिट्टी के चूल्हे में कड़ाही में घी डालकर धीमी आंच पर पकाते हैं.
अब जानते हैं पारंपरिक चावल के लड्डू कसार बनाने की विधि
छठ पूजा की टोकरी में कसार नामक पारंपरिक चावल के लड्डू अनिवार्य रूप से होते हैं. कसार बनाने के लिए रवे की तरह हलके पिसे हुए चावल में गुड़ का पाउडर, घी, सूखा नारियल, रवा (सूजी), दूध, थोड़ा इलायची पावडर, सूखे मेवे की आवश्यकता होती है.
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इसके लिए चावल को पानी से अच्छी तरह धोकर सूखाते हैं. इसके बाद पैन या कड़ाही ले और उसमें चावल डालें और धीमी आंच पर सूखाएं. अब चावल को ठंडा होने पर रवे की तरह हलका पीस लें. अब घी डालकर चावल का आटा और रवा हल्का सेंक लें. अब दोनों को अच्छी तरह मिलाएं. अब इसमें मेवा, इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें. इसके बाद गुड़ या चीनी की चाशनी तैयार करके उसमें तुरंत हलकी सी मात्रा में केवड़ा या गुलाब की खुशबू, चावल-रवे के मिश्रण में डालें। मिश्रण को मिलाकर, हाथ में थोड़ा दूध लगाकर लड्डू बना लें. अब छठ पर्व के मौके पर ठेकुए और चावल के खास लड्डुओं से छठी मैया को भोग लगाएं.
Chhath Puja 2021