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केंद्र ने मानी राज्य सरकार की सलाह, कोरोना संक्रमण मिलने पर 10 किमी का क्षेत्र नहीं होगा कंटोनमेंट

प्रदेश सरकार अब लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ रियायत भी दे रही है. अब प्रदेश में केवल उसी गांव को कंटोनमेंट घोषित किया जाएगा. जहां कोविड-19 का मरीज मिलेगा. पहले किसी गांव में कोरोना का मरीज मिलने के पर गांव के आसपास 10 किलोमीटर के क्षेत्र को कंटोनमेंट जोन घोषित किया जाता था.

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भोपाल न्यूज
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Published : May 3, 2020, 10:14 AM IST

भोपाल। लॉकडाउन के तीसरे चरण में अब राज्य सरकार कुछ राहत भी दे रही है. अब अगर किसी गांव में कोरोना संक्रमित मिलने पर ही उसे कंटोनमेंट जोन बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. इसके पहले ग्रामीण क्षेत्र का 10 किलोमीटर एरिया कंटोनमेंट जोन बनाने की गाइडलाइन जारी की गई थी.

कोरोना संक्रमण के संबंध में केंद्र सरकार की गाइडलाइन में तय किया गया था कि यदि कोई ग्रामीण कोरोना संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके घर से तीन किलोमीटर और इसके बाद सात किलोमीटर का बफर जोन कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. लेकिन केंद्र सरकार की इस गाइडलाइन को लेकर राज्य सरकार ने सुझाव दिया था, इस तरह से पंचायत के विकास कार्य प्रभावित होंगे. ऐसे में काम की राह देख रहे मजदूरों को और परेशानी उठानी पड़ेगी.

जिसके बाद अब प्रशासन की तरफ से निर्णय लिया गया है कि अब केवल उसी गांव के या क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलेगा. देखा जाए तो मध्य प्रदेश के 52 गांव कोरोना वायरस से प्रभावित हैं और यदि 10 किलोमीटर का कंटोनमेंट जोन घोषित किया जाता तो 1192 ग्राम पंचायत क्षेत्र के लोग क्वॉरेंटाइन जोन में आ जाते. इसलिए सरकार ने अब इस मामले में रियायत दी है.

भोपाल। लॉकडाउन के तीसरे चरण में अब राज्य सरकार कुछ राहत भी दे रही है. अब अगर किसी गांव में कोरोना संक्रमित मिलने पर ही उसे कंटोनमेंट जोन बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. इसके पहले ग्रामीण क्षेत्र का 10 किलोमीटर एरिया कंटोनमेंट जोन बनाने की गाइडलाइन जारी की गई थी.

कोरोना संक्रमण के संबंध में केंद्र सरकार की गाइडलाइन में तय किया गया था कि यदि कोई ग्रामीण कोरोना संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके घर से तीन किलोमीटर और इसके बाद सात किलोमीटर का बफर जोन कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. लेकिन केंद्र सरकार की इस गाइडलाइन को लेकर राज्य सरकार ने सुझाव दिया था, इस तरह से पंचायत के विकास कार्य प्रभावित होंगे. ऐसे में काम की राह देख रहे मजदूरों को और परेशानी उठानी पड़ेगी.

जिसके बाद अब प्रशासन की तरफ से निर्णय लिया गया है कि अब केवल उसी गांव के या क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलेगा. देखा जाए तो मध्य प्रदेश के 52 गांव कोरोना वायरस से प्रभावित हैं और यदि 10 किलोमीटर का कंटोनमेंट जोन घोषित किया जाता तो 1192 ग्राम पंचायत क्षेत्र के लोग क्वॉरेंटाइन जोन में आ जाते. इसलिए सरकार ने अब इस मामले में रियायत दी है.

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