भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के व्यवहार और उनके साथ बातचीत को समझने के लिए 10 तेंदुओं और इतने ही लकड़बग्घों को रेडियो कॉलर देगी. देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) को इसके लिए विशेषज्ञों की एक टीम के साथ रेडियो कॉलर उपलब्ध कराने को कहा गया है. पिछले महीने, भारत और नामीबिया ने 1952 में देश में विलुप्त घोषित किए गए चीतों की प्रजाति को बढ़ाने के मकसद से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
व्यवहार और प्रजनन को समझने का प्रयास: दुनिया में चीतों की सबसे बड़ी आबादी नामीबिया में है. पीटीआई को वन संरक्षक अधिकारी ने कहा, "कुनो राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुओं और लकड़बग्घों पर 10-10 रेडियो कॉलर लगाने का फैसला किया गया है." उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य उनके व्यवहार और प्रजनन पारिस्थितिकी को समझना है और यह देखना है कि वे चीतों के साथ कैसे बातचीत करते हैं. चौहान ने कहा, "हमने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून से हमें विशेषज्ञों की एक टीम के औऱ रेडियो कॉलर उपलब्ध कराने को कहा है."
10 चीतों को लाने की संभावना: अधिकारियों ने कहा कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ से 10 चीतों को लाने की संभावना है, उन्हें 15 अगस्त से पहले भारत लाए जाने की संभावना है. भोपाल के वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने कहा लंबे समय से रेडियो कॉलर का इंतजार किया जा रहा था. "तेंदुओं और लकड़बग्घों के लिए रेडियो कॉलर मिलने में काफी देर हो चुकी है. नियमित जांच के बाद राज्य के वन विभाग ने इस साल मई में विशेषज्ञों की एक टीम के साथ 10 रेडियो कॉलर मांगे."
श्योपुर में पर्यटन की अपार संभावनाएं, लेकिन प्रदेश के मानचित्र से जिले का नाम गायब
डब्ल्यूआईआई के बीच समन्वय की कमी: आरटीआई आवेदनों के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए अजय दुबे ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीतों के आने में हो रही देरी के पीछे मध्य प्रदेश वन विभाग और डब्ल्यूआईआई के बीच समन्वय की कमी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रेडियो कॉलर जल्द से जल्द लाए जाएं. चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है जो भारत से पूरी तरह से समाप्त हो गया है, 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल के जंगलों में अंतिम चित्तीदार बिल्ली (चीता) की मृत्यु हो गई थी. समझौते के अनुसार, भारत और नामीबिया अपनी सीमाओं में चीता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञता और क्षमताओं को साझा और आदान-प्रदान करेंगे.
-पीटीआई