भोपाल। मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मियों की पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मंत्री समूह की बैठक बेनतीजा रही और आठ फरवरी तक टाल दी गई है. पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने मंत्री समूह का गठन किया है, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता मंत्री समूह की बैठक मंत्रालय में हुई. इस पर आगे चर्चा करने के लिए मंगलवार 8 फरवरी को चार बजे फिर बैठक होगी. जिसमें कुछ नतीजा आने की उम्मीद की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर छोड़ा फैसला
लंबे समय से प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका था, लेकिन कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे इसके लिए डेटा तैयार करें और अपने हिसाब से आरक्षण दें. राज्य सरकार ने कर्मचारियों को पदोन्नति का अवसर देने के लिए गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उप समिति गठित की है. जिन्हें पदोन्नति के विकल्पों पर विचार करना है. समिति की अनुशंसा पर गृह और जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को वरिष्ठ पद का प्रभार भी दिया जा चुका है. बैठक में गृह मंत्री के अलावा सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार, ग्रामीण विकास विभाग, वित्त, राजस्व और विधि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
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प्रोमोशन में आरक्षण को लेकर फॉर्मूला होगा तैयार
बैठक में मध्यप्रदेश में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार कितने लोग पदोन्नति के लिए आवश्यक पात्रता पूरी कर चुके हैं और उन्हें किस प्रकार से पदोन्नति दी जा सकती है इसको लेकर फार्मूला बनाने पर चर्चा की गई. सामान्य प्रशासन विभाग को सभी विभागों से यह जानकारी एकत्रित कर समिति के सामने पेश करने का निर्देश दिया है. बता दें कि मध्यप्रदेश में लंबे समय से पदोन्नति में आरक्षण पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अब 24 फरवरी से राज्यवार मामलों की सुनवाई शुरू की जाएगी.
पदोन्नति के इंतजार में चार लाख कर्मचारी
मध्यप्रदेश में चार लाख से अधिक कर्मचारी पदोन्नति की कतार में हैं, वह छह साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए अब सरकार गंभीर हो चुकी है. 18 साल में इसके लिए दो समितियां बन चुकी हैं. समिति की अनुशंसा का लाभ पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों को मिल चुका है. हालांकि, प्रदेश में 2016 से अब तक साठ हजार से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है.
(MP government employees promotion)