ETV Bharat / city

सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध शुरू, हाई कोर्ट में याचिका दाखिल, बताया संविधान के आर्टिकल 45 का उल्लंघन - आबकारी नीति करती है संविधान का उल्लंघन

मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध (pil file against new excise policy) शुरू हो गया है. नई नीति का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है.

pil file against new excise policy
मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति का विरोध
author img

By

Published : Feb 5, 2022, 3:55 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध (pil file against new excise policy) शुरू हो गया है. सरकार ने हाल ही में साल 2022-23 के लिए नई शराब नीति तैयार की है. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट में दाखिल की एक जनहित याचिका में नई आबकारी नीति को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है.

मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति का विरोध

मॉल और सुपर मार्केट में शराब बेचना असंवैधानिक
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि नई शराब नीति में सुपरमार्केट और कंपोजिट शॉप्स में देशी-अंग्रेजी शराब बेचे जाने की बात कही गई है, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है. संविधान के अनुच्छेद 45 का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसमें साफ किया गया है कि सरकार धीरे-धीरे नशा मुक्ति की दिशा में काम करेगी, लेकिन नई नीति में सरकार शराब की सस्ती और सुलभ बिक्री की रणनीति पर काम कर रही है. याचिका सामाजिक कार्यकर्ता पीजीनाज पांडे और रजत भार्गव की तरफ से दाखिल की गई है.

शराब दुकानों का चयन विधायकों देना- आबकारी एक्ट के खिलाफ
याचिका में नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के स्थान चयन का अधिकार विधायकों को दिए जाने को भी आबकारी एक्ट के खिलाफ बताया गया है. इसमें कहा गया है कि शराब दुकानें कहां खुलेंगी और कहां नहीं यह फैसला सिर्फ संबंधित जिलों की जिला योजना समितियों की बैठक में ही लिया जाता है, लेकिन नई शराब नीति में इसे दरकिनार कर दिया गया है. याचिका में नई शराब नीति को जनहित के खिलाफ बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है. याचिका पर हाईकोर्ट में जल्द ही सुनवाई हो सकती है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध (pil file against new excise policy) शुरू हो गया है. सरकार ने हाल ही में साल 2022-23 के लिए नई शराब नीति तैयार की है. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट में दाखिल की एक जनहित याचिका में नई आबकारी नीति को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है.

मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति का विरोध

मॉल और सुपर मार्केट में शराब बेचना असंवैधानिक
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि नई शराब नीति में सुपरमार्केट और कंपोजिट शॉप्स में देशी-अंग्रेजी शराब बेचे जाने की बात कही गई है, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है. संविधान के अनुच्छेद 45 का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसमें साफ किया गया है कि सरकार धीरे-धीरे नशा मुक्ति की दिशा में काम करेगी, लेकिन नई नीति में सरकार शराब की सस्ती और सुलभ बिक्री की रणनीति पर काम कर रही है. याचिका सामाजिक कार्यकर्ता पीजीनाज पांडे और रजत भार्गव की तरफ से दाखिल की गई है.

शराब दुकानों का चयन विधायकों देना- आबकारी एक्ट के खिलाफ
याचिका में नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के स्थान चयन का अधिकार विधायकों को दिए जाने को भी आबकारी एक्ट के खिलाफ बताया गया है. इसमें कहा गया है कि शराब दुकानें कहां खुलेंगी और कहां नहीं यह फैसला सिर्फ संबंधित जिलों की जिला योजना समितियों की बैठक में ही लिया जाता है, लेकिन नई शराब नीति में इसे दरकिनार कर दिया गया है. याचिका में नई शराब नीति को जनहित के खिलाफ बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है. याचिका पर हाईकोर्ट में जल्द ही सुनवाई हो सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.