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एमपी में बीजेपी नेताओं के बयान पार्टी के लिए बन रहे मुसीबत, जानिए क्या है पूरा मामला

एमपी में बीजेपी नेताओं और शिवराज सरकार के मंत्रियों के बयान (Madhya Pradesh Ministers Statement Controversy) पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं. इन बयानों को लेकर कांग्रेस हमलावर है, जिस पर भाजपा को रक्षात्मक रुख अपनाना पड़ रहा है. राज्य में भाजपा के तीन नेताओं के बयान खासी चर्चाओं में है, इन बयानों से भाजपा न तो अपने को साथ खड़ा कर पा रही है और न ही इनको लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर कर पा रही है.

statements of leaders causing trouble for BJP
नेताओं के बयान बीजेपी के लिए बन रहे मुसीबत
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Published : Nov 30, 2021, 4:04 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं और शिवराज सरकार के मंत्रियों के बयान (Madhya Pradesh Ministers Statement Controversy) पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं. इन बयानों को लेकर कांग्रेस हमलावर है, जिस पर भाजपा को रक्षात्मक रुख अपनाना पड़ रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार तोलमोल कर बोलने की सलाह दे रहे हैं, मगर नेता हैं कि वे मानने को तैयार नहीं हैं. राज्य में भाजपा के तीन नेताओं के बयान खासी चर्चाओं में है, इन बयानों से भाजपा न तो अपने को साथ खड़ा कर पा रही है और न ही इनको लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर कर पा रही है. कुल मिलाकर यह बयान भाजपा को असहज जरुर बना रहे हैं.

मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने सवर्ण महिलाओं पर दिया विवादित बयान

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के सवर्ण महिलाओं को लेकर बयान (Minister Bisahulal Singh Controversial Statement) दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, जितने बड़े-बड़े लोग हैं, ठाकुर-ठकार और दूसरे और बड़े लोग, वो अपने घर की औरतों को कोठरी में बंद करके रखते हैं. उन्हें पकड़-पकड़कर बाहर निकालो, तभी तो महिलाएं आगे बढ़ेंगी. मंत्री बिसाहू लाल के बयान के बाद सियासी हमलों के साथ करणी सेना भी सड़क पर उतर आई. बढ़ते विरोध के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के तेवर तल्ख होने पर मंत्री को खुले तौर पर माफी मांगनी पड़ी.

मंत्री के बिगड़े बोल! सवर्ण महिलाओं को भी काम के लिए घर से खींचकर निकालें तभी आएगी समानता

रामेश्वर शर्मा की 'घुटना तोड़ पॉलिटिक्स'

इसके अलावा राजधानी के हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा के कांग्रेसियों के पैर तोड़ने के बयान ने भी कांग्रेस को हमला करने का मौका दिया. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रामधुन (Digvijay Singh Rameshwar Sharma Ramdhun) के साथ पदयात्रा निकाली थी. इस मामले में भी पार्टी ने अपने को असहज पाया था.

घुटना तोड़ पॉलिटिक्स: Digvijay के स्वागत में सजा Rameshwar Sharma का बंगला, बोले-राम विरोधी रामधुन गाएं तो मेरा जीवन सफल

शिवराज सिंह के रूप में हुआ है टंट्या मामा का पुनर्जन्म: कृषि मंत्री कमल पटेल

अब ताजा मामला कृषि मंत्री कमल पटेल का है. उन्होंने अपने बयान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जनजाति वर्ग के नायक टंट्या भील का पुनर्जन्म बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि टंट्या मामा भी दुबले- पतले थे. हमारे मुख्यमंत्री भी दुबले-पतले हैं इसलिए उन्हें भी मामा कहते हैं. टंट्या मामा कन्याओं का विवाह कराते थे, हमारे मामा भी कन्याओं का विवाह कराते हैं. टंट्या मामा बड़े लोगों को लूट कर गरीबों में बांट देते थे, लेकिन हमारे मामा लूट नहीं रहे हैं बल्कि बड़े लोगों पर टैक्स लगाकर उसे गरीबों में बांटते हैं.
Shivraj Singh Punarjanm Tantya Mama: कृषि मंत्री कमल पटेल ने शिवराज को क्यों कहा आज का टंट्या मामा

भाजपा के प्रदेश संगठन से लेकर राष्ट्रीय संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी अपने नेताओं को लगातार हिदायतें दे रहे हैं और संयंमित भाषा के उपयोग की सलाह दे रहे हैं, मगर नेता हैं कि मानने को तैयार नहीं है. पिछले दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष उससे पहले प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव व राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने नेताओं की क्लास ली. सभी ने यही नसीहत दी कि तोलमोल कर ही बयान दें.

कृषि मंत्री के बयान पर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के नेता सत्ता के मद में इतने चूर हो गए है कि आदिवासी समाज के जननायक टंट्या मामा को लुटेरा बताने पर तुल गए हैं.

इनपुट - आईएएनएस

भोपाल। मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं और शिवराज सरकार के मंत्रियों के बयान (Madhya Pradesh Ministers Statement Controversy) पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं. इन बयानों को लेकर कांग्रेस हमलावर है, जिस पर भाजपा को रक्षात्मक रुख अपनाना पड़ रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार तोलमोल कर बोलने की सलाह दे रहे हैं, मगर नेता हैं कि वे मानने को तैयार नहीं हैं. राज्य में भाजपा के तीन नेताओं के बयान खासी चर्चाओं में है, इन बयानों से भाजपा न तो अपने को साथ खड़ा कर पा रही है और न ही इनको लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर कर पा रही है. कुल मिलाकर यह बयान भाजपा को असहज जरुर बना रहे हैं.

मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने सवर्ण महिलाओं पर दिया विवादित बयान

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के सवर्ण महिलाओं को लेकर बयान (Minister Bisahulal Singh Controversial Statement) दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, जितने बड़े-बड़े लोग हैं, ठाकुर-ठकार और दूसरे और बड़े लोग, वो अपने घर की औरतों को कोठरी में बंद करके रखते हैं. उन्हें पकड़-पकड़कर बाहर निकालो, तभी तो महिलाएं आगे बढ़ेंगी. मंत्री बिसाहू लाल के बयान के बाद सियासी हमलों के साथ करणी सेना भी सड़क पर उतर आई. बढ़ते विरोध के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के तेवर तल्ख होने पर मंत्री को खुले तौर पर माफी मांगनी पड़ी.

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रामेश्वर शर्मा की 'घुटना तोड़ पॉलिटिक्स'

इसके अलावा राजधानी के हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा के कांग्रेसियों के पैर तोड़ने के बयान ने भी कांग्रेस को हमला करने का मौका दिया. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रामधुन (Digvijay Singh Rameshwar Sharma Ramdhun) के साथ पदयात्रा निकाली थी. इस मामले में भी पार्टी ने अपने को असहज पाया था.

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अब ताजा मामला कृषि मंत्री कमल पटेल का है. उन्होंने अपने बयान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जनजाति वर्ग के नायक टंट्या भील का पुनर्जन्म बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि टंट्या मामा भी दुबले- पतले थे. हमारे मुख्यमंत्री भी दुबले-पतले हैं इसलिए उन्हें भी मामा कहते हैं. टंट्या मामा कन्याओं का विवाह कराते थे, हमारे मामा भी कन्याओं का विवाह कराते हैं. टंट्या मामा बड़े लोगों को लूट कर गरीबों में बांट देते थे, लेकिन हमारे मामा लूट नहीं रहे हैं बल्कि बड़े लोगों पर टैक्स लगाकर उसे गरीबों में बांटते हैं.
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भाजपा के प्रदेश संगठन से लेकर राष्ट्रीय संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी अपने नेताओं को लगातार हिदायतें दे रहे हैं और संयंमित भाषा के उपयोग की सलाह दे रहे हैं, मगर नेता हैं कि मानने को तैयार नहीं है. पिछले दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष उससे पहले प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव व राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने नेताओं की क्लास ली. सभी ने यही नसीहत दी कि तोलमोल कर ही बयान दें.

कृषि मंत्री के बयान पर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के नेता सत्ता के मद में इतने चूर हो गए है कि आदिवासी समाज के जननायक टंट्या मामा को लुटेरा बताने पर तुल गए हैं.

इनपुट - आईएएनएस

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