भोपाल। जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच बातचीत के बाद सोमवार को जहां हड़ताल समाप्ति पर सहमति बनी, वहीं देर शाम शासन ने जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड के आदेश जारी कर दिए. सरकार ने 5 अक्टूबर 2018 से यह आदेश जारी किया है, जो शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के डॉक्टरों के लिए रहेंगे. इस आदेश के अनुसार डिप्लोमा पीजी प्रथम वर्ष के छात्रों को अभी तक 55 हजार रुपये मासिक स्टाइपेंड मिलता था, जो बढ़ाकर 65 हजार हो गया है.
इसी तरह डिप्लोमा पीजी द्वितीय वर्ष के छात्रों को 57 हजार से बढ़ाकर 67 हजार, पीजी तृतीय वर्ष के छात्रों को 59 हजार से बढ़ाकर 69 हजार, इंटर्न को 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये दिए जाएंगे.
सुपर स्पेशलिटी प्रथम वर्ष को 59 हजार से बढ़ाकर 69 हजार रुपये, सुपर स्पेशलिटी द्वितीय वर्ष को भी 59 हजार से बढ़ाकर 69 हजार रुपये, सुपर स्पेशलिटी तृतीय वर्ष के छात्रों को भी 59 हजार से बढ़ाकर 69 हजार रुपये, सीनियर प्रेसिडेंट को 65 हजार से बढ़ाकर 76 हजार रुपये दिए जाएंगे.
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जूनियर रेजिडेंट को 45 हजार से बढ़ाकर 53 हजार रुपये मासिक देने के आदेश जारी किए गए हैं. उपरोक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित रहेगा, जिसके तहत अगली बढ़ोतरी एक अप्रैल 2022 से स्वीकृत की जाएगी.
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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच पिछले 8 दिनों से लगातार हड़ताल को लेकर विवाद हुआ था और जूनियर डॉक्टर्स काम बंद कर हड़ताल पर चले गए थे. अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर यह सभी जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर थे, जिसमें स्टाइपेंड के साथ ही 1 वर्ष का ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य और अन्य मांगें प्रमुख थी. इन सभी मांगों के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जो आने वाले दिनों में इस पर निर्णय लेगी. अब डॉक्टर्स और सरकार के बीच का आपसी विवाद थम गया है और सरकार ने बिना देरी करे इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं.