भोपाल। प्रदेश सरकार के दूसरे अनुपूरक बजट (mp suplimentry budget) में जनजाति वर्ग के लिए सिर्फ 400 रुपए (bjp govt kept only rs 400 for tribals) का प्रावधान किए जाने के मुद्दे पर सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि जनजाति सम्मेलन के नाम पर करोड़ों रुपए फूंकने वाली राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में जनजाति वर्ग के लिए सिर्फ 400 रुपए दिए हैं. हालांकि इस हंगामे के बीच ही 15 मिनिट में सदन में दो संशोधन विधेयक पास कराए गए. हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
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#VidhanSabha में शीतकालीन सत्र के पांचों दिन विपक्ष का जोर प्रश्नकाल को हल्काकाल बनाने पर रहा।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मेरा विपक्ष के नेता कमलनाथ जी से आग्रह है कि वे सदन के तौर-तरीके सीखने के लिए अपने सदस्यों का प्रबोधन कार्यक्रम करें।@MPVidhanSabha @OfficeOfKNath pic.twitter.com/HQiAKvIZy8
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मेरा विपक्ष के नेता कमलनाथ जी से आग्रह है कि वे सदन के तौर-तरीके सीखने के लिए अपने सदस्यों का प्रबोधन कार्यक्रम करें।@MPVidhanSabha @OfficeOfKNath pic.twitter.com/HQiAKvIZy8#VidhanSabha में शीतकालीन सत्र के पांचों दिन विपक्ष का जोर प्रश्नकाल को हल्काकाल बनाने पर रहा।
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मेरा विपक्ष के नेता कमलनाथ जी से आग्रह है कि वे सदन के तौर-तरीके सीखने के लिए अपने सदस्यों का प्रबोधन कार्यक्रम करें।@MPVidhanSabha @OfficeOfKNath pic.twitter.com/HQiAKvIZy8
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जिस रथ के घोड़े अलग-अलग दिशा में दौड़ेंगे, उस रथ के परखच्चे उड़ना तय है।
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विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का बर्ताव उनकी पार्टी के भविष्य का संकेत है। pic.twitter.com/e4PiYwHEIe
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विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का बर्ताव उनकी पार्टी के भविष्य का संकेत है। pic.twitter.com/e4PiYwHEIeजिस रथ के घोड़े अलग-अलग दिशा में दौड़ेंगे, उस रथ के परखच्चे उड़ना तय है।
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विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का बर्ताव उनकी पार्टी के भविष्य का संकेत है। pic.twitter.com/e4PiYwHEIe
आदिवासियों के लिए 400 रुपए का प्रावधान!
सत्र के आखिरी दिन प्रदेश सरकार ने हंगामे के बीच ही 21 हजार 584 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने अनुपूरक बजट में जनजातियों के लिए सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान किए जाने को लेकर सरकार को घेरा और हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि जनजाति सम्मेलन में करोड़ों रुपए फूंकने वाली बीजेपी सरकार की सच्चाई यही है. सरकार ने जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए पास कराए गए अनुपूरक बजट में सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान किया है.
सम्मेलन पर 100 करोड़, सम्मान में सिर्फ 400 रुपए
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनूपूरक बजट में 400 रुपए के प्रावधान पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार चुनावों को देखते हुए आदिवासी वर्ग को लुभाने में लगी है. इसलिए भोपाल के जंबूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस मनाने के नाम पर 100 करोड़ रुपए लूटा देती है और जनजातीय कार्य के लिए अनुपूरक बजट में मात्र 400 रुपये की राशि का प्रावधान कर वह आदिवासियों का अपमान कर रही है. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि चुनावों को देखते हुए 18 वर्ष बाद आदिवासी महानायकों की उसे अचानक याद आ रही है. रानी कमलापति के नाम पर रेलवे स्टेशन का नामकरण किया गया है, वहीं रानी कमलापति की आखिरी निशानी गिन्नौरगढ़ का किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यह भाजपा की हकीकत है.
हंगामा करना ही कांग्रेस का उद्देश्य
कांग्रेस के हंगामे को लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ प्रश्नकाल को बाधित करने के लिए हंगामा करती है. कांग्रेस के सभी विधायक अलग-अलग मांगें उठा रहे हैं. नरोत्तम मिश्रा ने सरकार की तरफ से सफाई देते हुए कहा कि कई बार बजट में 1 रुपए का भी प्रावधान किया जाता है, यह बजटीय प्रावधान होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि एक रुपया ही खर्च किया जाएगा. बाद में इसके लिए बजट निर्धारित किया जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि एक दिन पहले जब बजट पर चर्चा होनी थी, तब कांग्रेस ने हंगामा किया और इस पर चर्चा ही नहीं की और आज फिर से हंगामा कर रही है. मिश्रा ने कहा कि सदन में हंगामा करना ही कांग्रेस का उद्देश्य रह गया लगता है.
हंगामे के बीच पास हुए दो विधेयक
कांग्रेस के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले प्रश्नकाल दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई. इसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के बीच 21 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों को पढ़ा हुआ मान लिया गया, वहीं 45 याचिकाओं की प्रस्तुति हुई. इसके अलावा दो विधेयक काष्ठ चिरान विनियमन संशोधन विधेयक और ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक को पेश किया गया और जिन्हें दस मिनिट में पास करा लिया गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई.