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धौलपुर से टिड्डी दल ने देर शाम मध्य प्रदेश की तरफ किया कूच

धौलपुर में करौली बॉर्डर की ओर से बुधवार को टिड्डियों का दल पहुंचा, ग्रामीणों ने टिड्डी दल को भगाने के इंतजाम भी किए, जिसके बाद टिड्डियों का दल मध्यप्रदेश की सीमा में दाखिल हो गया.

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Published : May 27, 2020, 8:06 PM IST

Grasshopper team reached Madhya Pradesh
टिड्डी दल पहुंचा मध्यप्रदेश

धौलपुर/भोपाल। करौली बॉर्डर की ओर से बसेड़ी उपखंड इलाके में बुधवार को टिड्डियों के दल ने प्रवेश किया, करीब 2 से 5 किलोमीटर तक टिड्डियों का दल बसेड़ी उपखंड इलाके के एक दर्जन गांव में होते हुए सैपऊ उपखंड और धौलपुर क्षेत्र के कुछ गांवों में घूमते हुए राजाखेड़ा इलाके में पहुंचा, टिड्डियों का दल देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई.

टिड्डी दल पहुंचा मध्यप्रदेश

इस दौरान जिला प्रशासन की निगरानी टीम भी ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद थी, ग्रामीण पूर्व सूचना के आधार पर टिड्डी दल को भगाने का इंतजाम भी किए थे. ग्रामीणों ने थालियां और टीन बजाने के साथ-साथ आग भी जलाए, जिसके धुएं से टिड्डियों का दल भाग गया. हालांकि, अधिकांश किसानों की जमीन खाली पड़ी है, जिसके कारण कोई नुकसान नहीं हुआ है.

वहीं, कुछ किसानों का हरा चारा और सब्जियों की फसल खेतों में जरूर खड़ी थी, जिसे लेकर किसान काफी चिंतित थे. फिलहाल, टिड्डियों का दल राजाखेड़ा उपखंड इलाके के करीब एक दर्जन गांव में घूमकर मध्य प्रदेश की तरफ पलायन कर गया, जिससे जिला प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. लेकिन जिला प्रशासन ये भी बात कहने से नहीं चूक रहा कि कभी भी टिड्डी दल का हमला हो सकता है.

कृषि विभाग के डीडी दयाशंकर शर्मा ने बताया कि टिड्डी दल के आने की सूचना करौली कृषि विभाग की ओर से दी गई थी. करौली कृषि विभाग की ओर से जानकारी में बताया था कि करीब 2 से 5 किमी लंबा टिड्डियों का दल धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखंड इलाके में प्रवेश करने वाला है. करौली प्रशासन की सूचना पर धौलपुर के स्थानीय प्रशासन को अलर्ट किया गया. साथ ही बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा इलाके में विभाग की तरफ से निगरानी दल भी तैनात किए गए, निगरानी दल की टीम की ओर से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया गया.

बसेड़ी इलाके में करीब 2 किलोमीटर चौड़ाई और 5 किलोमीटर लंबाई में टिड्डी दल प्रवेश कर गया. खेतों में फसल नहीं होने के कारण टिड्डी दल दो-तीन भागों में बंट गया. इसके बाद टिड्डियों का दल सैपऊ उपखंड के माफलपुरा, पुरैनी इलाके में होते हुए गांव सरानी खेड़ा और पचगांव पहुंच गया, जहां ग्रामीणों के खेतों में चारा और सब्जी की फसल खड़ी थी. वहीं, कुछ किसानों की आम की बागवानी भी खड़ी थी, जहां टिड्डियों के झुंड मंडराने लगे, जिसे देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई. लेकिन ग्रामीणों ने पूर्व में ही तैयारी कर लिया था.

इस दौरान ग्रामीणों ने खेतों के पास धुआं कर टीन और थालियां बजाकर टिड्डियों के भारी समूह को भागने के लिए मजबूर कर दिया. उसके बाद टिड्डियों का दल राजाखेड़ा इलाके के करीब 12 से अधिक गांव में घूमते हुए मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की तरफ पलायन कर गया. वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खतरा अभी टला नहीं है. टिड्डियों के दल की ओर से कभी भी हमला किया जा सकता है, जिसे लेकर गांवों में निगरानी दल तैनात कर दिया गया है. वहीं, कृषि विभाग की ओर से कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की व्यवस्था भी की गई है.

धौलपुर/भोपाल। करौली बॉर्डर की ओर से बसेड़ी उपखंड इलाके में बुधवार को टिड्डियों के दल ने प्रवेश किया, करीब 2 से 5 किलोमीटर तक टिड्डियों का दल बसेड़ी उपखंड इलाके के एक दर्जन गांव में होते हुए सैपऊ उपखंड और धौलपुर क्षेत्र के कुछ गांवों में घूमते हुए राजाखेड़ा इलाके में पहुंचा, टिड्डियों का दल देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई.

टिड्डी दल पहुंचा मध्यप्रदेश

इस दौरान जिला प्रशासन की निगरानी टीम भी ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद थी, ग्रामीण पूर्व सूचना के आधार पर टिड्डी दल को भगाने का इंतजाम भी किए थे. ग्रामीणों ने थालियां और टीन बजाने के साथ-साथ आग भी जलाए, जिसके धुएं से टिड्डियों का दल भाग गया. हालांकि, अधिकांश किसानों की जमीन खाली पड़ी है, जिसके कारण कोई नुकसान नहीं हुआ है.

वहीं, कुछ किसानों का हरा चारा और सब्जियों की फसल खेतों में जरूर खड़ी थी, जिसे लेकर किसान काफी चिंतित थे. फिलहाल, टिड्डियों का दल राजाखेड़ा उपखंड इलाके के करीब एक दर्जन गांव में घूमकर मध्य प्रदेश की तरफ पलायन कर गया, जिससे जिला प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. लेकिन जिला प्रशासन ये भी बात कहने से नहीं चूक रहा कि कभी भी टिड्डी दल का हमला हो सकता है.

कृषि विभाग के डीडी दयाशंकर शर्मा ने बताया कि टिड्डी दल के आने की सूचना करौली कृषि विभाग की ओर से दी गई थी. करौली कृषि विभाग की ओर से जानकारी में बताया था कि करीब 2 से 5 किमी लंबा टिड्डियों का दल धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखंड इलाके में प्रवेश करने वाला है. करौली प्रशासन की सूचना पर धौलपुर के स्थानीय प्रशासन को अलर्ट किया गया. साथ ही बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा इलाके में विभाग की तरफ से निगरानी दल भी तैनात किए गए, निगरानी दल की टीम की ओर से गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया गया.

बसेड़ी इलाके में करीब 2 किलोमीटर चौड़ाई और 5 किलोमीटर लंबाई में टिड्डी दल प्रवेश कर गया. खेतों में फसल नहीं होने के कारण टिड्डी दल दो-तीन भागों में बंट गया. इसके बाद टिड्डियों का दल सैपऊ उपखंड के माफलपुरा, पुरैनी इलाके में होते हुए गांव सरानी खेड़ा और पचगांव पहुंच गया, जहां ग्रामीणों के खेतों में चारा और सब्जी की फसल खड़ी थी. वहीं, कुछ किसानों की आम की बागवानी भी खड़ी थी, जहां टिड्डियों के झुंड मंडराने लगे, जिसे देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई. लेकिन ग्रामीणों ने पूर्व में ही तैयारी कर लिया था.

इस दौरान ग्रामीणों ने खेतों के पास धुआं कर टीन और थालियां बजाकर टिड्डियों के भारी समूह को भागने के लिए मजबूर कर दिया. उसके बाद टिड्डियों का दल राजाखेड़ा इलाके के करीब 12 से अधिक गांव में घूमते हुए मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की तरफ पलायन कर गया. वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खतरा अभी टला नहीं है. टिड्डियों के दल की ओर से कभी भी हमला किया जा सकता है, जिसे लेकर गांवों में निगरानी दल तैनात कर दिया गया है. वहीं, कृषि विभाग की ओर से कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की व्यवस्था भी की गई है.

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