भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले 48 घंटों से भारी बारिश का दौर जारी है. इस बीच किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा दिए जाने की बात कही है, वही उन्होंने खातेगांव में फसलों का निरीक्षण करते वक्त बताया है कि 6 सितंबर को 19 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा का 4500 करोड रुपए ट्रांसफर किया जाएगा. जिस पर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने निशाना साधा है.
कुणाल चौधरी ने कहा कि क्या किसानों की फसल बीमा का पैसा सरकार दे रही है. इसका जवाब सरकार को देना चाहिए. क्योंकि बीमा के प्रीमियम किसान खुद भरता है और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने राज्य का अंश दिया था. इसी का नतीजा है कि फसल बीमा समय पर मिल रहा है. बीमा मिलना किसान का अधिकार है, इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है, ऐसा करके सीएम शिवराज प्रदेश के किसानों पर कोई एहसान नहीं कर रहे है बल्कि जो किसानों का हक है वह लिया जा रहा है.
100 फीसदी फसल खराब
कुणाल चौधरी ने कहा है कि प्रदेश के कई के इलाकों में किसानों की 100 फ़ीसदी तक फसल खराब हो चुकी है. सरकार क्या इस बात का स्पष्टीकरण देगी कि वह किसानों को मुआवजा देगी या नहीं. क्योंकि हवाहवाई वादों से कुछ नहीं होता. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी विपक्ष में थी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों को 40 हजार हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की थी. अब बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं, तो क्या वह सीएम बताएंगे कि वह किसानों को अब 40 हजार हेक्टेयर हिसाब से मुआवजा देंगे या नहीं देंगे. कुणाल चौधरी ने इस संबंध में सीएम को पत्र भी लिखा है.
किसानों को परेशान कर रही यह सरकार
विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि बीजेपी अपने बीते 15 सालों की तरह फिर किसानों को प्रताड़ित कर उनकी छाती पर गोली मारने का काम कर रही है. लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी. सरकार को किसानों को उनका मुआवजा देना ही पड़ेगा. कुणाल चौधरी ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस साल किसानों ने रिकॉर्ड 58 लाख 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा सोयाबीन की बोनी की थी और उम्मीद जताई जा रही थी कि गेहूं की तरह इस तिलहन फसल का भी बंपर उत्पादन होगा. लेकिन फसल येलो मोजेक वायरस की चपेट में आ गई है. जिसका मुआवजा सरकार को देना चाहिए.