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'सरकार चलाने में नहीं, बचाने में व्यस्त है सीएम कमनाथ, इसलिए थानों से बंट रही है यूरिया' - थानों से बंट रही यूरिया

प्रदेश में किसानों को यूरिया न मिलने पर सियासत तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार चलाने से ज्यादा उसे बचाने में व्यस्त हैं.

Kamnath busy in not running the government, so urea is distributed from the police stations in bhopal
सरकार चलाने में नहीं बचाने में व्यस्त कमनाथ- नेता प्रतिपक्ष
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Published : Dec 3, 2019, 11:46 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया का संकट इतना ज्यादा गहरा गया है कि, सरकार को संगीनों के साए में थानों से यूरिया बंटवाना पड़ रहा है. खाद के संकट को लेकर बने इन हालातों पर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है. नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार पर यूरिया संकट को लेकर निशाना साधा है.

सरकार चलाने में नहीं बचाने में व्यस्त कमनाथ- नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, सरकार बचाने में ज्यादा व्यस्त है, सरकार चलाने में उनका ध्यान नहीं है. इसलिए ये हालात बन गए हैं कि, थानों से यूरिया खाद का वितरण करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि प्रदेश का किसान हर मामले में ठगा गया है. किसानों की न तो कर्ज माफी हुई और न ही फसल बीमा मिला. आलम ये है कि अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है.

गोपाल भार्गव ने कहा कि पुलिस थानों से यूरिया बंट रही है. किसानों को जहां 10 और 20 बोरी चाहिए, वहां एक या दो बोरी यूरिया मिल रही है. उन्होंने कमलनाथ सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, कुल मिलाकर यह अव्यवस्था है. सीएम अपनी सरकार बचाने में लगे हुए हैं, सरकार चलाने में किसी की रुचि नहीं है. यूरिया के संकट से किसान मरा जा रहा है. सरकार तबादलों में व्यस्त है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया का संकट इतना ज्यादा गहरा गया है कि, सरकार को संगीनों के साए में थानों से यूरिया बंटवाना पड़ रहा है. खाद के संकट को लेकर बने इन हालातों पर प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है. नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार पर यूरिया संकट को लेकर निशाना साधा है.

सरकार चलाने में नहीं बचाने में व्यस्त कमनाथ- नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, सरकार बचाने में ज्यादा व्यस्त है, सरकार चलाने में उनका ध्यान नहीं है. इसलिए ये हालात बन गए हैं कि, थानों से यूरिया खाद का वितरण करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि प्रदेश का किसान हर मामले में ठगा गया है. किसानों की न तो कर्ज माफी हुई और न ही फसल बीमा मिला. आलम ये है कि अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है.

गोपाल भार्गव ने कहा कि पुलिस थानों से यूरिया बंट रही है. किसानों को जहां 10 और 20 बोरी चाहिए, वहां एक या दो बोरी यूरिया मिल रही है. उन्होंने कमलनाथ सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, कुल मिलाकर यह अव्यवस्था है. सीएम अपनी सरकार बचाने में लगे हुए हैं, सरकार चलाने में किसी की रुचि नहीं है. यूरिया के संकट से किसान मरा जा रहा है. सरकार तबादलों में व्यस्त है.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया का संकट इतना ज्यादा गहरा गया है कि सरकार को संगीनों के साए में थानों से यूरिया बटवाना पड़ रहा है। खाद के संकट को लेकर बने इन हालातों को लेकर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर बड़ा हमला किया है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार बचाने में ज्यादा व्यस्त है। सरकार चलाने में उनका कोई ध्यान नहीं है। इसलिए यह हालात बन गए हैं कि थानों में से यूरिया खाद का वितरण करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि देश का किसान हर मामले में ठगा गया है, ना तो कर्ज माफी हुई, ना फसल बीमा मिला और ना ही अतिवृष्टि में राहत मुआवजा मिला और अब खाद भी हासिल नहीं हो रही है।


Body:इस मामले मैं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि इस सरकार में कुछ भी व्यवस्थित नहीं चल रहा है। मेरे पास पहले कृषि और सहकारिता विभाग दोनों रहे हैं। उस समय हम लोग मार्केटिंग फेडरेशन के माध्यम से फर्टिलाइजर कंपनियों को एडवांस में पैसा दे देते थे और हम लोग आकलन करके रबी की फसल में हमें कितने यूरिया और फ़र्टिलाइज़र की जरूरत पड़ेगी। उसका कंपनी को ऑर्डर दे देते थे। इस साल कुछ भी नहीं किया गया है। इस कारण से यूरिया की कमी आई है। आप खुद देख रहे हैं कि पुलिस थानों से यूरिया बढ़ रहा है। किसानों को जहां 10 और 20 बोरी चाहिए,वहां एक या दो बोरी यूरिया मिल रहा है।


Conclusion:गोपाल भार्गव का कहना है कि कुल मिलाकर यह अव्यवस्था है। कमलनाथ अपनी सरकार बचाने में लगे हुए हैं, सरकार चलाने में किसी की रुचि नहीं है। यही कारण है कि किसानों के साथ समस्याएं आ रही हैं। किसान चारों तरफ से मारा जा रहा है।एक तरफ कर्ज माफी का पैसा नहीं मिला है,दूसरी तरफ फसल बीमा का पैसा नहीं मिला है, क्योंकि उन्होंने प्रीमियम की राशि जमा नहीं की है। तीसरा किसानों को अतिवृष्टि की राहत राशि अभी तक नहीं मिली है। चौथा यूरिया का संकट आ गया है। कुल मिलाकर किसान चारों तरफ से परेशान है। इसलिए किसानों की आत्महत्या काफी ज्यादा हो रही है। कुल मिलाकर सारे रास्ते बंद हैं और सरकार तबादलों में व्यस्त है।
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