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Garlic Issue MP लहसुन नदी में फेंके जाने पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर कसा तंज, यही है आय दोगनी करने के दावे का सच

बाजार में लहसुन के दाम न मिलने से नाराज किसानों द्वारा फसल को नदी में फेंक जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि किसान को उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा और वह निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है. सरकार को तत्काल जरूरी निर्णय लेकर किसानों को राहत देनी चाहिए. कमलनाथ ने अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों कि बर्बाद हुई फसलों को लेकर सरकार से किसानों को राहत देने की मांग की है. Kamal Nath comments Cm Shivraj, Garlic thrown in river, Demanding right price garlic, Garlic Cultivation in MP, Bumper yield Garlic MP

Kamal Nath comments Cm Shivraj
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर कसा तंज
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Published : Aug 24, 2022, 7:24 PM IST

भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों द्वारा लहसुन की फसल को नदी में फेंके जाने का फोटो ट्वीटर पर लगाते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में यह है किसानों की स्थिति और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का सच. उन्होंने आरोप लगाया की लहसुन एक रुपए किलो से भी कम में बिक रहा है. घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं तो कभी नदी में बहा रहे हैं. किसान को उसकी उपज का दाम नहीं मिल पा रहा और वह निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है.

फसलों की लागत दोगुनी हुई : कमलनाथ ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन उत्पादन लागत जरूर दोगुनी हो गई है. खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है. कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मांग की है कि तत्काल जरूरी निर्णय लेकर किसानों को राहत दी जाए.कमलनाथ ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से हुई फसलों की बर्बादी को लेकर सरकार से जल्द राहत देने की मांग की. उन्होंने कहा है कि भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं बड़ी संख्या में लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि भीषण संकट के इस मुश्किल समय में सरकार तत्काल राहत कार्य शुरू कराए और प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाए.

  • लहसुन एक रुपये से भी कम में बिक रहा है , घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे है और कभी नदी में बहा रहे है।

    किसानो की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन उत्पादन लागत ज़रूर दोगुनी हो गयी है , खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

Digvijay Singh letter दिग्विजय सिंह उतरे लहसुन किसानों के समर्थन में, सीएम शिवराज को पत्र, पर्याप्त कीमत देने की मांग

दिग्विजय सिंह भी उठा चुके हैं लहसुन की समस्या : लहसुन की कीमतों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपनी मांग सरकार के सामने रखी है. प्रदेश की मंडियों में लहसुन 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. इससे किसान बहुत नाराज व हताश हैं. कम कीमत मिलने के कारण किसान लहसुन सड़कों पर फेंक कर नाराजगी जता रहे हैं. इसके साथ ही लहसुन की पैदावर को नदी व नालियों में बहा रहे हैं. लहसुन और प्याज की कम कीमतों के विरोध में किसानों ने उनका अंतिम संस्कार भी किया था. सिंह ने पत्र में कहा है कि आपके अपने सीहोर जिले में किसान रो रहे थे और सैकड़ों क्विंटल लहसुन पार्वती नदी में फेंकने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने 2005 से किसानों के कल्याण के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार मुख्यमंत्री बने और यहां तक ​​कि उनकी फसलों के लिए पर्याप्त रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए 'भावंतर योजना' भी प्रभावी नहीं थी.

भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों द्वारा लहसुन की फसल को नदी में फेंके जाने का फोटो ट्वीटर पर लगाते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में यह है किसानों की स्थिति और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का सच. उन्होंने आरोप लगाया की लहसुन एक रुपए किलो से भी कम में बिक रहा है. घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं तो कभी नदी में बहा रहे हैं. किसान को उसकी उपज का दाम नहीं मिल पा रहा और वह निरंतर कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है.

फसलों की लागत दोगुनी हुई : कमलनाथ ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन उत्पादन लागत जरूर दोगुनी हो गई है. खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है. कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मांग की है कि तत्काल जरूरी निर्णय लेकर किसानों को राहत दी जाए.कमलनाथ ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से हुई फसलों की बर्बादी को लेकर सरकार से जल्द राहत देने की मांग की. उन्होंने कहा है कि भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं बड़ी संख्या में लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि भीषण संकट के इस मुश्किल समय में सरकार तत्काल राहत कार्य शुरू कराए और प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाए.

  • लहसुन एक रुपये से भी कम में बिक रहा है , घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे है और कभी नदी में बहा रहे है।

    किसानो की आय दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन उत्पादन लागत ज़रूर दोगुनी हो गयी है , खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है।

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

Digvijay Singh letter दिग्विजय सिंह उतरे लहसुन किसानों के समर्थन में, सीएम शिवराज को पत्र, पर्याप्त कीमत देने की मांग

दिग्विजय सिंह भी उठा चुके हैं लहसुन की समस्या : लहसुन की कीमतों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपनी मांग सरकार के सामने रखी है. प्रदेश की मंडियों में लहसुन 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. इससे किसान बहुत नाराज व हताश हैं. कम कीमत मिलने के कारण किसान लहसुन सड़कों पर फेंक कर नाराजगी जता रहे हैं. इसके साथ ही लहसुन की पैदावर को नदी व नालियों में बहा रहे हैं. लहसुन और प्याज की कम कीमतों के विरोध में किसानों ने उनका अंतिम संस्कार भी किया था. सिंह ने पत्र में कहा है कि आपके अपने सीहोर जिले में किसान रो रहे थे और सैकड़ों क्विंटल लहसुन पार्वती नदी में फेंकने को मजबूर हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने 2005 से किसानों के कल्याण के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार मुख्यमंत्री बने और यहां तक ​​कि उनकी फसलों के लिए पर्याप्त रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए 'भावंतर योजना' भी प्रभावी नहीं थी.

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