भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हो गया है. पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुकुल वासनिक की मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव पद से छुट्टी कर दी है. उनकी जगह पर दिल्ली कांग्रेस के नेता जय प्रकाश अग्रवाल को मध्य प्रदेश का AICC प्रभारी नियुक्त किया गया है. फिलहाल मुकुल वासनिक AICC के महासचिव बने रहेंगे.
मुकुल वासनिक पिछले 2 साल से थे मध्य प्रदेश के प्रभारी: मध्यप्रदेश कांग्रस के प्रभारी मुकुल वासनिक द्वारा पर्याप्त समय न दिए जाने के चलते उन्हें हटाया गया है. 2020 में कमलनाथ की सरकार जाने के बाद दीपक बावरिया को हटाकर मुकुल वासनिक को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था. हालांकि, वासनिक की प्रदेश में सक्रियता बहुत ज्यादा नहीं रही. राजस्थान से राज्यसभा चुने जाने के बाद से वे दिल्ली और राजस्थान में ही सक्रिय हैं. उधर, कांग्रेस नेताओं के मुताबिक सक्रिय राजनीति और संगठन में बेहतर काम कर चुके जयप्रकाश अग्रवाल को प्रदेश प्रभारी बनाए जाने का प्रदेश कांग्रेस को अच्छा लाभ मिलेगा.
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लंबे राजनीतिक जीवन का मिलेगा लाभ: जयप्रकाश अग्रवाल का लंबा राजनीति कैरियर रहा है. जे पी अग्रवाल की राजनीतिक पारी की शुरुआत 1973-75 के बीच हुई. वे दिल्ली यूथ कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष थे. इसके बाद 1983- 84 तक दिल्ली में डिप्टी मेयर रहे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली नगर निगम की स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन और नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली.
चार बार लोकसभा पहुंचे: जयप्रकाश अग्रवाल दिल्ली से चार बार चुनकर लोकसभा जा चुके हैं. 1984, 1989, 1996 और 2006 में वे चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 2006 में वे राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. 1992 में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. जयप्रकाश अग्रवाल गांधी परिवार के भरोसेमंद सिपाही समझे जा सकते हैं. जेपी अग्रवाल को 1992 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) का सदस्य बनाया गया था. उन्हें संगठन में कार्य करने की बेहतर कार्यशौली के लिए पहचाना जाता है. दिल्ली में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद 2013 में उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी आलाकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. 2014 में कांग्रेस ने उनकी सीट बदलते हुए उन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली से प्रत्याशी बनाया, लेकिन बीजेपी के मनोज तिवारी के हाथों उन्हें करारी शिकस्त मिली और जेपी अग्रवाल करीब 3 लाख 80 हजार वोटों से हार गए. उसके बाद पार्टी की तरफ से अब जाकर बड़ी जिम्मेदारी मिली है. हालांकि, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से उनकी तनातनी की खबरें सुर्खियां बनती रही हैं. (MP Congress Incharge JP Agarwal ) (Jai Prakash Agarwal Congress Leader )