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घुटनों के बल चलकर किसानों ने की सद्बुद्धि की प्रार्थना, कहा-कार्पोरेट का मोह छोड़े मोदी सरकार - भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव

भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने केंद्र सरकार को संदेश दिया है कि वह अब भी समय है सुधर जाएं और किसानों को कालिका का रूप धारण ना करने दें. किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने नीलम पार्क से घुटनों के बल चलकर विरोध जताया है.

Protesting on the knees
घुटनों के बल चलकर विरोध
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Published : Dec 12, 2020, 7:27 PM IST

भोपाल: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में शामिल होते हुए आज भोपाल के किसानों ने घुटनों के बल माता मंदिर पहुंचकर केंद्र की मोदी सरकार के लिए सद्बुद्धि की प्रार्थना की. भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने केंद्र सरकार को संदेश दिया है कि वह अब भी समय है सुधर जाएं और किसानों को कालिका का रूप धारण ना करने दें. प्रधानमंत्री मोदी कार्पोरेट जगत की मोह माया को छोड़ें और इन काले कानूनों को वापस लें.

घुटनों के बल चलकर विरोध

घुटनों के बल चलकर खींचा सरकार का ध्यान

पिछले कई दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन की मध्य प्रदेश इकाई के कार्यकर्ताओं ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए आज अनोखा प्रदर्शन किया. किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने नीलम पार्क से घुटनों के बल चलकर विरोध जताया. जय जवान जय किसान के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी किसान तीनों बिल वापस लेने की मांग कर रहे थे.

पुलिस प्रशासन की अपील पर पैदल मार्च किया

करीब एक किलोमीटर तक घुटनों के बल चलने के बाद पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों से पैदल मार्च करके अपना विरोध जताने की बात कही, तब किसान यूनियन के सदस्यों ने आपस में चर्चा करने के बाद कुछ दूरी तक पैदल मार्च किया और अपना प्रदर्शन खत्म किया.

indian-farmer-union-protesting-on-the-knees-against-farm-bills
किसानों का प्रदर्शन

प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को बताया कार्पोरेट की गिरफ्त में

प्रदर्शन के दौरान दो किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का मुखौटा लगाए हुए थे,उनके हाथ बंधे हुए थे और दो किसान कार्पोरेट की तख्ती गले में टांगे हुए थे. प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को कार्पोरेट की गिरफ्त में बताया जा रहा था. वहीं किसान कटोरा लेकर भीख भी मांग रहे थे.

मोदी सरकार छोड़े कार्पोरेट जगत की मोहमाया

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि हमने घुटनों के बल चलकर माता से केंद्र सरकार के लिए सद्बुद्धी की माता से मांग की है कि वह अभी भी सुधर जाए और कालिका का रूप किसानों को धारण ना करने दें. देश का किसान वास्तव में त्राहि-त्राहि कर रहा है और कह रहा है कि यह जो तीनों काले कानून बनाए गए हैं और थोपे गए हैं, किसानों के लिए नहीं बल्कि कार्पोरेट जगत के लिए हैं. कार्पोरेट जगत की मोह माया मोदी जी को छोड़ना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए. अन्यथा 15 तारीख को प्रदेश व्यापी चक्का जाम में हमारी ताकत देखने को मिलेगी.

भोपाल: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में शामिल होते हुए आज भोपाल के किसानों ने घुटनों के बल माता मंदिर पहुंचकर केंद्र की मोदी सरकार के लिए सद्बुद्धि की प्रार्थना की. भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने केंद्र सरकार को संदेश दिया है कि वह अब भी समय है सुधर जाएं और किसानों को कालिका का रूप धारण ना करने दें. प्रधानमंत्री मोदी कार्पोरेट जगत की मोह माया को छोड़ें और इन काले कानूनों को वापस लें.

घुटनों के बल चलकर विरोध

घुटनों के बल चलकर खींचा सरकार का ध्यान

पिछले कई दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन की मध्य प्रदेश इकाई के कार्यकर्ताओं ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए आज अनोखा प्रदर्शन किया. किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने नीलम पार्क से घुटनों के बल चलकर विरोध जताया. जय जवान जय किसान के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी किसान तीनों बिल वापस लेने की मांग कर रहे थे.

पुलिस प्रशासन की अपील पर पैदल मार्च किया

करीब एक किलोमीटर तक घुटनों के बल चलने के बाद पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों से पैदल मार्च करके अपना विरोध जताने की बात कही, तब किसान यूनियन के सदस्यों ने आपस में चर्चा करने के बाद कुछ दूरी तक पैदल मार्च किया और अपना प्रदर्शन खत्म किया.

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किसानों का प्रदर्शन

प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को बताया कार्पोरेट की गिरफ्त में

प्रदर्शन के दौरान दो किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का मुखौटा लगाए हुए थे,उनके हाथ बंधे हुए थे और दो किसान कार्पोरेट की तख्ती गले में टांगे हुए थे. प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को कार्पोरेट की गिरफ्त में बताया जा रहा था. वहीं किसान कटोरा लेकर भीख भी मांग रहे थे.

मोदी सरकार छोड़े कार्पोरेट जगत की मोहमाया

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि हमने घुटनों के बल चलकर माता से केंद्र सरकार के लिए सद्बुद्धी की माता से मांग की है कि वह अभी भी सुधर जाए और कालिका का रूप किसानों को धारण ना करने दें. देश का किसान वास्तव में त्राहि-त्राहि कर रहा है और कह रहा है कि यह जो तीनों काले कानून बनाए गए हैं और थोपे गए हैं, किसानों के लिए नहीं बल्कि कार्पोरेट जगत के लिए हैं. कार्पोरेट जगत की मोह माया मोदी जी को छोड़ना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए. अन्यथा 15 तारीख को प्रदेश व्यापी चक्का जाम में हमारी ताकत देखने को मिलेगी.

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