भोपाल। छोटी-छोटी बातों को लेकर पति पत्नी में हुआ विवाद न्यायालय तक पहुंच जाता है. ऐसा ही एक मामला भोपाल से सामने आया है. शादी के 6 महीने बाद ही दंपति का विवाद इस कदर बढ़ा कि, पत्नी नाराज होकर पति का घर छोड़ दिया. नाराजगी की वजह थी पति का पत्नी को हनीमून पर न ले जाना. 1 साल से पहले ही यह मामला फैमिली कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट की काउंसलिंग में पति-पत्नी दोनों ने अपनी अपनी शर्तें रखी. जहां कई शर्तों को मानने के बाद दंपत्ति में समझौता हो गया.
मामला पहुंचा कोर्ट: शादी के 2 महीने बाद पति के पत्नी को हनीमून पर नहीं ले जाने के कारण पत्नी रूठ कर मायके चली गई. दोनों की जिद में शादी के 6 महीने बीत गए लड़के के परिवार वाले बहू को बुलाने उसके मायके गए ,लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद पति ने पत्नी को वापस बुलाने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया. पति के इस आवेदन के बदले पत्नी ने परेशान करने का केस लगाते हुए भरण पोषण की मांग कर दी. वहीं कोर्ट में पति का कहना था कि, पत्नी का ध्यान घर पर कम, सैर सपाटे में ज्यादा रहता है. इसके लिए उशके मायके वाले भी उकसाते हैं. इसी के चलते विवाद शुरू हुआ है. (Wife angry not taking honeymoon)
जाना था हनीमून, पहुंच गए जेल...समझ गए ना!
कोर्ट में ऐसे हुए सवाल-जावाब: काउंसलिंग के दौरान पति ने कहा कि वह अपने माता-पिता की एकलौती संतान है. वह घर से अलग नहीं रह सकता. जहां तक बात हनीमून पर जाने की है, तो उसने बताया कि कोरोना के डर के कारण वह बाहर घूमने नहीं गया. कोरोना में काम बंद होने से उसकी आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं थी. लेकिन पत्नी ने उसकी एक बात नहीं सुनी. पत्नी ने बताया कि, पति कंजूस है और पैसा होते हुए भी खर्च नहीं करने की सोच रखता है इसलिए हनीमून पर घुमाने नहीं ले गया. पत्नी ने कहा कि, मायके से दिए पैसों से घूमने जाने का प्रस्ताव भी पति को दिया था. लेकिन पति तैयार नहीं हुआ इसलिए ऐसी स्थिति बनी.
हनीमून पर न जाकर समुद्र तट की सफाई में जुटा नवविवाहित जोड़ा
शर्तों के साथ हुआ समझौता: इस पूरे मामले में काउंसलिंग के बाद पति ने कहा कि, वह पत्नी को घुमाने बाहर ले जाएगा. इसके अलावा त्यौहार में पत्नी के साथ ससुराल भी जाएगा. दोनों में समझौता हुआ कि दोनों आपस में नहीं लड़ेंगे और ना ही एक दूसरे का अनादर करेंगे. पत्नी ने भी माना कि, वह घर पर सभी काम करेगी. नौकरी करने की जिद नहीं करेगी. उसका पूरा खर्च उसका पति उठाएगा. इन शर्तों के साथ हुए समझौते के बाद अब पति अपने जन्मदिन पर पत्नी को बुलाने ससुराल जाएगा. (court persuaded agreed live together again)