भोपाल। बढ़ती आबादी के बीच तेजी से होते शहरीकरण ने सबसे ज्यादा नुकसान हरियाली को पहुंचाया है. आलम यह है कि जिन जगहों पर कभी हरा-भरा जंगल होता था. आज उस जंगल की जगह ऊंची-ऊंची इमारतों ने ले ली. जहां न तो पेड़ों को सहेजा गया और न उनकी देखरेख की गई. खासकर उन पेड़ों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने थे.
हालांकि अब मध्यप्रदेश में बड़े स्तर पर पेड़ों को बचाने की कवायद शुरू हुई है. जिसकी शुरूआत राजधानी भोपाल से की जा रही है. जहां कमला पार्क में 200 साल पुराने बरगद के पेड़ को बचाने की मुहिम शुरू हो गई है. नगर निगम और हॉर्टिकल्चर विभाग ने तय किया कि इस पेड़ को दोबारा जीवित किया जाए.
पुराने पेड़ों को बचाने की यह मुहिम राजधानी भोपाल से शुरू होकर पूरे प्रदेश में चलाई जाएगी और पेड़ों को हैरिटेज ट्री का दर्जा भी दिया जाएगा. उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव कहती हैं. पुराने पेड़ों को बचाने के लिए प्लान तैयार किया गया है. जिस पर काम शुरू हो गया है. जल्द यह मुहिम रंग लाती दिखेगी.
पुराने पेड़ों को किया जाएगा संरक्षित
उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने भोपाल संभाग कमिश्नर रहते हुए ग्रीन भोपाल, कूल भोपाल प्रोग्राम चलाया गया था. जिसमें बड़े स्तर पर भोपाल की जनता जुड़ी थी. उस वक्त जो भी पेड़ लगाए गए थे. आज भी उन पेड़ों का संरक्षण किया जा रहा है.
जिसके बाद कुछ दिन पहले भोपाल के एक रहवासी ने सुझाव दिया था कि कमला पार्क में लगा 200 साल पुराना बरगद का पेड़ गिर गया है. जिसे बचाने के लिए कुछ उपाय किया जाएगा. जिसके बाद उस पेड़ के संरक्षित करने की कवायद शुरू की गई थी. जो अब पूरे प्रदेश में चलेगी.
पुराने पेड़ों को बचाने की यह मुहिम उद्यानिकी विभाग और नगर-निगम भोपाल ने मिलकर की है. जिससे अब इन पुरानें पेड़ों को नया जीवन मिलेगा. जहां आने वाली पीढ़ी भी इन पेड़ों की छाया ले सकेगी.