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उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश, 5 सौ करोड़ तक कंपनी को मंत्री से लेनी होगी अनुमति

उच्च शिक्षा विभाग ने सभी संभाग प्राचार्य और सभी शासकीय महाविद्यालय के लिए सीएसआर के संबंध में आदेश जारी किया, जिसके तहत सौ करोड़ से 5 सौ करोड़ तक की कंपनी के लिए मंत्री से अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा.

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Published : Nov 30, 2019, 11:30 PM IST

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उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी संभाग प्राचार्य और सभी शासकीय महाविद्यालय के लिए सीएसआर के संबंध में आदेश जारी किया है. जिसके तहत प्रदेश के कॉलेजों में खर्च किए जाने वाली राशि के लिए कॉलेजों को प्रकोष्ठ का गठन करना होगा. इसके तहत सौ करोड़ से 5 सौ करोड़ तक की कंपनी के लिए मंत्री से अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा.

उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कार्रवाई करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं. जिसमें कंपनी एक्ट 2013 के तहत सीएसआर मद में पात्र कंपनियों के प्रत्येक वित्तीय वर्ष के विगत 3 वर्षों के औसत की 2 फीसदी राशि व्यय करने के प्रावधान है. जिसके चलते सीएसआर के तहत उच्च शिक्षा विभाग में जो गतिविधि संचालित की जा सकती है. जिसमें अधोसंरचना विकास उपकरण शिक्षा कौशल विकास के साथ ही पेयजल व्यवस्था भी सम्मिलित है.

प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों को सीएसआर मद का अधिकारिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं. सीएसआर के तहत महाविद्यालयों की आवश्यकता और कंपनी की स्थिति के अनुरूप सीएसआर प्रस्ताव अलग-अलग प्रकार के होंगे. वहीं महाविद्यालयों के प्राचार्यों की सुविधा के लिए 3 मानक प्रस्ताव भी तैयार किए गए हैं.

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी संभाग प्राचार्य और सभी शासकीय महाविद्यालय के लिए सीएसआर के संबंध में आदेश जारी किया है. जिसके तहत प्रदेश के कॉलेजों में खर्च किए जाने वाली राशि के लिए कॉलेजों को प्रकोष्ठ का गठन करना होगा. इसके तहत सौ करोड़ से 5 सौ करोड़ तक की कंपनी के लिए मंत्री से अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा.

उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कार्रवाई करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं. जिसमें कंपनी एक्ट 2013 के तहत सीएसआर मद में पात्र कंपनियों के प्रत्येक वित्तीय वर्ष के विगत 3 वर्षों के औसत की 2 फीसदी राशि व्यय करने के प्रावधान है. जिसके चलते सीएसआर के तहत उच्च शिक्षा विभाग में जो गतिविधि संचालित की जा सकती है. जिसमें अधोसंरचना विकास उपकरण शिक्षा कौशल विकास के साथ ही पेयजल व्यवस्था भी सम्मिलित है.

प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों को सीएसआर मद का अधिकारिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं. सीएसआर के तहत महाविद्यालयों की आवश्यकता और कंपनी की स्थिति के अनुरूप सीएसआर प्रस्ताव अलग-अलग प्रकार के होंगे. वहीं महाविद्यालयों के प्राचार्यों की सुविधा के लिए 3 मानक प्रस्ताव भी तैयार किए गए हैं.

Intro:उच्च शिक्षा विभाग ने समस्त संभाग प्राचार्य और समस्त शासकीय महाविद्यालय के लिए सीएसआर के संबंध में एक आदेश जारी कर दिया है जिसके तहत प्रदेश के कॉलेजों में खर्च किए जाने वाली राशि के लिए संचालक स्तर पर कॉलेजों को प्रकोष्ठ का गठन करना होगा वही इस आदेश के तहत 100 करोड़ से 500 करोड़ तक की कंपनी के लिए मंत्री से अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा


Body:कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत कार्यवाही करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं जिसमें कंपनी एक्ट 2013 के तहत सीएसआर मद में पात्र कंपनियों के प्रत्येक वित्तीय वर्ष के विगत 3 वर्षों के औसत की 2% राशि व्यय करने के प्रावधान है सीएसआर के तहत उच्च शिक्षा विभाग में जो गतिविधि संचालित की जा सकती है उसमें अधोसंरचना विकास उपकरण शिक्षा कौशल विकास के साथ ही पेयजल व्यवस्था सम्मिलित है मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों को सीएसआर मद का अधिकारिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं सीएसआर के तहत महाविद्यालयों की आवश्यकता और कंपनी की स्थिति के अनुरूप सीएसआर प्रस्ताव अलग-अलग प्रकार के होंगे वही महाविद्यालयों के प्राचार्यो की सुविधा के लिए 3 मानक प्रस्ताव तैयार किए गए हैं

पीटीसी विसुअल
नोट- आदेश की कॉपी रैप से भेजी है


Conclusion:कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत कार्यवाही करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
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