भोपाल। बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व का मुकाबला करने के लिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस भी उसी के हथियार का इस्तेमाल करने कर रही है. कांग्रेस भी हिंदुत्व के रास्ते पर चलती दिख रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ दोनों लगातार अपना हिंदू प्रेम दिखा (Hard Hindutva Of Congress) रहे हैं. दोनों हर मंच से राम का नाम जपना नहीं भूलते.
सत्ता के 'राम'
दिग्विजय सिंह के रामधुन गाने के बयान के बाद एक बार फिर चर्चा है कि आने वाले चुनावों से पहले कांग्रेस हिंदू वोटरों का दिल जीतना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस जन जागरण अभियान चला रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जन जागरण अभियान के प्रभारी हैं .
दिग्विजय सिंह इन दिनों पदयात्राएं निकाल रहे हैं. वे लोगों से कांग्रेस की सदस्यता लेने का अनुरोध (ram in mp politics) कर रहे हैं. यात्रा के बीच-बीच में रामधुन भी गा रहे हैं.
रामधुन की सियासत
भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने जब कहा कि मेरे क्षेत्र में आने वाले कांग्रेसियों के घुटने तोड़ दो, तो इसमें दिग्विजय सिंह को एक और अवसर दिया अपना राम प्रेम दिखाने का. उन्होंने कहा कि मैं आ रहा हूं रामेश्वर शर्मा के घर. वहां रामधुन गाऊंगा. (politics in the name of lord ram) जिसमें हिम्मत हो, वो तोड़े मेरे घुटने.
दिग्विजय सिंह और कांग्रेसियों को रोकने के लिए पुलिस ने भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के घर के आसपास जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी थी. दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेताओं के साथ मिंटो हॉल स्थित गांधी प्रतिमा से विधायक रामेश्वर शर्मा के घर की तरफ बढ़े. विधायक के घर से 200 मीटर पर बैरिकेडिंग के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद उन्होंने सड़क पर आधे घंटे बैठकर भजन(digvijay ramdhun) किया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ वापस चले गए.
'विरोधियों को नहीं बुलाते राम'
दिग्विजय सिंह वापस लौटे तो रामेश्वर शर्मा को तंज कसने का मौका मिल गया. उन्होंने कहा, दिग्विजय रामधुन में नहीं आ रहे. वो रामधुन का कहकर कहीं और चले गए. मैं तो उनके इंतजार में बैठा हूं. यहां तो हलवा- पूड़ी भी बना है. उनको कौन रोक रहा है. पहले पता कर लेना था.
कमलनाथ की शिव भक्ति
एमपी में कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता कमलनाथ हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मध्य प्रदेश में सरकार में रहते हुए और अब सत्ता से बेदखल होने के बाद भी हिंदुत्व की तरफ झुकाव जब-तब दिखता रहता है. वे हनुमान जी के पक्के भक्त हैं. समय-समय पर उज्जैन और केदारनाथ(kamalNath in Kedarnath) जाकर अपनी शिव भक्ति भी दिखा चुके हैं.
हिंदुत्व को वोट का जरिया नहीं बनाती कांग्रेस
मप्र कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के प्रमुख भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि कमलनाथ जी 50 साल से हनुमान जी की सेवा कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के लोग डेढ़ सौ से 200 सालों से भगवान राम की सेवा करते आ रहे हैं. उनके किले में अखंड ज्योति जलती है.
क्या बीजेपी के पास भगवान राम की फ्रेंचाइजी है
गुप्ता ने कहा कि हिंदुत्व क्या भाजपा की संपत्ति है या भगवान की फ्रेंचाइजी भाजपा ने ले रखी है. गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस और महात्मा गांधी 1905 से रघुपति राघव राजा राम गा रहे हैं .भाजपा के ढोंगी लोगों ने तो 1980 के बाद राम का नाम लेना शुरू किया है . हम कांग्रेसी तो अनंत काल से धार्मिक हैं. हम इसे वोट का जरिया नहीं मानते .हम इसे लोगों को ठगने का जरिया नहीं मानते .इसलिए हम बीजेपी की तरह दिखावा नहीं करते.
राजीव गांधी ने खुलवाए थे रामलला के कपाट
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर मप्र कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर पिछले साल विज्ञापन जारी कर दावा किया था, कि राजीव गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी, अयोध्या में राम मंदिर के गेट राजीव गांधी ने खुलवाए थे. कमलनाथ ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में राम वन गमन पथ के निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. पंचायत स्तर पर गौ शाला निर्माण का काम शुरू हुआ था. छिंदवाड़ा में प्रदेश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनाने का काम भी कमलनाथ ने किया था.
दिग्विजय सिंह रामधुन गा रहे तो कोई गड़बड़झाला
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह वही नेता हैं जो हिंदू और हिंदुत्व को गाली देते रहे हैं. दिग्विजय सिंह यदि रामधुन गा रहे हैं तो कोई ना कोई गड़बड़ झाला है ,जिसे वह छिपा रहे हैं. अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की हनुमान भक्ति को उनका व्यक्तिगत मामला बताया.
पीतांबरा पीठ पहुंची थी प्रियंका, केदारनाथ गए थे कमलनाथ
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के दतिया स्थित पीतांबरा पीठ में पूजा अर्चना और दर्शन करने पहुंची थी . वहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश में शिव अभिषेक कर उन्होंने हिंदुत्व के प्रति कांग्रेस के रवैये को साफ कर दिया था. ममध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ भी इसी दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने केदारनाथ पहुंचे थे.