भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते मध्य प्रदेश में लगे कोरोना कर्फ्यू के कारण बाजार पर असर पड़ा है, दुकानें बंद रही, साथ ही साथ ही शादियों का सीजन भी ठप रहने से बाजार पर इसका असर देखा गया है, इन सभी के चलते जीएसटी कलेक्शन पर इसका असर देखने को मिला है.
जीएसटी कलेक्शन में गिरावट
अप्रैल,मई और जून में मध्य प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में गिरावट रही, मार्च 2021 में जीएसटी कलेक्शन 2728.49 करोड़ रुपए रहा, वहीं अब जुलाई में एमपी का जीएसटी कलेक्शन 2,657 करोड़ रुपए रहा, जो कि पिछले साल जुलाई 2020 की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक रहा, इस तरह जुलाई में मध्य प्रदेश सरकार जीएसटी कलेक्शन में फायदे में रही.
जुलाई में ज्यादा जीएसटी कलेक्शन
टैक्स के जानकार और चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश जैन के मुताबिक कोरोना संक्रमण के बाद कोरोना कर्फ्यू लागू होने से अप्रैल और मई महीने में जीएसटी कलेक्शन में करीब 45 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन अब जुलाई माह में एमपी के जीएसटी कलेक्शन में बढोत्तरी हुई है, निर्माण गतिविधियों का चालू रहना और फैक्ट्रियों के चालू रहने में मिली छूट इसकी खास वजह है.
बाजार में नहीं है ग्राहकी
बाजारों में इन दिनों निराशा का माहौल है, शादियों के सीजन और त्योहारी सीजन आने के बाद भी बाजारों में ग्राहकी नदारद है, व्यापारियों का कहना है कि लोग केवल जरूरी चीजों की खरीदारी कर रहे हैं और आनलाइन सामान मंगा रहे हैं, जिससे फुटकर बाजार में उठाव नहीं आ पा रहा है, किराना कारोबारी संजय कुमार बताते हैं कि इन दिनों केवल 10 फीसदी ग्राहकी रह गई है, पूरा दिन ग्राहकों के इंतजार में गुजर जाता है.
बकाया टैक्स जमा करने की स्कीम का दिखा असर
टैक्स कंसल्टेंट और एमपी टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के सचिव मनीष त्रिपाठी कहते हैं कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण एमनेस्टी स्कीम है, जिसके तहत टैक्स पेयर्स को बकाया टैक्स जमा करने के लिए कम ब्याज और जुर्माने के साथ टैक्स रिटर्न फाइन करने की छूट दी गई थी, इस स्कीम के कारण ही लोगों ने अपने बकाया टैक्स जमा किया है, जिसके चलते ही जीएसटी कलेक्शन बढ़ा हुआ नजर आ रहा है.
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मार्च तक आल टाइम हाई रहा जीएसटी कलेक्शन
इधर मार्च 2021 तक के प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन की बात करें, तो यह आल टाइम हाई पहुंच गया था, मध्य प्रदेश का मार्च 2020 में जीएसटी कलेक्शन 2407.40 करोड़ रुपए था, वहीं मार्च 2021 में यह बढ़कर 2728.49 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, इस तरह एक साल में एमपी ने जीएसटी कलेक्शन में 13 प्रतिशत की ग्रोथ की थी.