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किसी की नहीं सुन रही कमलनाथ सरकार, चला रही केवल अपना संविधानः गोपाल भार्गव - बीजेपी के निलंबित विधायक

बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी की सजा पर भले ही हाईकोर्ट ने रोक लगा दी हो. लेकिन अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल नहीं हो सकी है. बीजेपी विधानसभा सत्र से पहले लोधी की सदस्यता बहाल कराने की कोशिश में जुटी है.

गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
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Published : Nov 12, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 5:55 PM IST

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी के मामले में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि लोधी की सजा पर हाईकोर्ट से रोक लगाए जाने के बावजूद सदस्यता बहाल नहीं की गई है. यह सरकार केवल अपनी चला रही है, जो भारत के संविधान की बात तक नहीं मान रही है.

गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अल्पमत की सरकार को बहुमत की सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश में अलग ही संविधान और अलग ही विधान चलाया जा रहा है. मुझे लगता है कि यह सरकार विधानसभा में अपनी किरकिरी कराने के लिए एक प्रकार का मंच तैयार कर रही है. जिस तरह का काम मध्य प्रदेश की सरकार कर रही है उससे पूरा लोकतंत्र लज्जित है.

नेता प्रतिपक्ष से गोपाल भार्गव का कहना है कि 'मैं फिर अपेक्षा करुंगा कि हाईकोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में तत्काल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल कर दी जाए. जिससे वे आगामी विधानसभा सत्र में भाग ले सके और उन्हें क्षेत्र और प्रदेश की जन समस्याएं उठाने का अवसर मिले'. उन्होंने कहा कि किसी को इस तरह से संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है, लेकिन जो प्रयास हो रहा हैं, यह प्रयास सत्र के मध्य नजर रखते हुए बीजेपी के एक सदस्य को कम करने का प्रयास है.

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बीजेपी के निलंबित विधायक प्रहलाद लोधी के मामले में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि लोधी की सजा पर हाईकोर्ट से रोक लगाए जाने के बावजूद सदस्यता बहाल नहीं की गई है. यह सरकार केवल अपनी चला रही है, जो भारत के संविधान की बात तक नहीं मान रही है.

गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अल्पमत की सरकार को बहुमत की सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश में अलग ही संविधान और अलग ही विधान चलाया जा रहा है. मुझे लगता है कि यह सरकार विधानसभा में अपनी किरकिरी कराने के लिए एक प्रकार का मंच तैयार कर रही है. जिस तरह का काम मध्य प्रदेश की सरकार कर रही है उससे पूरा लोकतंत्र लज्जित है.

नेता प्रतिपक्ष से गोपाल भार्गव का कहना है कि 'मैं फिर अपेक्षा करुंगा कि हाईकोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में तत्काल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल कर दी जाए. जिससे वे आगामी विधानसभा सत्र में भाग ले सके और उन्हें क्षेत्र और प्रदेश की जन समस्याएं उठाने का अवसर मिले'. उन्होंने कहा कि किसी को इस तरह से संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है, लेकिन जो प्रयास हो रहा हैं, यह प्रयास सत्र के मध्य नजर रखते हुए बीजेपी के एक सदस्य को कम करने का प्रयास है.

Intro:भोपाल। एक अपराधिक प्रकरण में 2 साल की सजा हो जाने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा बर्खास्त किए गए पन्ना जिले की पवई विधानसभा के बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी के मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार और मप्र विधानसभा के अधिकारी- पदाधिकारियों का गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि उच्च न्यायालय से सजा पर रोक लग जाने के बाद भी प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल नहीं की गई है। मध्यप्रदेश में एक तरह से अलग संविधान और विधान चल रहा है,जिसका शिकार प्रहलाद लोधी हो गए हैं। दरअसल अल्पमत की सरकार को बहुमत की सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है।


Body:मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि इस मामले में विधि सम्मत और संविधान सम्मत मैं बात कहूं। तो इसमें बीजेपी के लिए कोई नई रणनीति बनाने की आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट के फैसले में प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक लग गई है। कई उदाहरण हैं ऐसी है जिसमें सदस्यता खुद बहाल हो जाती है। मुझे लगता है कि यह सरकार विधानसभा में हुज्जत कराने के लिए या परस्पर संघर्ष करने के लिए एक प्रकार का मंच तैयार कर रही है। कि हम तो हाईकोर्ट की भी नहीं मानेंगे, भारत के संविधान की भी नहीं मानेंगे और सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला हो सकता है,तो भी नहीं मानेंगे।एक प्रकार से अलग विधान और संविधान मध्यप्रदेश में चल रहा है। प्रहलाद लोधी भी उसी का शिकार हो गए हैं।अल्पमत की सरकार को बहुमत में बदलने का काम जिस तरह से गैर कानूनी प्रावधानों और तरीकों से हो रहा है। इससे हमारा समूचा लोकतंत्र तो लज्जित है ही हमारी न्याय व्यवस्था को नीचा दिखाने का काम सरकार और विधानसभा के आधार अधिकारी और पदाधिकारी कर रहे हैं।


Conclusion:नेता प्रतिपक्ष से गोपाल भार्गव का कहना है कि मैं फिर अपेक्षा करूंगा कि हाईकोर्ट के आदेश के परिपेक्ष में तत्काल प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल कर आगामी विधानसभा सत्र में उन्हें क्षेत्र और प्रदेश की जन समस्याएं उठाने का अवसर दिया जाए। किसी को इस तरह से संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। लेकिन जो प्रयास हो रहा है, यह प्रयास सत्र के मध्य नजर रखते हुए बीजेपी के एक सदस्य को कम करने का प्रयास है।
Last Updated : Nov 12, 2019, 5:55 PM IST
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