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Good News: सोशल मीडिया के जरिए बीकानेर के प्रोफेसर ने बचाई मध्य प्रदेश में घायल गिद्ध की जान, जानें पूरा मामला - Rajasthan Hindi News

सोशल मीडिया आजकल लोगों के एक दूसरे से कनेक्ट होने का बेहतरीन माध्यम है और यदि इसका सदुपयोग किया जाए तो कई बार सकारात्मक (Good Use of Social Media) परिणाम देखने को मिलते हैं. एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां बीकानेर में बैठे प्रोफेसर ने Social Media के जरिए मध्य प्रदेश में घायल गिद्ध की जान बचाई है. यहां जानिए पूरा मामला...

Bikaner Profession Save Vulture Life in MP
सोशल मीडिया के जरिए बीकानेर के प्रोफेसर ने बचाई मध्य प्रदेश में घायल गिद्ध की जान
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Published : May 24, 2022, 10:54 PM IST

कटनी/बीकानेर। सोशल मीडिया के जरिए बीकानेर से हजारों किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के कटनी के विजयराघवगढ़ तहसील में एक घायल गिद्ध को बचाने का मामला सामने आया है. विजयराघवगढ़ तहसील में एक व्यक्ति (Vijayraghavgarh Tehsil Madhya Pradesh Vulture Rescue) अविनाश आठलये को अपने गांव में सड़क किनारे एक गिद्ध घायल अवस्था में मिला था. अविनाश ने उस वक्त गिद्ध को पानी पिलाकर छोड़ दिया, लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर उसने वीडियो पोस्ट कर दिया.

जिसके बाद बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए न सिर्फ गिद्ध की प्रजाति के बारे में बताया, बल्कि उसको रेस्क्यू करने के लिए भी कहा. जिस पर अविनाश ने आसपास गिद्ध के बारे में फिर से पता किया और दो दिन बाद में वह गिद्ध अविनाश को गांव में मिला और इसके बाद करीब 20 दिन तक प्रो. अनिल कुमार आदि ने इस गिद्ध के बारे में अविनाश से रोजाना संवाद रखा और गिद्ध के खाने-पीने और व्यवहार के बारे में जानकारी दी. 20 दिन अविनाश ने इस गिद्ध की सार संभाल की, जिसके बाद अब यह गिद्ध वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मौजूदगी में वापस वन में छोड़ दिया.

छिंदवाड़ा में मिला विलुप्त होते गिद्धों का झुंड, पर्यावरण के लिए अच्छे संकेत

दुर्लभ प्रजाति का है गिद्ध : महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष अनिल कुमार कहते हैं कि मैं 25 सालों से गिद्ध संरक्षण को लेकर काम कर रहा हूं और अपने रिसर्च में मैंने यह पाया है कि 50 फीसदी से ज्यादा गिद्ध के बच्चे रेस्क्यू के अभाव में अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के इस ताजा मामले में यह गिद्ध का बच्चा 3 महीने का है, जो कि लंबी गर्दन वाले Long Billed Vulture और सफेद पीठ वाले White Back Vulture श्रेणी का संकटग्रस्त प्रजाति का है.

उन्होंने बताया कि अभी इनका ब्रीडिंग सीजन चल रहा है और अप्रैल-मई माह में इनके जुवेनाइल बच्चे (Bikaner Profession Save Vulture Live in MP) पहली उड़ान के दौरान जमीन पर गिर जाते हैं. इसी समय इनके बच्चों को रेस्क्यू की आवश्यकता होती है और बिना रेस्क्यू के इनकी मौत हो जाती है. इस मामले में मैंने सोशल मीडिया पर जब देखा तो अपने अनुभव से इस गिद्ध को बचाने का प्रयास किया और उसके भोजन और खानपान को लेकर सारी जानकारी अविनाश से साझा किया. आज वह गिद्ध वापस सुरक्षित है.

कटनी/बीकानेर। सोशल मीडिया के जरिए बीकानेर से हजारों किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के कटनी के विजयराघवगढ़ तहसील में एक घायल गिद्ध को बचाने का मामला सामने आया है. विजयराघवगढ़ तहसील में एक व्यक्ति (Vijayraghavgarh Tehsil Madhya Pradesh Vulture Rescue) अविनाश आठलये को अपने गांव में सड़क किनारे एक गिद्ध घायल अवस्था में मिला था. अविनाश ने उस वक्त गिद्ध को पानी पिलाकर छोड़ दिया, लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर उसने वीडियो पोस्ट कर दिया.

जिसके बाद बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए न सिर्फ गिद्ध की प्रजाति के बारे में बताया, बल्कि उसको रेस्क्यू करने के लिए भी कहा. जिस पर अविनाश ने आसपास गिद्ध के बारे में फिर से पता किया और दो दिन बाद में वह गिद्ध अविनाश को गांव में मिला और इसके बाद करीब 20 दिन तक प्रो. अनिल कुमार आदि ने इस गिद्ध के बारे में अविनाश से रोजाना संवाद रखा और गिद्ध के खाने-पीने और व्यवहार के बारे में जानकारी दी. 20 दिन अविनाश ने इस गिद्ध की सार संभाल की, जिसके बाद अब यह गिद्ध वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मौजूदगी में वापस वन में छोड़ दिया.

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दुर्लभ प्रजाति का है गिद्ध : महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष अनिल कुमार कहते हैं कि मैं 25 सालों से गिद्ध संरक्षण को लेकर काम कर रहा हूं और अपने रिसर्च में मैंने यह पाया है कि 50 फीसदी से ज्यादा गिद्ध के बच्चे रेस्क्यू के अभाव में अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के इस ताजा मामले में यह गिद्ध का बच्चा 3 महीने का है, जो कि लंबी गर्दन वाले Long Billed Vulture और सफेद पीठ वाले White Back Vulture श्रेणी का संकटग्रस्त प्रजाति का है.

उन्होंने बताया कि अभी इनका ब्रीडिंग सीजन चल रहा है और अप्रैल-मई माह में इनके जुवेनाइल बच्चे (Bikaner Profession Save Vulture Live in MP) पहली उड़ान के दौरान जमीन पर गिर जाते हैं. इसी समय इनके बच्चों को रेस्क्यू की आवश्यकता होती है और बिना रेस्क्यू के इनकी मौत हो जाती है. इस मामले में मैंने सोशल मीडिया पर जब देखा तो अपने अनुभव से इस गिद्ध को बचाने का प्रयास किया और उसके भोजन और खानपान को लेकर सारी जानकारी अविनाश से साझा किया. आज वह गिद्ध वापस सुरक्षित है.

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