भोपाल। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकमात्र भगवान सूर्य ऐसे देवता हैं, जिनके हमें साक्षात दर्शन होते हैं. रविवार का दिन (Sunday Worship) भगवान भास्कर यानी सूर्य देव (Lord Surya) और भगवान विष्णु को समर्पित है. ग्रहों के राजा सूर्य देव (lord sun transit) सिंह (leo zodiac sign) राशि के स्वामी हैं. सूर्य ग्रह कुंडली में पिता, मान-सम्मान आदि के कारक है. मेष इनकी उच्च तथा तुला नीच राशि कही गई है. भगवान सूर्य (God Sun) की भक्ति जीवन को प्रकाशवान बना देती है न सिर्फ भौतिक सुख-समृद्धि में इजाफा होता है बल्कि आध्यात्मिक (Spiritual) तौर पर भी व्यक्ति संतुष्टि का अनुभव करता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर सूर्य देव (Surya Dev) की आराधना सुबह-सुबह की जाए तो उसका फल बेहद कल्याणकारी होता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान सूर्य की उपासना का फल जल्दी मिलता है. सूर्य देव की आराधना सिर्फ साधु-संतों ने नहीं बल्कि प्रभु श्री राम (lord Sri Ram) ने भी की थी.
Yearly horoscope 2022 : शनि प्रधान है वर्ष 2022 शनि का प्रभाव रहेगा सभी राशि वालों पर,3 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती तो 2 पर रहेगा ढैय्या का असर
भगवान सूर्यदेव की पूरे विधि-विधान से (god surya dev puja) पूजा-अर्चना करने पर जीवन में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त होती है. सूर्यदेव की उपासना करके यश में वृद्धि होती और रोगों से भी मुक्ति मिलती है. अपनी इच्छा पूर्ति के लिए पूजा के साथ उनका उपवास (fasting) व मंत्रों (mantras) (Surya Mantra) का जाप बहुत लाभकारी होता है. रविवार को अगर इन मंत्रों (Chant Surya Mantra) का जाप किया तो लाभ तुरंत मिल सकता है.
जानते हैं पूजन विधि और अर्घ्य का तरीका
हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवता को पूजने की एक धर्म सम्मत विधि होती है. सुबह के समय भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देने (lord Sun Worship) से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
रविवार को (Sunday Worship) सूर्य देव का पूजन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखें. सूर्य के उदय होने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अर्घ्य देते समय सूर्यदेव की ओर न देखकर जल प्रवाह में सूर्य की किरणों की ओर देखें. अक्षत (चावल), गुड़, गंगाजल और कुमकुम के साथ तांबे के लोटे से अर्घ्य अर्पित करें. अर्घ्य देते समय मंत्रों का सात बार जाप करें. अर्घ्य देने के पश्चात सूर्य देव से अपनी गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए. संध्या समय भी एक बार अर्घ्य दें.अब सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करें. नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. सूर्यदेव से स्वस्थ तन, मन व यश प्राप्ति की कामना करें.
अगर आप सूर्यदेव की पूजा (god surya dev puja) कर रहे हैं तो इन सरल मंत्रों (Surya Mantra) का जाप कर सकते हैं.
ॐ मित्राय नम: , ॐ रवये नम: , ॐ सूर्याय नम: , ॐ भानवे नम: , ॐ घृणि सूर्याय नमः
भूलकर भी न करें ये काम
जो लोग सूर्यदेव का उपवास (lord sun Worship) करते हैं, उन्हें इस दिन नमक व तेल से बने खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिये. उपवास के दौरान दिन में एक बार फलाहार करें. आमतौर पर लोग रविवार को ही बाल कटाते हैं परंतु मान्यता है कि इस दिन बाल कटाने से सूर्य कमजोर होता है. इस दिन तेल मालिश भी नहीं करते हैं क्योंकि यह सूर्य का दिन होता है और तेल शनि का होता है.