भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ राज्य में तीन विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त है. इस चुनाव को लेकर उनकी राय है कि कांग्रेस की ओर से उनका मुकाबला पूरी भाजपा, सरकार, प्रशासन और धनबल से था, इसके बावजूद जीत कांग्रेस की ही होगी. राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों रैगांव, जोबट व पृथ्वीपुर के अलावा खंडवा संसदीय क्षेत्र में उप-चुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान हो चुका है. मंगलवार दो नवंबर को नतीजे आने वाले हैं. नतीजों के आने से पहले कमलनाथ पूरी तरह आत्मविश्वास से भरे नजर आए. वे कांग्रेस की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि प्रदेश की जनता का उन्हें साथ मिलेगा.
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आज जनता सच के साथ खड़ी है ,कांग्रेस के साथ खड़ी है और वह भाजपा को घर भेजना चाहती है।भाजपा कितने भी हथकंडे अपना लें ,कितना भी सत्ता का दुरुपयोग कर लें लेकिन जीत सच की होगी , जीत कांग्रेस की ही होगी।
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने न्यूज एजेंसी के साथ खास बातचीत में कहा कि, राज्य के उपचुनाव में जनता उनके साथ हैं. वो कहते हैं, "इस चुनाव में मै अकेला पूरी भाजपा, सरकार, प्रशासन और धनबल से लड़ा, चुनाव में जीत कांग्रेस की ही होगी." आखिर कांग्रेस जीतेगी, क्यों इस सवाल का जवाब देते हुए कमल नाथ ने कहा, "वर्तमान में हर वर्ग परेशान है. चाहे किसान हो वह खाद, न्याय और दाम के लिए परेशान है. नौजवान भटक रहा है, छोटा व्यापारी परेशान है. इस तस्वीर की वजह से प्रदेश की जनता कांग्रेस का साथ देगी. यही वजह है कि चारों स्थानों पर कांग्रेस जीतेगी."
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कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के संगठन से है: कमलनाथ
कांग्रेस ने उप-चुनाव के साथ ही वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की भी तैयारी शुरु कर दी है और मुकाबला भाजपा के संगठन से मानकर चल रही है. कमलनाथ भी मानते है कि राजनीति काफी बदल गई है. राज्य में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के संगठन से है, इसलिए संगठन की तैयारी पर खास जोर है. राजनीति आज स्थानीय बन चुकी है, यह हमें स्वीकार करना पड़ेगा, इसलिए जब तक गांव-गांव में संगठन न हो, तब तक सफलता प्राप्त करना कठिन है. यह पूछे जाने पर कि राज्य में कमलनाथ का मुकाबला शिवराज सिंह चौहान या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से है, तो इस पर उनका कहना है कि उनका मुकाबला भाजपा से है. उनके मुख्यमंत्री या अध्यक्ष आते जाते रहें, अंत में जनता तय करती है. केवल चेहरे पर नहीं बल्कि सरकार कैसे चली है, उनको सरकार ने कितनी राहत पहुंचाई है.
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटें महिलाओं को दिए जाने के सवाल पर कमलनाथ का कहना है कि जहां क्षमता के अनुसार महिलाएं है, वहां हम उनको प्राथमिकता देंगे. महिलाओं को उनकी क्षमता के आधार पर प्राथमिकता दे सकते है, लेकिन सिर्फ पति के नाम पर घरेलू महिला हो और वह पति के नाम पर महिला चुनाव लड़ना चाहे, तो यह जनता स्वीकार नहीं करेगी.
राज्य को लेकर बहुत से सपने थे: कमलनाथ
राज्य में कांग्रेस कभी गुटों में नजर आती थी मगर कमलनाथ के अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी पर विराम लग गया था. इसी के चलते कांग्रेस सत्ता में लौटी थी, उप-चुनाव में कई बड़े नेता कम ही नजर आए. इसको लेकर कमलनाथ का कहना है कि, सभी नेता सक्रिय है, अपने-अपने क्षेत्र में. उप-चुनाव में सभी जुटे रहे, सभी ने अपने सुझाव दिए, सबने रणनीति पर काम किया, जहां हो सका, सबने दौरा किया. कमलनाथ राज्य के 15 माह मुख्यमंत्री रहे, मगर उनके मन में इस बात की कसक है कि वे राज्य को जिस मुकाम की तरफ ले जाना चाहते थे, वैसा नहीं कर पाए. उनका कहना है कि उनके राज्य को लेकर बहुत से सपने थे, जो अधूरे रह गए. वो कहते हैं, "हम चाहते थे कि मध्य प्रदेश की नई पहचान बनाई जाए, निवेश आए, कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए, बेरोजगारों का भविष्य सुरक्षित करे, बेरोजगार ही भविष्य में हमारे मध्य प्रदेश निर्माण करेंगे. हमारी कोशिश थी कि आर्थिक गतिविधि कैसे बढ़े मध्य प्रदेश में, जीडीपी ही केवल नहीं बल्कि आर्थिक गतिविधि कैसे बढ़े इस प्रदेश में."
इनपुट - आईएएनएस