भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी बारिश से हाहाकार मच गया. प्रदेश के 12 जिले भारी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. तकरीबन 454 गांव और कस्बों में पानी भर गया है. जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान भी आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. प्रदेश में अब तक 743 मिमी की अनुमानित बारिश के मुकाबले सोमवार सुबह तक 861 मिमी बारिश हुई है जो इस मौसम में 13 प्रतिशत अधिक है. मध्य प्रदेश में पिछले 20 साल बाद इस तरह की बाढ़ आई है.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, सिवनी जिले सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. होशंगाबाद में करीब 47 साल बाद नर्मदा ने ऐसा रौद्र रुप दिखाया कि पूरे शहर में पानी भर गया. जबकि रायसेन और सीहोर में भी नर्मदा से सटे क्षेत्र में जमकर हुई बारिश के बाद कई गांवों को खाली कर दिया गया. तो अन्य जिलों में भी अलर्ट किया गया है. प्रदेश 12 से ज्यादा जिलों में इस बार औसत से ज्यादा बारिश हुई.
पानी-पानी एमपी
- राज्य में अब तक 861 मिमी बारिश, सामान्य से 13% ज्यादा
- राज्य के 52 में से 21 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा
- मंदसौर के अलावा बाकि के सभी जिलों में सामान्य वर्षा
- 9 जिलों में हालात बिगड़े, 12 जिले बाढ़ से प्रभावित
- भोपाल समेत 19 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट
कई गांवों और कस्बों का शहरों से संपर्क टूटा हुआ है
ग्रामीण और अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क संपर्क भी अधिकांश जिलों से कटा हुआ है. पुल और पुलिया कई स्थानों पर डूब गए. रायसेन जिले में बहने वाली नदियों के साथ सागर और जबलपुर के साथ भोपाल का कनेक्शन कटा हुआ है. जबकि होशंगाबाद में नर्मदा का रौद्र रूप बारिश थमने के बाद भी लोगों को डरा रहा है. बात एमपी के दो सबसे बड़े शहर भोपाल और इंदौर की करें तो यहां भी हर जगह पानी-पानी नजर आ रहा है.
भोपाल-इंदौर में भी सामान्य से ज्यादा बारिश
- भोपाल में अब तक 794 मिमी बारिश के मुकाबले 1,113 मिमी बारिश हुई है
- सामान्य से 40 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई भोपाल में
- इंदौर में अब तक 660 मिमी बारिश के मुकाबले 932 मिमी बारिश हुई
- इंदौर में ये सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक वर्षा है
- आज सबसे ज्यादा 74 एमएम बारिश रतलाम जिले के पिपलोदा में हुई
- जावरा में भी 55 एमएम बारिश हो चुकी है
- रविवार तक सबसे ज्यादा बारिश 40 फीसदी छिंदवाड़ा में हुई
खोले गए सभी बांधों के डैम
एमपी के सभी जलाशय भर चुके हैं बांधों के गेट भी लगातार खोले जा रहे हैं. पिछले दो-तीन दिनों से जारी भारी वर्षा के कारण, राज्य के अधिकांश जलाशय अपनी पूरी क्षमता के पास हैं. गांधी सागर डैम, ओकारेश्वर डैम, बरगी बांध, बारना बांध सहित अन्य कई छोटे-छोटे डैमों के गेट खोल दिए गए हैं.
- तवा बांध के सभी 13 गेट खोले गए
- इंदिरा सागर बांध के 22 दरवाजे भी खुले
- ओंकारेश्वर बांध के 23 में से 21 गेट अक्सर खोले जा रहे हैं.
- राजघाट बांध के 18 में से 14 दरवाजे खोले गए
- बरगी बांध के 21 में से 17 गेट खोले गए हैं
- सरदार सरोवर जलाशय में पानी सिर्फ 7 मीटर नीचे है
लबालब जलाशय
- 251 जलाशयों में से 120 से अधिक 90% क्षमता से अधिक भरे हुए हैं
- अतिरिक्त पानी को बाहर निकलने के लिए बांध के गेट खोले जा रहे हैं
- इससे बहाव के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो रही है
अब चंबल अंचल अलर्ट पर
मध्यप्रदेश में अभी रुक-रुककर बारिश हो रही है. जबकि कोटा बेराज डैम के भी गेट खोले जाने के बाद अब चंबल अंचल को अलर्ट कर दिया गया है. भिंड, मुरैना और श्योपुर जिले में अभी से पुलिस और होमगार्ड के जवानों को तैनात कर दिया गया है. जबकि एसडीआरएफ के 60 जवानों की टीम को ग्वालियर रवाना कर दिया गया है. फिलहाल पूरे प्रदेश को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि अभी आगे और बारिश होने की संभावना है.