ETV Bharat / city

किसान यूनियन की शिवराज सरकार से मांग, फसल खरीदने का हो इंतजाम, कर्ज हो माफ

कोरोना वायरस की मार से अर्थव्यस्था बिगड़ रही है तो किसान भी परेशान है. मजदूर किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन जारी कर किसानों को तत्काल सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है. किसानों का कहना है कि सरकार उनके लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाए.

author img

By

Published : Mar 26, 2020, 10:51 PM IST

farmers union
किसान यूनियन के अध्यक्ष

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण जहां पूरे प्रदेश में गंभीर हालत बनी हुई है. तो दूसरी तरफ प्रदेश का अन्नदाता किसान कोरोना के साथ कई परेशानियों का सामना कर रहा है. किसानों की फसल लगभग 70 फीसदी कट चुकी है और किसान फसल को बेचने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते सबकुछ बंद है. सब्जी और फलों की खेती भी इसी स्थिति में हैं. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह किसानों के लिए उचित कदम उठाए जाने की मांग की है.

किसान यूनियन के अध्यक्ष

भारतीय किसान यूनियन ने शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल में लंबित सोयाबीन की भावांतर राशि, कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में लंबित गेहूं के बोनस किसानों के खाते में डाले जाने की मांग की है. वहीं किसानों की फसल सीधे खेतों से खरीदे जाने की मांग भी की है. क्योंकि परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यापारियों ने फसल खरीदने से इंकार कर दिया है. किसान यूनियन का कहना है कि अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा.

मुख्यमंत्री को जारी किया ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन जारी कर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है. यूनियन ने मांग की है कि कोरोना वायरस के कारण लगे प्रतिबंध के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए किसानों की समस्याओं का हल किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो किसानों की स्थिति भयावह हो जाएगी.

मालवा अंचल में फल का उत्पादन अधिक होता है. संतरे की फसल ज्यादा समय तक रखने की स्थिति में नहीं है, व्यापारी खरीदने को तैयार नहीं है. फसलों की कटाई में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. जो फसल निकल चुकी है, वह खेत खलिहान में खुले में पड़ी है. जिसके रखरखाव के लिए किसान के पास उचित साधन नहीं है. अगर जल्दी खरीदी नहीं की जाती है तो एक और प्राकृतिक आपदा का किसानों को सामना करना पड़ सकता है.

अतिवृष्टि के नुकसान का भी नहीं मिला मुआवजा

75 प्रतिशत अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिला है. अगर ये राशि किसानों को मिल जाती है. तो वो अपनी फसल की कटाई नकदी में करवा सकता है. जो किसान सबका पेट पालता है आज वो खुद का पेट पालने के लिए मजबूर है. अगर यह स्थिति नहीं सुधरी, तो ये वायरस से भी घातक सिद्ध होगा. इसलिए किसानों की सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए.

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण जहां पूरे प्रदेश में गंभीर हालत बनी हुई है. तो दूसरी तरफ प्रदेश का अन्नदाता किसान कोरोना के साथ कई परेशानियों का सामना कर रहा है. किसानों की फसल लगभग 70 फीसदी कट चुकी है और किसान फसल को बेचने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते सबकुछ बंद है. सब्जी और फलों की खेती भी इसी स्थिति में हैं. ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह किसानों के लिए उचित कदम उठाए जाने की मांग की है.

किसान यूनियन के अध्यक्ष

भारतीय किसान यूनियन ने शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल में लंबित सोयाबीन की भावांतर राशि, कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में लंबित गेहूं के बोनस किसानों के खाते में डाले जाने की मांग की है. वहीं किसानों की फसल सीधे खेतों से खरीदे जाने की मांग भी की है. क्योंकि परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यापारियों ने फसल खरीदने से इंकार कर दिया है. किसान यूनियन का कहना है कि अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा.

मुख्यमंत्री को जारी किया ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन जारी कर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है. यूनियन ने मांग की है कि कोरोना वायरस के कारण लगे प्रतिबंध के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए किसानों की समस्याओं का हल किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो किसानों की स्थिति भयावह हो जाएगी.

मालवा अंचल में फल का उत्पादन अधिक होता है. संतरे की फसल ज्यादा समय तक रखने की स्थिति में नहीं है, व्यापारी खरीदने को तैयार नहीं है. फसलों की कटाई में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. जो फसल निकल चुकी है, वह खेत खलिहान में खुले में पड़ी है. जिसके रखरखाव के लिए किसान के पास उचित साधन नहीं है. अगर जल्दी खरीदी नहीं की जाती है तो एक और प्राकृतिक आपदा का किसानों को सामना करना पड़ सकता है.

अतिवृष्टि के नुकसान का भी नहीं मिला मुआवजा

75 प्रतिशत अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिला है. अगर ये राशि किसानों को मिल जाती है. तो वो अपनी फसल की कटाई नकदी में करवा सकता है. जो किसान सबका पेट पालता है आज वो खुद का पेट पालने के लिए मजबूर है. अगर यह स्थिति नहीं सुधरी, तो ये वायरस से भी घातक सिद्ध होगा. इसलिए किसानों की सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.