विदिशा। किसानों को बैंक की किश्त भरने की अंतिम तिथि मार्च महीने के 28 और 30 तारीख दी गई है. यही वजह है कि परेशान किसान अपनी फसल को कृषि उपज मंडी में कम दामों पर बेचने को मजबूर हो रहा है. किसानों का कहना है कि शासन ने गेहूं उपार्जन के लिए जो समर्थन मूल्य तय किया है वह भी नहीं मिल रहा है,ऊपर से बैंक की किश्त भरने की टेंशन. ऐसे में किसान के पास अपनी फसल को मंडी में ले जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. ताकि नगद भुगतान होने पर वह बैंक की किश्त भर सके. तारीख को लेकर किसानों ने सीएम शिवराज से नाराजगी जताई है. (Vidisha Farmers angry with MP cm shivraj singh chauhan)
सरकार से किसान नाराज: किसानों का कहना है कि भाजपा की शिवराज सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन वास्तविक रूप से किसानों की समस्याओं को नहीं समझ रही है. किसानो ने बैंक की किश्त भरने की तारीख बढ़ाने की मांग की है. ताकि किसान मंडी में अपनी उपज को सही दाम में बेच सकें.
![Vidisha farmers angry with CM Shivraj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-vds-24-fasal-mp10069_24032022192140_2403f_1648129900_1057.jpg)
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पंजीयन में कमी : मंडियों में फसल बेचने के लिए पिछले साल के मुकाबले इस बार किसानों ने कम पंजीयन कराया है. पंजीकृत किसानों का आंकड़ा एक लाख के ऊपर भी नहीं पहुंचा है, जबकि पिछले साल एक लाख से ज्यादा किसानों ने अपना पंजीयन कराया था. पंजीयन कम होने के पीछे सरकार के नए नियम भी आड़े आ रहे हैं. बायोमेट्रिक नियम, टैक्स और ग्रेडिंग की व्यवस्था भी किसानों को पसंद नहीं आ रहा है.
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