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सीमाएं सील, आवाजाही जारी, ईटीवी भारत का रियलिटी टेस्ट

कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लगती राज्य की सीमाओं को सील करने के निर्देश तो दे दिए, लेकिन इन निर्देशों का कितना पालन हो रहा है इसकी सच्चाई जानी ईटीवी भारत ने ,जहां बार्डर पर कुछ अलग ही नजारा दिखाई दिया

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Published : Apr 5, 2021, 10:57 PM IST

Updated : Apr 9, 2021, 10:53 AM IST

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सीधी/बालाघाट/अनूपपुर।कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लगती अपनी सीमाओं को सील कर दिया है. दोनों ही राज्यों से बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इमरजेंसी के हालात में इन राज्यों से आने वाले यात्रियों को मध्यप्रदेश में आने वाले यात्रियों के लिए RTPCR टेस्ट रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा। ईटीवी भारत के रिपोर्ट्स ने ग्राउंड पर जाकर रियलिटी देखी. ईटीवी भारत ने जाना कि सीमाओं पर कितनी और किस तरह की सख्ती बरती जा रही है। देखिए छत्तीसगढ़ बॉर्डर से रियलिटी रिपोर्ट और बॉर्डर पर बरती जा रही सख्ती की सच्चाई

मध्यप्रदेश की सीमाएं सील

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बयान में कहा, कि 'हमारे पड़ोसी राज्यों में स्थिति बहुत बुरी है, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में संकट की स्थति है ऐसे देखते हुए सरकार ने महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ से भी प्रदेश में आवााजाही रोक लगा दी है। बॉर्डर पर चेक पोस्ट लगाकर यहां से आने वाले वाहनों को RTPCR रिपोर्ट लाना अनिवार्य है

ये भी हैं निर्देश

- कोई भी जिला लगा सकेगा रविवार को लॉकडाउन

- मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना भी लगाएं और कुछ समय के लिए ओपन जेल में भी रखें

- निजी अस्पतालों से अनुबंध कर बिस्तर बढ़ाएं

- आयुष्मान कार्डधारक का इलाज मुफ्त हो

- जिन शहरों में रविवार को लाकडाउन है वहां भी टीकाकरण चालू रहेगा

- सार्वजनिक आयोजन और मेलों की अनुमति नहीं दी जाएगी

ईटीवी भारत ने रियलिटी टेस्ट किया तो बॉर्डर पर वास्तविकता कुछ और दिखाई दी

"संकल्प" ने दिए सपनों को पंख, गरीब छात्रों को देता है मुफ्त शिक्षा

बॉर्डर से गायब है प्रशासन की टीम
सीधी जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है नाग पोखर यहां कोविड प्रोटोकॉल के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सरकार ने बॉर्डर सील का ऐलान तो कर दिया लेकिन सीमाओं पर इसका पालन कराने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं और ना ही स्थानीय प्रशासन सक्रीय नजर आया.जबकि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ से आने वाले वाहनों को जांच के बाद ही अंदर आने की अनुमति दी है लेकिन बॉर्डर पर ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दिया.कई लोग तो मास्क लगाए वगैर ही इधर से उधर जा रहे थे.इनके रोकने के लिए प्रशासन की कोई टीम भी वहां मौजूद नहीं थी. हालांकि स्थानीय लोग छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे केसों के लेकर चिंतित दिखे लेकिन लोगों के आवाजाही रोकने का कोई इंतजाम न होने से प्रशासन से नाराज भी हैं.

अनूपपुर में भी बॉर्डर पर नहीं दिखे बेरीकेट

ईटीवी भारत ने अनूपपुर जिले से लगने वालीे छत्तीसगढ़ की सीमा पर भी हालात का रियलिटी चैक किया .यहां भी कमोबेश वैसा ही नजारा था. सीमा को न तो बंद किया गया था और न किसी तरह की बेरीकेटिंग की गई थी. सीमा पर शासन का भी कोई अधिकारी कर्मचारी तैनात नहीं दिखा. यहां सीमाएं सील होने के आदेश के बावजूद छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश की ओर लोगों और गाड़ियों का आना जाना लगातार जारी है.

नहीं दिखी प्रशासन की कोई तैयारी

मंडला जिले की छत्तीसगढ़ से लगने वाली कबीरधाम सीमा पर भी यही हाल था लोग बेरोकटोक आवाजाही कर रहे थे, गाड़ियों से आवाजाही करने वालों का भी खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ टेम्प्रेचर लिया जा रहा था ना तो लोग RTPCR रिपोर्ट साथ लाए थे और ना कोई उसे देखने की जहमत उठा रहा था. शहडोल जिले से लगने वाली बार्डर पर भी कुछ ऐसा ही था ना तो लोगों को कोविड की कोई परवाह था और ना प्रशासन की राज्य में बढ़ते संक्रमण से निपटने की कोई तैयारी.

बालाघाट बॉर्डर भी बेहाल

छत्तीसगढ़ से लगती प्रदेश के बालाघाट बॉर्डर पर भी लापरवाही देखने को मिली। यहां भी लोगों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है। कोविट प्रोटोकॉल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती ही देखने को मिली। RTPCR रिपोर्ट साथ लाना जरूरी है इसे लेकर न लोगों को कोई जानकारी है ना प्रशासन को इसकी चिंता.

महाराष्ट्र बॉर्डर पर भी यही हाल

ईटीवी भारत ने महाराष्ट्र बॉर्डर पर भी रियलिटी रिपोर्ट चैक की. यहां महज एक हवलदार और एसआई के भरोसे चेकपोस्ट चल रही है। वहां पर जांच करने वाले अधिकारी बैठे हैं जो लोगों का टेम्प्रेचर चैक कर उनकी जानकारी लिख रहे हैं। जबकि ज्यादातर लोग बगैर RTPCR रिपोर्ट के ही महाराष्ट्र की तरफ से छिंदवाड़ा बॉर्डर क्रॉस कर रहे हैं. सिर्फ इक्का-दुक्का लोग ही RTPCR रिपोर्ट लिए दिखाई दिए। जबकि गाइडलाइन के मुताबिक महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश आने वाले सभी लोगों के लिए RTPCR रिपोर्ट लाना जरूरी है इसके बाद ही उन्हें एमपी की बॉर्डर में आने दिया जाएगा

बेरोकटोक हो रही है आवाजाही
मध्यप्रदेश के सौसर से लगी हुई नागपुर की बॉर्डर है। यहां से ज्यादातर लोग इलाज कराने या दूसरे जरूरी कामों के लिए नागपुर आते जाते हैं. नागपुर महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा कोविड संक्रमित जिला है, लेकिन बॉर्डर सील होने के ऐलान का बावजूद बगैर किसी रोकटोक के हो रहे इस आवागमन से आने वाले दिनों में प्रदेश में कोविड संक्रमण की रफ्तार नए रिकॉर्ड बना सकती है।

सीधी/बालाघाट/अनूपपुर।कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लगती अपनी सीमाओं को सील कर दिया है. दोनों ही राज्यों से बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इमरजेंसी के हालात में इन राज्यों से आने वाले यात्रियों को मध्यप्रदेश में आने वाले यात्रियों के लिए RTPCR टेस्ट रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा। ईटीवी भारत के रिपोर्ट्स ने ग्राउंड पर जाकर रियलिटी देखी. ईटीवी भारत ने जाना कि सीमाओं पर कितनी और किस तरह की सख्ती बरती जा रही है। देखिए छत्तीसगढ़ बॉर्डर से रियलिटी रिपोर्ट और बॉर्डर पर बरती जा रही सख्ती की सच्चाई

मध्यप्रदेश की सीमाएं सील

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बयान में कहा, कि 'हमारे पड़ोसी राज्यों में स्थिति बहुत बुरी है, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में संकट की स्थति है ऐसे देखते हुए सरकार ने महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ से भी प्रदेश में आवााजाही रोक लगा दी है। बॉर्डर पर चेक पोस्ट लगाकर यहां से आने वाले वाहनों को RTPCR रिपोर्ट लाना अनिवार्य है

ये भी हैं निर्देश

- कोई भी जिला लगा सकेगा रविवार को लॉकडाउन

- मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना भी लगाएं और कुछ समय के लिए ओपन जेल में भी रखें

- निजी अस्पतालों से अनुबंध कर बिस्तर बढ़ाएं

- आयुष्मान कार्डधारक का इलाज मुफ्त हो

- जिन शहरों में रविवार को लाकडाउन है वहां भी टीकाकरण चालू रहेगा

- सार्वजनिक आयोजन और मेलों की अनुमति नहीं दी जाएगी

ईटीवी भारत ने रियलिटी टेस्ट किया तो बॉर्डर पर वास्तविकता कुछ और दिखाई दी

"संकल्प" ने दिए सपनों को पंख, गरीब छात्रों को देता है मुफ्त शिक्षा

बॉर्डर से गायब है प्रशासन की टीम
सीधी जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है नाग पोखर यहां कोविड प्रोटोकॉल के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सरकार ने बॉर्डर सील का ऐलान तो कर दिया लेकिन सीमाओं पर इसका पालन कराने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं और ना ही स्थानीय प्रशासन सक्रीय नजर आया.जबकि प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ से आने वाले वाहनों को जांच के बाद ही अंदर आने की अनुमति दी है लेकिन बॉर्डर पर ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दिया.कई लोग तो मास्क लगाए वगैर ही इधर से उधर जा रहे थे.इनके रोकने के लिए प्रशासन की कोई टीम भी वहां मौजूद नहीं थी. हालांकि स्थानीय लोग छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे केसों के लेकर चिंतित दिखे लेकिन लोगों के आवाजाही रोकने का कोई इंतजाम न होने से प्रशासन से नाराज भी हैं.

अनूपपुर में भी बॉर्डर पर नहीं दिखे बेरीकेट

ईटीवी भारत ने अनूपपुर जिले से लगने वालीे छत्तीसगढ़ की सीमा पर भी हालात का रियलिटी चैक किया .यहां भी कमोबेश वैसा ही नजारा था. सीमा को न तो बंद किया गया था और न किसी तरह की बेरीकेटिंग की गई थी. सीमा पर शासन का भी कोई अधिकारी कर्मचारी तैनात नहीं दिखा. यहां सीमाएं सील होने के आदेश के बावजूद छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश की ओर लोगों और गाड़ियों का आना जाना लगातार जारी है.

नहीं दिखी प्रशासन की कोई तैयारी

मंडला जिले की छत्तीसगढ़ से लगने वाली कबीरधाम सीमा पर भी यही हाल था लोग बेरोकटोक आवाजाही कर रहे थे, गाड़ियों से आवाजाही करने वालों का भी खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ टेम्प्रेचर लिया जा रहा था ना तो लोग RTPCR रिपोर्ट साथ लाए थे और ना कोई उसे देखने की जहमत उठा रहा था. शहडोल जिले से लगने वाली बार्डर पर भी कुछ ऐसा ही था ना तो लोगों को कोविड की कोई परवाह था और ना प्रशासन की राज्य में बढ़ते संक्रमण से निपटने की कोई तैयारी.

बालाघाट बॉर्डर भी बेहाल

छत्तीसगढ़ से लगती प्रदेश के बालाघाट बॉर्डर पर भी लापरवाही देखने को मिली। यहां भी लोगों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है। कोविट प्रोटोकॉल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती ही देखने को मिली। RTPCR रिपोर्ट साथ लाना जरूरी है इसे लेकर न लोगों को कोई जानकारी है ना प्रशासन को इसकी चिंता.

महाराष्ट्र बॉर्डर पर भी यही हाल

ईटीवी भारत ने महाराष्ट्र बॉर्डर पर भी रियलिटी रिपोर्ट चैक की. यहां महज एक हवलदार और एसआई के भरोसे चेकपोस्ट चल रही है। वहां पर जांच करने वाले अधिकारी बैठे हैं जो लोगों का टेम्प्रेचर चैक कर उनकी जानकारी लिख रहे हैं। जबकि ज्यादातर लोग बगैर RTPCR रिपोर्ट के ही महाराष्ट्र की तरफ से छिंदवाड़ा बॉर्डर क्रॉस कर रहे हैं. सिर्फ इक्का-दुक्का लोग ही RTPCR रिपोर्ट लिए दिखाई दिए। जबकि गाइडलाइन के मुताबिक महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश आने वाले सभी लोगों के लिए RTPCR रिपोर्ट लाना जरूरी है इसके बाद ही उन्हें एमपी की बॉर्डर में आने दिया जाएगा

बेरोकटोक हो रही है आवाजाही
मध्यप्रदेश के सौसर से लगी हुई नागपुर की बॉर्डर है। यहां से ज्यादातर लोग इलाज कराने या दूसरे जरूरी कामों के लिए नागपुर आते जाते हैं. नागपुर महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा कोविड संक्रमित जिला है, लेकिन बॉर्डर सील होने के ऐलान का बावजूद बगैर किसी रोकटोक के हो रहे इस आवागमन से आने वाले दिनों में प्रदेश में कोविड संक्रमण की रफ्तार नए रिकॉर्ड बना सकती है।

Last Updated : Apr 9, 2021, 10:53 AM IST
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