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नए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों का हल्लाबोल, कक्काजी ने भी किया समर्थन

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Published : Sep 3, 2020, 1:54 PM IST

नए मंडी मॉडल एक्ट का विरोध बढ़ता जा रहा है. आज मंडी कर्मचारियों के मोर्चे ने भोपाल में मंडी केंद्र के सामने धरना दिया. किसान नेता कक्काजी ने भी इस धरने को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि अगर यह मंडी एक्ट वापस नहीं लिया गया तो फिर आने वाले समय में विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

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भोपाल न्यूज

भोपाल। सरकार द्वारा लागू किए गए किए गए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में प्रदेश भर की 259 मंडियां आज से 3 दिन तक बंद रहेंगी. मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भोपाल में मंडी बोर्ड के बाहर धरना प्रदर्शन किया. किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि इस एक्ट से मंडी में केवल व्यापारियों की चलती होगी. जिससे हम्माली और अन्य छोटे-छोटे कर्मचारियों का शोषण किया जाना शुरु हो जाएगा.

नए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों का प्रदर्शन

कक्काजी ने कहा कि प्रदेश भर में 259 कृषि उपज मंडियां हैं, इन मंडियों का कार्यभार मंडी समिति संभालती है. मंडी प्रांगण के अंदर आने वाले माल वाहनों लाइसेंस धारियों से मंडी समितियों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन बनता है. लेकिन मंडी एक्ट लागू होने से अब किसान का माल सीधे बाजार में उतारा जा रहा है. इसको लेकर मंडी समिति के कर्मचारियों ने विरोध किया है.

विधानसभा का करेंगे घेराव

कक्काजी ने कहा कि हमने प्रदेश के एक-एक विधायक को इस मामले में पत्र लिखा है. अगर कोई विधायक इस एक्ट के सपोर्ट में वोट करेगा तो जनता उसके विरोध में वोट करेगी. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि नया मंडी मॉडल वापस लिया जाए. मंडी कर्मचारियों के संघर्ष मोर्चे ने चेतावनी दी है कि यदि नया मॉडल वापस नहीं लिया तो आने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

भोपाल। सरकार द्वारा लागू किए गए किए गए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में प्रदेश भर की 259 मंडियां आज से 3 दिन तक बंद रहेंगी. मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भोपाल में मंडी बोर्ड के बाहर धरना प्रदर्शन किया. किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि इस एक्ट से मंडी में केवल व्यापारियों की चलती होगी. जिससे हम्माली और अन्य छोटे-छोटे कर्मचारियों का शोषण किया जाना शुरु हो जाएगा.

नए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों का प्रदर्शन

कक्काजी ने कहा कि प्रदेश भर में 259 कृषि उपज मंडियां हैं, इन मंडियों का कार्यभार मंडी समिति संभालती है. मंडी प्रांगण के अंदर आने वाले माल वाहनों लाइसेंस धारियों से मंडी समितियों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन बनता है. लेकिन मंडी एक्ट लागू होने से अब किसान का माल सीधे बाजार में उतारा जा रहा है. इसको लेकर मंडी समिति के कर्मचारियों ने विरोध किया है.

विधानसभा का करेंगे घेराव

कक्काजी ने कहा कि हमने प्रदेश के एक-एक विधायक को इस मामले में पत्र लिखा है. अगर कोई विधायक इस एक्ट के सपोर्ट में वोट करेगा तो जनता उसके विरोध में वोट करेगी. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि नया मंडी मॉडल वापस लिया जाए. मंडी कर्मचारियों के संघर्ष मोर्चे ने चेतावनी दी है कि यदि नया मॉडल वापस नहीं लिया तो आने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा.

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