भोपाल। वैलेंटाइन-डे का दिन हर युवाओं के लिए बेहद खास होता है. आज के दिन प्यार के इजहार का दिन माना जाता है. लेकिन इसके पीछे की कहानी जाननी बेहद जरुरी है. क्योंकि जिसे इजहार का दिन मानकर युवा मनाता है. उसके पीछे एक सच्चे प्रेमी ने अपना बलिदान तक दे दिया था.
- वैलेंटाइन-डे की पूरी कहानी
वैलेंटाइन-डे की शुरूआत रोम के पादरी संत वैलेंटाइन से शुरू होती है, संत वैलेंटाइन के बारे में कहा जाता है कि साल 270 में संत वैलेंटाइन प्रेम को बढ़ावा देते थे. प्रेमी जोड़ों की शादी कराया करते थे. लेकिन ये बाद रोम के राज को खटकती थी. क्योंकि वो प्रेम विवाह में विश्वास नहीं करते थे.
- रोम के राजा ने प्यार पर लगाया पहरा
रोम के राजा क्लाउडियस का कहना था कि प्रेम या इसके प्रति झुकाव के चलचे युवाओं का ध्यान भंग होता है, इस वजह से रोम के लोग सेना में भर्ती नहीं हो रहे है, ऐसे में क्लाउडियस के रोम में सैनिकों की शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी गई.
- संत वैलेंटाइन ने कराई लोगों की शादी
रोम के राजा ने प्यार पर जब पहरा लगाया तो संत वैलेंटाइन ने इसका विरोध किया. और प्यार करने वालों की शादियां कराना शुरू कर दी. इन शादियों में राजा के सैनिक भी शामिल थे.
वैलेंटाइन डे 2021 : जवां दिलों की धड़कन बढ़ाने वाला दिन
- संत वैलेंटाइन का अमर प्रेम
संत वैलेंटाइन के बारे में जब राजा को पता चला तो उन्होंने संत वैलेंटाइन को सलाखों में कैद कर दिया. लेकिन इसी दौरान उनकी मुलाकात जेलर की बेटी से हुई जो आंखों से देख नहीं सकती थी, लेकिन दोनों में प्यार हो गया. जिस दिन संत वैलेंटाइन को फांसी दी जानी थी, वो दिन 14 फरवरी था, उसी दिन उन्होंने जेलर की बेटी को प्रेम पत्र लिखा. इस लेटर के आखिरी में लिखा था. 'फॉम योर वैलेंटाइन'. उसके बाद से ही संत वैलेंटाइन हमेशा के लिए अमर हो गए. तब से लेकर अब तक हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन-डे मनाया जाता है.