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दिग्विजय सिंह ने खरगोन हिंसा पर उठाए सवाल बोले- मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर BJP के लोग खुद फिंकवाते हैं पत्थर

प्रदेश के खरगोन और बड़बानी में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि कुछ गरीब मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर पत्थर फिंकवाए जाते हैं

digvijay singh said on khargone violence
खरगोन हिंसा पर बोले दिग्विजय सिंह
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Published : Apr 26, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 12:24 PM IST

नीमच। पिछले दिनों प्रदेश के खरगोन और बड़बानी में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि कुछ गरीब मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर पत्थर फिंकवाए जाते हैं. उन्होंने अपने दावे को लेकर यह भी कहा कि हालांकि वे अभी इसकी सच्चाई की जांच कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री यहां जिले के दौरे पर आए थे.

खरगोन हिंसा पर बोले दिग्विजय सिंह

आरोप नहीं लगा रहा, जानकारी दे रहा हूं: साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर बड़ा बयान देते हुए दिग्विजय सिंह ने सफाई भी दी, उन्होंने कहा कि अभी वे इन घटनाओं की सत्यता की जांच करा रहे हैं. इसी कारण वे आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि यह बता रहे हैं कि उनके पास ऐसी सूचनाएं आई हैं.

ठेकेदार चला रहे हैं भाजपा सरकार: मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक समय था जब भाजपा और जनसंघ के लिए कार्यकर्ता साइकिल से चने साथ बांधकर प्रचार किया करते थे. आज वे सब हाशिये पर हैं. अब भाजपा की सरकार केवल ठेकेदारों की सरकार है. जहां शराब, रेत ठेकेदार सरकार चला रहे हैं. संविधान का कहीं पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने पिछले दिनों नीमच भाजपा जिलाध्यक्ष के एक जुलूस में तलवार लहराने के मामले में कार्रवाई न होने पर सरकार और प्रशासन पर भेदभाव का आरोप भी लगाया.

कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकताः जब कांग्रेसी एकजुट हो जाएंगे, तब उन्हें कोई नहीं हरा पाएगा. देश में जहां भी दंगे हो रहे हैं, उनकी जड़ भड़काऊ भाषण ही हैं, जो भी लोग भड़काऊ भाषण दे रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को दंगों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
प्रशांत किशोर के सवाल पर दिया यह जवाबः पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को दंगों से नहीं जोड़ा जा सकता. जब अतिक्रमण हो रहा था, तब सरकार क्या कर रही थी. दंगे होने पर अतिक्रमण तोड़कर क्या दर्शाना चाहते हैं. अतिक्रमण होने ही क्यों दिया. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. कमलनाथ सरकार के समय अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई हुई थी. प्रशांत किशोर के गांधी परिवार को अध्यक्ष पद छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है. नेहरू-गांधी परिवार वो परिवार है, जिसने देश की आजादी के लिए न केवल लड़ाई लड़ी, बल्कि दो-दो प्रधानमंत्रियों ने अपनी देश की खातिर अपनी कुर्बानी दे दी.

नीमच। पिछले दिनों प्रदेश के खरगोन और बड़बानी में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि कुछ गरीब मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर पत्थर फिंकवाए जाते हैं. उन्होंने अपने दावे को लेकर यह भी कहा कि हालांकि वे अभी इसकी सच्चाई की जांच कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री यहां जिले के दौरे पर आए थे.

खरगोन हिंसा पर बोले दिग्विजय सिंह

आरोप नहीं लगा रहा, जानकारी दे रहा हूं: साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर बड़ा बयान देते हुए दिग्विजय सिंह ने सफाई भी दी, उन्होंने कहा कि अभी वे इन घटनाओं की सत्यता की जांच करा रहे हैं. इसी कारण वे आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि यह बता रहे हैं कि उनके पास ऐसी सूचनाएं आई हैं.

ठेकेदार चला रहे हैं भाजपा सरकार: मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक समय था जब भाजपा और जनसंघ के लिए कार्यकर्ता साइकिल से चने साथ बांधकर प्रचार किया करते थे. आज वे सब हाशिये पर हैं. अब भाजपा की सरकार केवल ठेकेदारों की सरकार है. जहां शराब, रेत ठेकेदार सरकार चला रहे हैं. संविधान का कहीं पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने पिछले दिनों नीमच भाजपा जिलाध्यक्ष के एक जुलूस में तलवार लहराने के मामले में कार्रवाई न होने पर सरकार और प्रशासन पर भेदभाव का आरोप भी लगाया.

कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकताः जब कांग्रेसी एकजुट हो जाएंगे, तब उन्हें कोई नहीं हरा पाएगा. देश में जहां भी दंगे हो रहे हैं, उनकी जड़ भड़काऊ भाषण ही हैं, जो भी लोग भड़काऊ भाषण दे रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को दंगों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
प्रशांत किशोर के सवाल पर दिया यह जवाबः पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को दंगों से नहीं जोड़ा जा सकता. जब अतिक्रमण हो रहा था, तब सरकार क्या कर रही थी. दंगे होने पर अतिक्रमण तोड़कर क्या दर्शाना चाहते हैं. अतिक्रमण होने ही क्यों दिया. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. कमलनाथ सरकार के समय अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई हुई थी. प्रशांत किशोर के गांधी परिवार को अध्यक्ष पद छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है. नेहरू-गांधी परिवार वो परिवार है, जिसने देश की आजादी के लिए न केवल लड़ाई लड़ी, बल्कि दो-दो प्रधानमंत्रियों ने अपनी देश की खातिर अपनी कुर्बानी दे दी.

Last Updated : Apr 27, 2022, 12:24 PM IST
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