भोपाल। मध्य प्रदेश साइबर सेल के द्वारा गाजियाबाद में फ्लैट किराए पर लेने को लेकर मध्यप्रदेश के डीजीपी और साइबर सेल के स्पेशल डीजी के बीच हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि साइबर सेल की डीजी ने हनीट्रैप मामले की जांच कर रही SIT पर सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच डीजी स्तर के अधिकारी से करवाए जाने की मांग की है, इससे पहले उन्होंने कहा था कि हनी ट्रैप मामले को साइबर सेल के गाजियाबाद में किराए पर लिए गए फ्लैट से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
शुरुआत से ही इस मामले के लिए बनाई गई SIT विवादों में है. पहले CID आईजी को इसका चीफ बनाया गया और 24 घंटे बाद ही बदल दिया गया. शर्मा ने मांग की है कि इस मामले की जांच किसी डीजी स्तर के अधिकारी से करवाई जाए, जो पीएचक्यू से बाहर पदस्थ हो.
उन्होंने ये भी कहा कि साइबर सेल के किराए पर लिए गए फ्लैट को हनी ट्रैप मामले से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इस तरह से फ्लैट की लोकेशन को सार्वजनिक करने से साइबर के अधिकारी, कर्मचारियों की जान को खतरा भी हो सकता है, उन्होंने ये भी कहा कि, इस पूरे मामले की लिखित शिकायत उन्होंने आईपीएस एसोसिएशन से भी की है और इसे लेकर वे राज्य सरकार को भी पत्र लिखेंगे.
बता दें कि मध्य प्रदेश साइबर सेल ने अफसरों के लिए एक फ्लैट गाजियाबाद में किराए से लिया था. इस फ्लैट को लेकर प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा को जमकर फटकार लगाई थी और उस फ्लैट को हनी ट्रैप मामले से जोड़कर देखा जा रहा था, इसके बाद से ही दोनों अधिकारियों के बीच विवाद जारी है.