भोपाल। मध्य प्रदेश में पांच साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को ठीक रखने के उद्देश्य से दस्तक अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान 31 अगस्त तक जारी रहेगा. अभियान में एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का संयुक्त दल घर-घर जाकर पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर बीमारियों की पहचान करेगा.
अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की होगी पहचान: बताया गया है कि दस्तक अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान और प्रबंधन की जानकारी लोगों को दी जाएगी. साथ ही छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल हिमोग्लोबिनो मीटर के उपयोग से गंभीर एनीमिया अर्थात खून की कमी की स्क्रीनिंग कर उसका प्रबंधन किया जाएगा.
ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता लाई जाएगी: दस्त की रोकथाम के लिए ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति सामुदायिक जागरूकता लाई जाएगी. जिन घरों में पांच वर्ष तक की आयु के बच्चे हैं, वहां ओआरएस पेकेट्स का वितरण भी किया जाएगा.
बच्चों को विटामिन A का घोल पिलाया जाएगा: इसके अतिरिक्त माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन ए का घोल पिलाया जाएगा. बच्चों में दिखने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान कर उनमें आवश्यक प्रबंध किया जाएगा. बच्चों में होने वाले निमोनिया की त्वरित पहचान करने, प्रबंधन करने और रेफरल के विषय में भी परिवारों को जागरूक किया जाएगा.
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अभियान में बच्चों और शिशुओं को संतुलित आहार के विषय में जानकारी दी जाएगी. एसएनसीयू और एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों की बीमारी की स्क्रीनिंग और आवश्यकतानुसार रेफरल भी किया जाएगा. गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत और टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण भी किया जाएगा.(Dastak campaign in MP)(Dastak campaign to improve the health of children)
(आईएएनएस)