भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से डाबर इंडिया (Dabur India) के प्रतिनिधियों ने भेंट कर प्रदेश की देवारण्य योजना की सराहना की है. डाबर इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मोहित मल्होत्रा ने कहा कि देवारण्य योजना आयुर्वेदिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट बनाने वाली इकाइयों के लिए उपयोगी है और स्थानीय स्तर पर आय संवर्धन के लिए सार्थक है.
डाबर करेगा 570 करोड़ का निवेश
औद्योगिक निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण और सुविधाओं को देखते हुए डाबर अन्य राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश में निवेश का इच्छुक है. धार के पीथमपुर में 19.62 हेक्टेयर में 570 करोड़ के निवेश की योजना है, जिससे लगभग 1200 से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार उपलब्ध हो सकेगा.
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75 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष होगा उत्पादन
स्थापित होने वाली इकाई में खाद्य सामग्री, च्यवनप्राश सहित अन्य आयुर्वेदिक उत्पाद (Ayurvedic Products), पर्सनल केयर संबंधी प्रोडक्ट बनाए जायेंगे. इकाई की कुल उत्पादन क्षमता लगभग 75 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष होगी. डाबर इंडिया विश्व की सबसे बड़ी आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य देखभाल वाली 136 वर्ष पुरानी कंपनी है. इसका टर्न ओवर लगभग 8 हजार 700 करोड़ रुपये है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रदेश के जनजातीय लोगों के आयुष से संबंधित ज्ञान के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना (Devarnya Yojana) क्रियान्वित की गई है.
इथेनॉल उत्पादन संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत
मुख्यमंत्री चौहान से वेकमेट इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर मयंक अग्रवाल और राहुल अग्रवाल ने भी भेंट की. उन्होंने बीओपीटी/बीओपीपी फिल्म निर्माण की 900 करोड़ रूपये निवेश की योजना पर चर्चा की. इससे लगभग 800 व्यक्तियों के लिए रोजगार उपलब्ध होगा. इसी क्रम में महाकौशल डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड के प्रदीप अग्रवाल और विकास मित्तल ने इथेनॉल उत्पादन संबंधी प्रस्ताव रखे.