भोपाल। कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरनाक उसका डर साबित हो रहा है. जो लोगों को बीमार कर रहा है. छोटी-मोटी शारीरिक परेशानी को भी लोग कोरोना संक्रमण से जोड़ रहे हैं. जिससे उनमें मानसिक तनाव की स्थिति बन रही है. लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं और मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं. इस तरह के लोगों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है.
शहर की जानी मानी मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य बताती हैं कि कोरोना संक्रमण के डर से डिप्रेशन में कई लोग उनके पास आ रहे हैं. वो बताती हैं कि पिछले दिनों बावड़िया कला इलाके में रहने वाले एक शख्स को हल्की सर्दी-खांसी हुई जिससे वो तनाव में आ गए, उन्हें लगा कि वो कोरोना संक्रमित हो गए हैं. उन्होंने खुद को घर में ही क्वारंटाइन कर लिया. काउंसलिंग के बाद ही उनकी हालत में काफी सुधार आया है.
मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य कहती हैं कि कोरोना को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. इसे लेकर लोगों में घबराहट और बेचैनी होती है. कोरोना महामारी के बाद इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
डिप्रेशन से बचने ये करें उपाय
- कोरोना संक्रमण अपने आप नहीं होता, बल्कि इससे संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है. इससे बचने के लिए लोगों से दूरी बनाकर रखें.
- लॉकडाउन में घर में रहकर अपने पसंदीदा काम करें. खूब गाने सुनें, साहित्य किताबें पढ़ें, अगर लिखने का शौक है तो लिखें.
- नकारात्मक बातों से दूर रहने के लिए सिर्फ कोरोना से जुड़े समाचार पढ़ने देखने की बजाय दूसरी चीजें भी पढ़ें.
- नियमित योग और ध्यान करें.