भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है. राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश और देश में 1 जुलाई से अनलॉक-2 शुरू हो गया है, इसमें अनलॉक-1 के मुकाबले काफी छूट दी जाने लगी है. सभी तरह के बाजार खुल गए हैं, लोगों के आने-जाने पर ज्यादा पाबंदियां नहीं लगाई गईं. धार्मिक स्थल, मॉल खोल दिए गए हैं और छोटे आयोजन करने की भी अनुमति दे दी गयी है, इसके अलावा परिवहन व्यवस्था भी अब काफी हद तक शुरू हो चुकी है. लेकिन इन सब व्यवस्थाओं के बीच कोरोना वायरस का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है बल्कि 1 जुलाई से लेकर 7 जुलाई के बीच में संक्रमण के नए मामलों में और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है.
नए मामलों के साथ ही बढ़े मौत के आंकड़े
राजधानी भोपाल की बात करें तो 1 जुलाई के बाद से रोजाना ही यहां 50 से ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. यदि 1 जुलाई से लेकर 7 जुलाई तक के मामलों की तुलना जून के आखिरी सप्ताह यानी कि 24 जून से 30 जून के बीच की जाए तो मामलों में बढ़ोतरी साफ तौर पर दिखाई दे रही है. जहां पहले 24 जून से 30 जून के बीच 231 मामले सामने आए थे तो वहीं 1 जुलाई से 7 जुलाई के बीच 411 नए मामले सामने आए हैं. मौत का आंकड़ा भी 101 से बढ़कर 113 हो गया है. कुल आंकड़ों की बात करें तो जहां 30 जून को भोपाल में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2831 थी, तो वहीं 7 जुलाई को यह बढ़कर 3241 हो गयी है.
इब्राहिमगंज नया हॉटस्पॉट
1 जुलाई के बाद से ना केवल आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि भोपाल के अब उन क्षेत्रों से भी कोरोना वायरस मामले सामने आ रहे हैं, जहां पर जून के महीने में एक भी मामले नहीं थे या फिर बहुत कम मामले सामने आए थे. भोपाल का इब्राहिमगंज अब नया हॉटस्पॉट बनकर सामने आया है. यहां अब तक करीब 56 मामले सामने आ चुके हैं और इस क्षेत्र में सर्वे-सैंपलिंग का काम जारी है. इसके अलावा साकेत नगर, शाहपुरा, चूनाभट्टी, एमपी नगर, अरेरा कॉलोनी शहर के ऐसे पॉश क्षेत्र है, जहां से रोजाना ही नए मामले सामने आ रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग चौकस
हालांकि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का कहना है कि हमने बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कोविड सेंटर्स में पर्याप्त व्यवस्था कर ली है और शहर में एक्टिव मामलों की संख्या कम है. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने इस बारे में बताया कि मध्यप्रदेश में एक टीम ने आंकलन किया था, जिसके मुताबिक जुलाई के माह में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके मुताबिक हमारी पूरी तैयारी है और भारत सरकार की जो भी गाइडलाइन जारी हो रही है, उसी के मुताबिक काम किया जा रहा है.
अनलॉक-1 के बाद अनलॉक-2 में जिस तरह से बाजार, सैलून, मॉल, धार्मिक स्थल और बाकी सारी गतिविधियां को शुरू कर दी गई हैं. उसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. कर्फ्यू का समय भी बदलने से लोगों की आवाजाही बढ़ी है और एक दूसरे से संपर्क करने के कारण संक्रमण लगातार फैलने का खतरा अब भी बरकरार है. यदि इसी गति से नए मामले सामने आए तो राजधानी भोपाल में जुलाई के महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5-6 हजार पहुंच सकती है.