भोपाल। आपातकाल के 45 साल पूरे हो गए, बीजेपी हर साल इस दिन को 'काला दिवस' के रूप में मनाती है और आपातकाल के अत्याचारों का प्रचार कर अपने पक्ष में माहौल तैयार करती है. इस साल भी बीजेपी आपातकाल की बरसी को 'काला दिवस' के रूप में मना रही है, इस मौके पर बीजेपी ने भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदर्शनी लगाई है. वहीं दूसरी ओर आपातकाल की बरसी पर भाजपा कार्यालय में लगी प्रदर्शनी में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रदर्शनी में रखे साहित्य को हटाने की मांग की है.
विवादित साहित्य के इस्तेमाल पर कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा की, 'बड़े अफसोस की बात है कि, इस प्रदर्शनी में ऐसा साहित्य परोसा गया है, जो शर्म को भी शर्मसार कर दे. ऐसी गंदी और अश्लील भाषा में साहित्य लिखा गया है कि, जिसे पढ़कर कोई भी आदमी शर्मसार हो जाए'. सालूजा ने सवाल उठाए की 'क्या भाजपा कार्यालय में महिलाएं नहीं आती, की ऐसी भाषा का साहित्य लगाया गया है'. साथ ही सालूजा ने पोस्टर के साथ ही पदर्शनी में लगे साहित्य पर सवाल खड़े करते हुए उसकी सत्यता का प्रमाण मांगा है.
भाजपा से सवाल करते हुए सालूजा ने कहा की, 'मैं भाजपा से सवाल करना चाहता हूं कि, यह जो आरोप लगाए गए हैं, जिस तरह से गंदी और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया गया है, क्या इसको लेकर कोई प्रमाण मौजूद है, क्या बगैर साक्ष्य और प्रमाण के इस तरह का साहित्य लगाया गया है, हम इसकी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि, भाजपा अश्लील और निम्न स्तरीय साहित्य को हटाए.