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सिंधिया के गढ़ में लगेगा कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा, 7 मई को ग्वालियर-चंबल से होगी संभागवार बैठकों की शुरूआत, कमलनाथ भी आएंगे - ग्वालियर चंबल अंचल में जुटेंगे कांग्रेस के बड़े नेता

कांग्रेस की नजर अंचल की 34 सीटों पर है. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद इलाके की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को महज 9 सीटें ही मिली थी, जबकि 19 बीजेपी के खाते में गई थीं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के खाते में 26 सीटें आई थीं, और बीजेपी को सिर्फ 7 सीटें ही मिलीं थीं.

congress show of strength in Chambal resion
सिंधिया के गढ़ में अपनी ताकत दिखाएगी कांग्रेस
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Published : May 3, 2022, 3:52 PM IST

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस ग्वालियर-चंबल में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई है. कांग्रेस की नजर अंचल की 34 सीटों पर है. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद इलाके की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को महज 9 सीटें ही मिली थी, जबकि 19 बीजेपी के खाते में गई थीं. इसलिए कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में यहां पार्टी और संगठन को मजबूत करना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस 7 मई को संभागीय बैठक करने जा रही है. कांग्रेस के प्लान पर तंज कसते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि वे सिर्फ बैठकें ही कर सकते हैं.

सिंधिया के गढ़ में अपनी ताकत दिखाएगी कांग्रेस

संभाग स्तर पर बैठक करेगी कांग्रेस: मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस 7 मई से प्रदेश भर में संभाग स्तरीय बैठकें करने जा रही है. इसकी शुरुआत सबसे पहले ग्वालियर चंबल इलाके से होने जा रही है. यहां से पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के खाते में 26 सीटें आई थीं, और बीजेपी को सिर्फ 7 सीटें ही मिलीं थीं. एक सीट बहुजन समाज पार्टी को मिली थी, लेकिन बड़ा फैक्टर यह है कि उस वक्त अंचल का बड़ा चेहरा माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के साथ थे, हालांकि बाद में पार्टी नेताओं से बिगड़े राजनीतिक समीकरणों के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ अपने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया और कमलनाथ की सरकार गिर गई. सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस की पकड़ कमजोर हुई. पार्टी दिग्विजिय सिंह और गोविंद सिंह के चेहरे पर ग्वालियर चंबल में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रही है.


कमलनाथ सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद: 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 9 मिल सकीं थी, लेकिन कांग्रेस यहां 2018 के परिणामों को दोहराना चाहती है, इसलिए इस क्षेत्र में पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है. 7 मई से शुरू होने वाली संभागवार बैठकों की शुरूआत ग्वालियर-चंबल संभाग से की जा रही है. बैठक में कमलनाथ सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, विधायक, पूर्व विधायक और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में चुनाव तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. पार्टी ने यह भी तय किया है कि इसके बाद बूथ, मंडलम और सेक्टर पदाधिकारियों के साथ जिलेवार बैठकें भी की जाएंगी.

नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना: गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में मजबूत होने की कोशिश कर रही कांग्रेस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है. मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेता सिर्फ बैठकें ही कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की इन बैठकों से किसी को चिंता नहीं है.

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस ग्वालियर-चंबल में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई है. कांग्रेस की नजर अंचल की 34 सीटों पर है. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद इलाके की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को महज 9 सीटें ही मिली थी, जबकि 19 बीजेपी के खाते में गई थीं. इसलिए कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में यहां पार्टी और संगठन को मजबूत करना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस 7 मई को संभागीय बैठक करने जा रही है. कांग्रेस के प्लान पर तंज कसते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि वे सिर्फ बैठकें ही कर सकते हैं.

सिंधिया के गढ़ में अपनी ताकत दिखाएगी कांग्रेस

संभाग स्तर पर बैठक करेगी कांग्रेस: मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस 7 मई से प्रदेश भर में संभाग स्तरीय बैठकें करने जा रही है. इसकी शुरुआत सबसे पहले ग्वालियर चंबल इलाके से होने जा रही है. यहां से पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के खाते में 26 सीटें आई थीं, और बीजेपी को सिर्फ 7 सीटें ही मिलीं थीं. एक सीट बहुजन समाज पार्टी को मिली थी, लेकिन बड़ा फैक्टर यह है कि उस वक्त अंचल का बड़ा चेहरा माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के साथ थे, हालांकि बाद में पार्टी नेताओं से बिगड़े राजनीतिक समीकरणों के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ अपने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया और कमलनाथ की सरकार गिर गई. सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस की पकड़ कमजोर हुई. पार्टी दिग्विजिय सिंह और गोविंद सिंह के चेहरे पर ग्वालियर चंबल में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रही है.


कमलनाथ सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद: 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 9 मिल सकीं थी, लेकिन कांग्रेस यहां 2018 के परिणामों को दोहराना चाहती है, इसलिए इस क्षेत्र में पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है. 7 मई से शुरू होने वाली संभागवार बैठकों की शुरूआत ग्वालियर-चंबल संभाग से की जा रही है. बैठक में कमलनाथ सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, विधायक, पूर्व विधायक और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में चुनाव तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. पार्टी ने यह भी तय किया है कि इसके बाद बूथ, मंडलम और सेक्टर पदाधिकारियों के साथ जिलेवार बैठकें भी की जाएंगी.

नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना: गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में मजबूत होने की कोशिश कर रही कांग्रेस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है. मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेता सिर्फ बैठकें ही कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की इन बैठकों से किसी को चिंता नहीं है.

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